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YouTuber ने एयरपोर्ट पर किराये की दुकान ली, फिर 167 करोड़ का सोना इधर-उधर कर डाला

Chennai International Airport में gold smuggling का एक बड़ा गिरोह पकड़ा गया है. इन्होंने महज 2 महीने में 267 किलो सोने की तस्करी कर डाली जिसकी कीमत 167 करोड़ रुपये बताई गई है.

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चेन्नई एयरपोर्ट में पकड़ा गया सिंडिकेट. (तस्वीर : इंडिया टुडे)

चेन्नई के इंटरनेशनल एयरपोर्ट में सोने की तस्करी करने वाला एक बड़ा गिरोह पकड़ा गया है. ये गिरोह एयरपोर्ट में स्थित एक दुकान से चलाया जा रहा था. इस दुकान को एक यूट्यूबर साबिर अली ने एयरपोर्ट अथॉरिटी से किराए पर लिया था. हवाई अड्डे में रहते हुए इस रैकेट ने 2 महीने में 267 किलो सोने की तस्करी कर डाली. इसकी कीमत 167 करोड़ रुपये लगाई गई है. अब तक इस मामले में 9 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.

लेकिन अचंभे की बात ये कि सिंडिकेट विदेश से बैठकर चलाया जा रहा था. इसके तार श्रीलंका और अबू धाबी के तस्करों से जुड़े बताए जा रहे हैं. इस मामले में तमिलनाडु के एक युवा नेता जी अशोक पृथ्वी का नाम भी सामने आ रहा है. साथ ही एयरपोर्ट अथॉरिटी के कुछ लोगों के भी शामिल होने का आरोप लगाया गया है.

बीती 29 जून के दिन चेन्नई एयरपोर्ट में बनी एक गिफ्ट की दुकान में चेन्नई एयर इंटेलिजेंस यूनिट पहुंची. इस दुकान को यूट्यूबर साबिर अली ने फरवरी में ही किराए पर लिया था. लेकिन इंटेलिजेंस यूनिट के लोग खूफिया जानकारी के आधार पर वहां पहुंचे थे. उन्होंने दुकान की तलाशी शुरू की. जांच में जो सामने आया वो हैरान करने वाला था. दुकान के मालिक मोहम्मद साबिर अली के मलाशय से पेस्ट के फॉर्म में 3 बंडल सोना मिला.

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सोने के इस तरह से तस्करी किए जाने का पता चलते ही इंटेलिजेंस यूनिट हरकत में आई. दुकान की जांच में साबिर समेत 7 और लोगों को पकड़ा गया. पता चला पूरी दुकान केवल तस्करी के लिए किराए पर ली गई थी. इसका मास्टरमाइंड श्रीलंका का नागरिक आर कुमार बताया गया. उसने अबू धाबी में रहते हुए हवाला के पैसे से एयरपोर्ट में दुकान किराए पर ली थी. इस काम में उनका साथ यूट्यूबर साबिर ने दिया.

कैसे मिली दुकान?

इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक श्रीलंका के नागरिक कुमार आर ने यूट्यूबर साबिर से संपर्क किया था. उसने साबिर को एयरपोर्ट में एक दुकान किराए पर लेने को कहा था. इसके पैसे कुमार ही देने वाला था. एयरपोर्ट में दुकान के लिए 77.44 लाख रुपये एडवांस दिए गए. इसमें 30 लाख साबिर अली के साथ जेवियर डिसूजा नाम के शख्स ने दिए. बाकी का भुगतान कुमार आर ने अलग-अलग बैंक अकाउंट से किया. 

ये सारा पैसा विदवेदा नाम की कंपनी को दिया गया जो एयरपोर्ट में दुकानों का देखरेख करती है. गिरफ्तारी के बाद साबिर ने बताया कि विदवेदा के डायरेक्टर जी अशोक पृथ्वी ने अथॉरिटी पर दुकान देने के लिए दबाव बनाया. 22 फरवरी 2024 के दिन एयरपोर्ट में दुकान मिल भी गई. फिलहाल जी अशोक समेत एयर अथॉरिटी के अधिकारी के घर की तलाशी जारी है.

कैसे करते थे तस्करी?

तस्करी के समय सोने को पेस्ट के रूप में एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जाता. विदेश से सोना लाने वाले तस्कर टॉयलेट या फिर दुकान में जा कर सोने को छिपा जाते. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक ये सोना अबू धाबी और सिंगापुर से लाया जाता था. इसके बाद दुकान में काम करने वाले लोग इस सोने को अपने मलाशय में छिपाकर एयरपोर्ट से बाहर ले जाते थे. दुकान में काम करने वालों के पास नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो यानी BCAS का कार्ड रहता, जिससे कर्मचारियों की शायद ही कभी तलाशी होती. इससे वे आसानी से एयरपोर्ट की सुरक्षा से बच निकलते थे.

इसी के जरिए इन लोगों ने 267 किलो सोने की तस्करी कर डाली जिसकी कीमत 167 करोड़ रुपये थी.

एक्सप्रेस ने बताया है कि उसने जी अशोक पृथ्वी से बात करने की कोशिश की, लेकिन उनकी जगह पर एक ‘वरिष्ठ BJP नेता’ ने बताया कि उन्होंने इस मामले में इंटर्नल जांच बैठा दी है. उनकी कंपनी देश के 9 एयरपोर्ट में काम करती है. इस नेता ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि जी अशोक तस्करी में शामिल होंगे.

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