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"अडानी के बंदे Wikipedia की जानकारी एडिट कर रहे, फर्जी अकाउंट भी हैं"

विकिपीडिया के संपादकों ने अडानी ग्रुप पर आरोप लगाए, उधर हिंडनबर्ग के फाउंडर का ट्वीट आ गया.

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(बाएं-दाएं) गौतम अडानी और विकिपीडिया का लोगो. (फोटो- इंडिया टुडे और विकिपीडिया)

अडानी ग्रुप और इसके प्रमुख गौतम अडानी पर अमेरिकी फाइनैंशियल रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट (Hindenburg Report Adani Group) को आए लगभग एक महीने होने को है. बीती 25 जनवरी को रिपोर्ट पब्लिश की गई थी. तब से शायद ही कोई दिन ऐसा बीता हो जब अडानी ग्रुप इस रिपोर्ट या इसकी वजह से पैदा हुए संकटों से जुड़ी खबरों से अछूता रहा हो. अडानी ग्रुप की मुश्किलें अब भी थमती नहीं दिख रही हैं. खबर है कि अब विकिपीडिया (Wikipedia) ने समूह को घेर लिया है. उसके संपादकों ने आरोप लगाया है कि अडानी ग्रुप के 'कर्मचारियों’ ने उसके प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी से छेड़छाड़ की.

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक संपादकों ने कहा है कि अडानी ग्रुप के कुछ कर्मचारियों ने ये काम ऐसे ‘PR’ (पब्लिक रिलेशन से जुड़े लोग) से कराया है जो कि निष्पक्ष नहीं था. विकिपीडिया की ओर से कहा गया,

“40 से ज्यादा कठपुतली या अघोषित पेड एडिटरों ने अडानी ग्रुप और अडानी परिवार से जुड़े 9 आर्टिकल्स में बदलाव किए थे. इन संपादकों ने (अपनी तरफ से) कई आर्टिकल्स बनाए या उनमें ऐसी जानकारी जोड़ी जो निष्पक्ष नहीं थी. एक पेड एडिटर ने कंपनी के IP एड्रेस का इस्तेमाल कर अडानी ग्रुप पर लिखे पूरे एक आर्टिकल में बदलाव किया था.”

विकिपीडिया का कहना है कि गौतम अडानी पर लिखे गए आर्टिकल्स को 25 फेक अकाउंट्स से एडिट किया गया था. वहीं, अडानी ग्रुप पर लिखे विकिपीडिया आर्टिकल्स को 22 फेक अकाउंट्स द्वारा एडिट किया गया था.

हिंडनबर्ग के फाउंडर नेट एंडरसन की भी इस पर प्रतिक्रिया सामने आई. उन्होंने कहा,

“ये दिखाता है कि कैसे अडानी ग्रुप ने अपनी विकिपीडिया की एंट्रीज़ में छेड़छाड़ की है. ये काम फेक अकाउंट्स और पेड एडिटर्स द्वारा कराया गया है.”

अब तक 10 हजार करोड़ से ज्यादा का घाटा

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अडानी ग्रुप के खिलाफ स्टॉक में हेराफेरी और अकाउंट में फ्रॉड करने के आरोप लगाए गए थे. तब से अब तक अडानी ग्रुप को तगड़ा नुकसान हुआ है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अडानी ग्रुप को करीब 132 बिलियन डॉलर का नुकसान हो चुका है. रुपये में ये कीमत 10 हजार 920 अरब रुपये है.

अडानी ग्रुप क्या-क्या कर रहा है?

अब अडानी ग्रुप ने अपने सभी लोन के प्रीपेमेंट शुरु कर दिए है. साथ ही तमाम उधारियों को समय से चुकाना शुरू कर दिया है ताकि वो देनदारों और बैंकों की गुडबुक्स में शामिल हो सके. कंपनी के बड़े अधिकारियों ने विदेश में कंपनी के निवेशकों और बॉन्ड होल्डर्स के साथ मीटिंग शुरू कर दी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन लोगों ने अडानी समूह में हाल फिलहाल के दिनों में 8 बिलियन डॉलर का निवेश किया था यानी लगभग 66 हजार 254 करोड़ रुपये.

बैंक ऑफ बड़ौदा के CEO संजीव चड्ढा ने कहा है कि वो अडानी को मुंबई के धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के लिए और धनराशि मुहैया कराने के बारे में सोच रहे हैं. बैंक ऑफ बड़ौदा सरकारी बैंक है. वो अडानी को और पैसा दिए जाने की बात सोच रहा है. अडानी ग्रुप के लिए सारी बुरी खबरों के बीच एक ये राहत भरी खबर है.

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