पिछले कई दिनों से पाकिस्तान का एक वीडयो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इसमें कुछ लोग सड़कों पर बड़े-बड़े बैलून लेकर जाते दिख रहे हैं. दरअसल, ये बैलून नहीं प्लास्टिक की थैलियां हैं. इसमें लोग एलपीजी भरकर ले जा रहे हैं. आर्थिक तंगी और कुकिंग गैस सिलेंडर के स्टॉक में कमी के कारण लोग इस 'खतरनाक' तरकीब को अपना रहे हैं. खतरनाक इसलिए क्योंकि प्लास्टिक के फटने से हमेशा जान जाने का खतरा बना रहता है.
पाकिस्तान में सिलेंडर नहीं प्लास्टिक में LPG भरवा रहे लोग, खबर पढ़कर दिमाग चकरा जाएगा!
पाकिस्तान में घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत 2548 रुपये है.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वाह प्रांत में इस तरह के प्लास्टिक बैग्स का इस्तेमाल सबसे ज्यादा हो रहा है. इस प्रांत में गैस सिलेंडर का स्टॉक काफी घट गया है जिसके कारण वेंडरों ने सप्लाई बंद कर दिया है. विडंबना है कि सबसे ज्यादा गैस का उत्पादन खैबर पख्तूनख्वाह में ही होता है. खैबर पख्तूनख्वाह के कराक जिले में 2007 से लोगों के पास गैस कनेक्शन नहीं हैं. वहीं हांगू जिले में पिछले दो सालों से गैस सप्लाई बंद है क्योंकि पाइपलाइन टूटने के बाद मरम्मत नहीं करवाया गया.
पाकिस्तानी पत्रकार गुलाम अब्बास शाह ने एक वीडियो ट्वीट किया है. इसमें कुछ लोग गैस की थैलियों को ले जाते दिख रहे हैं. शाह ने लिखा,
प्लास्टिक में कैसे मिलती है गैस?"घरों में नैचुरल गैस की सप्लाई नहीं होने से कराक के लोग प्लास्टिक बैग्स में गैस भरकर ले जा रहे हैं. असल में वे बम लेकर चल रहे हैं. कराक में तेल और गैस का बड़ा भंडार है. लेकिन कराक के लोगों को साल 2007 से ही गैस कनेक्शन नहीं मिल रहा है."
रिटेल दुकानों पर कंप्रेशर के जरिये प्लास्टिक बैग्स में गैस भरी जाती है. इन थैलियों में 2 या 3 किलोग्राम एलपीजी भरी जाती है. प्लास्टिक की इन थैलियों पर नोजल और वाल्व लगे होते हैं. गैस सिलेंडर के महंगे दामों की वजह से भी लोग इसे इस्तेमाल कर रहे हैं. रिपोर्ट की मानें तो अलग-अलग साइज के हिसाब से प्लास्टिक थैलियों में गैस 500 से 900 रुपये में मिल रही है. पाकिस्तान में 11.8 किलोग्राम घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत 2548 रुपये है.
हालांकि एलपीजी के इस्तेमाल का ये तरीका काफी खतरनाक है. कई लोग इसके फटने से घायल हो रहे हैं. जर्मन मीडिया आउटलेट DW की रिपोर्ट के मुताबिक, इन थैलियों के ब्लास्ट के कारण पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के बर्न केयर सेंटर में रोज 8 मरीज पहुंचते हैं. अस्पताल के मेडिकर ऑफिसर डॉ कुरतुलैन ने कहा कि ये आंकड़ा किसी दिन काफी बढ़ सकता है.
पिछले महीने इस तरह की कई रिपोर्ट सामने आई थी. जिसके बाद पाकिस्तान की ऑयल एंड गैस रेगुलेटरी अथॉरिटी (OGRA) ने प्लास्टिक में गैस बेचने वालों पर कार्रवाई की थी. OGRA ने प्लास्टिक में एलपीजी बेचने को अवैध और खतरनाक बताया था. पेशावर में कार्रवाई के बाद OGRA के अधिकारियों ने दावा किया था कि अवैध तरीके से एलपीजी बेचने की गतिविधि बंद हो गई.
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