केंद्रीय चुनाव आयोग. 1 मई को सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. याचिका लगाई कि अदालतों में जो जज मौखिक टिप्पणी करते हैं. उसकी रिपोर्टिंग पर रोक लगाई जाए. बदनामी होती है. 3 मई को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई की और चुनाव आयोग की मांग को सिरे से खारिज कर दिया. देखिए वीडियो.