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आंबेडकर की वो 22 प्रतिज्ञाएं, जिन्हें दोहराने के बाद राजेंद्र पाल गौतम को मंत्रिपद छोड़ना पड़ा

दिल्ली सरकार में मंत्री रहे राजेंद्र पाल गौतम इन प्रतिज्ञाओं को दोहराते ही विवादों में आ गए थे. उन्हें और अरविंद केजरीवाल को हिंदू विरोधी कहा जाने लगा था.

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राजेंद्र पाल गौतम एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे. (फोटो - EFP/आजतक)

"मैं ब्रम्हा, विष्णु और महेश को कभी ईश्वर नहीं मानूंगा. और, कभी उनकी पूजा नहीं करूंगा. मैं राम और कृष्ण को कभी ईश्वर नहीं मानूंगा और न ही कभी उनकी पूजा करूंगा. मैं हिंदू धर्म के किसी भी देवी-देवता को नहीं मानूंगा और न कभी उनकी पूजा करूंगा."

ये हम नहीं कह रहे हैं. ये एक वायरल वीडियो में कहा जा रहा है. बस कहा नहीं जा रहा, शपथ दिलाई जा रही है. वीडियो है एक धर्मांतरण कार्यक्रम का. वीडियो में हैं दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता राजेंद्र पाल गौतम. इस वीडियो को लेकर काफी विवाद हुआ. वीडियो में जो बातें हैं, उनकी कहानी बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर से जुड़ी है.

क्या है वायरल वीडियो की कहानी?

दिसंबर 2022 में गुजरात में विधानसभा चुनाव होने हैं. AAP और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जमकर प्रचार कर रहे हैं. प्रचार के बीच दिल्ली सरकार में पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम के एक वीडियो वायरल हुआ. वीडियो है एक धर्मांतरण कार्यक्रम का, जिसमें मंत्री राजेंद्र पाल गौतम शामिल हैं. विवाद छिड़ गया. अरविंद केजरीवाल को 'हिंदू-विरोधी' कहा जाने लगा. गुजरात में तो पोस्टर भी लग गए, जिस पर लिखा है, "हिंदू-विरोधी केजरीवाल, वापस जाओ!" एक पोस्टर में उन्हें सफ़ेद टोपी पहने हुए दिखाया गया.

विवाद के बाद राजेंद्र पाल गौतम ने इस्तीफा दे दिया. 9 अक्टूबर को. अनुसूचित जाति और जनजाति कल्याण विभाग के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने इस्तीफ़ा देते हुए कहा कि बीजेपी गंदी राजनीति कर रही है. ये भी कहा है कि बौद्ध धर्म परिवर्तन कार्यक्रम से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कोई नाता नहीं है. और, वो नहीं चाहते कि उनकी वजह से केजरीवाल और आम आदमी पार्टी पर कोई आंच आए. इसलिए इस्तीफ़ा दे दिया है.

लेकिन वीडियो में जो शपथ हैं, वो हैं आंबेडकर की 22 प्रतिज्ञाएं हैं. वो 22 प्रतिज्ञाएं, जो आंबेडकर ने बौद्ध धर्मं में 'लौटने' पर अपने और अपने अनुयायियों के लिए तय की थीं.

क्या हैं आंबेडकर की प्रतिज्ञाएं?

बाबा साहेब आंबेडकर ताउम्र ग़ैर-बराबरी, जातिवाद और छुआछूत के खिलाफ लड़े. 15 अक्टूबर, 1956. बाबा साहेब ने हिंदू धर्म त्याग दिया और  बौद्ध धर्म अपना लिया. धर्मांतरण के लिए अपने छह लाख अनुयायियों के साथ प्रतिज्ञाएं लीं. ये इस तरह से हैं-

- मैं ब्रह्मा, विष्णु और महेश में कोई विश्वास नहीं करूंगा और न ही उनकी पूजा करूंगा.

- मैं राम और कृष्ण, जो भगवान के अवतार माने जाते हैं, उनमें कोई आस्था नहीं रखूंगा. न ही उनकी पूजा करूंगा.

- मैं गौरी, गणपति और हिन्दुओं के बाक़ी देवी-देवताओं में आस्था नहीं रखूंगा और न ही उनकी पूजा करूंगा.

- मैं भगवान के अवतार में विश्वास नहीं करता हूं.

- मैं नहीं मानता और न कभी मानूंगा कि भगवान बुद्ध विष्णु के अवतार थे. मैं इसे केवल पागलपन और झूठा प्रॉपगैंडा मानता हूं.

- मैं श्राद्ध में भाग नहीं लूंगा और न ही पिंड-दान करूंगा.

- बुद्ध के सिद्धांतों और उपदेशों का उल्लंघन हो, ऐसा कोई काम नहीं करूंगा.

- ब्राह्मणों के बनाए किसी भी रीति-रिवाज के तहत हो रहे समारोह को स्वीकार नहीं करूंगा.

- मैं मनुष्य की बराबरी में विश्वास करता हूं.

- मैं बराबरी स्थापित करने की कोशिश करूंगा.

- मैं बुद्ध के आष्टांगिक मार्ग पर चलूंगा.

- मैं बुद्ध के 10 परमितों का पालन करूंगा.

22 प्रतिज्ञाओं को ऐसे निर्धारित किया कि हिंदू धर्म के बंधनों को पूरी तरह अलग हुआ जा सके. (फोटो - ambedkaritetoday.com)

- मैं सभी जीवित प्राणियों के प्रति दया और करूणा रखूंगा और उनकी रक्षा करूंगा.

- चोरी नहीं करूंगा.

- झूठ नहीं बोलूंगा.

- कोई भी सेक्शुअल पाप (carnal sin) नहीं करूंगा.

- शराब, ड्रग्स जैसे नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करूंगा.

- पवित्र आष्टांगिक मार्ग के पालन का प्रयास करूंगा और अपने दैनिक जीवन में दयालु रहने का अभ्यास करूंगा.

- मैं हिंदू धर्म का त्याग करता हूं. जो मानवता के लिए हानिकारक है और उन्नति और मानवता के विकास में बाधक है क्योंकि ये ग़ैर-बराबरी पर आधारित है. और, बौद्ध धर्म को अपनाता हूं.

- मैं दृढ़ता के साथ विश्वास करता हूं की बुद्ध का धम्म ही सच्चा धर्म है.

- मुझे विश्वास है कि मैं बौद्ध धर्म को अपनाने के साथ फिर से जन्म ले रहा हूं.

- मैं दृढ़ता के साथ घोषित ये करता हूं कि मैं अपना जीवन बुद्ध के सिद्धांतों, शिक्षाओं और उनके धम्म के हिसाब से जियूंगा.

ये थीं आंबेडकर की प्रतिज्ञाएं, जिसका पहला हिस्सा उस वायरल वीडियो में है.

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