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सुप्रीम कोर्ट ने सद्गुरु के Isha Foundation के खिलाफ याचिका खारिज की, बंधक बनाने के मामले में राहत

याचिकाकर्ता ने आश्रम के खिलाफ मद्रास हाईकोर्ट में कहा, 'ईशा फाउंडेशन ने उनकी बेटियों का ब्रेनवॉश किया, जिसके बाद वो संन्यासी बन गईं. बेटियों को कुछ खाना और दवा दी जा रही है. इससे उनकी सोचने-समझने की शक्ति खत्म हो गई है.'

सद्गुरु जग्गी वासुदेव के ईशा फाउंडेशन आश्रम पर आरोप है कि उन्होंने दो महिलाओं को बंधक बनाया हुआ है. आरोप लगाने वाले तमिलनाडु एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के रिटायर्ड प्रोफेसर और उन दोनों महिलाओं के पिता एस कामराज हैं. मामला हाईकोर्ट पहुंचा, फिर सुप्रीम कोर्ट में उसे चुनौती दी गई. आखिरकार 18 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने सद्गुरु जग्गी वासुदेव के ईशा फाउंडेशन के खिलाफ केस बंद करने का फैसला किया है. कोर्ट ने कहा कि ‘महिलाओं के पिता की याचिका गलत है, क्योंकि दोनों महिलाएं बालिग हैं और वो अपनी मर्जी से आश्रम में रह रही हैं.’ पूरे मामले की शुरुआत कैसे हुई जानिए इस वीडियो में.