WHO ने एक बार फिर भारत में बनी कफ सिरप (Cough Syrup) दवाओं को लेकर अलर्ट जारी किया है. पिछले दस महीनों में भारत में निर्मित दवाओं के लिए ये पांचवीं चेतावनी है. संगठन ने 7 अगस्त को इराक (Iraq) में भारतीय फर्म की बनाई दवा को लैब टेस्ट के बाद घातक और दूषित करार दिया. कफ सिरप को जल्द ही इराक में बैन भी किया जा सकता है.
अब भारत में बनी इस कफ सिरप पर बवाल, WHO ने कहा- "असुरक्षित है, मौत हो सकती है"
विवादित कफ सिरप 'कोल्ड आउट' ब्रांड का है. इसे तमिलनाडु की फोर्ट्स लैबोरेटरीज प्राइवेट लिमिटेड ने महाराष्ट्र की डाबीलाइफ फार्मा प्राइवेट लिमिटेड के लिए बनाया था.
विवादित कफ सिरप 'कोल्ड आउट' ब्रांड का है. इसे तमिलनाडु की फोर्ट्स लैबोरेटरीज प्राइवेट लिमिटेड ने महाराष्ट्र की डाबीलाइफ फार्मा प्राइवेट लिमिटेड के लिए बनाया था. WHO ने बयान में लिखा,
इराक से सिरप का एक नमूना लेकर लैब टेस्ट के लिए भेजा गया था. सैंपल में डायथिलीन ग्लाइकॉल (0.25%) और एथिलीन ग्लाइकॉल (2.1%) की ज्यादा मात्रा मिली है. इन दोनों केमिकल के लिए एक्सेपटेबल सेफ्टी लिमिट 0.10% है.
बता दें, डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल का ज्यादा मात्रा में सेवन इंसानों के लिए जहरीला और घातक साबित हो सकता है. WHO ने आगे कहा,
इराक में मिले प्रोडक्ट का बैच असुरक्षित है. खासकर बच्चों में इसके इस्तेमाल से सीरियस इंजरी या मौत हो सकती है. पेट में दर्द, उल्टी, दस्त, पेशाब करने में असमर्थता, सिरदर्द, परिवर्तित मानसिक स्थिति और किडनी में दिक्कत की समस्या भी हो सकती है.
आगे बताया,
अगर आपके पास ये सिरप है तो WHO रेकमेंड करता है कि आप इसका इस्तेमाल ना करें. अगर आपने या आपके किसी जानने वाले ने इसका इस्तेमाल किया है तो साइड इफेक्ट दिखने पर तुरंत मेडिकल एडवाइस लें.
इसके अलावा WHO ने दवा की सप्लाय लेने वाले देशों को अनौपचारिक और अनियमित बाजारों की निगरानी बढ़ाने की भी सलाह दी. इन देशों के स्वास्थ्य अधिकारियों को सलाह दी गई है कि अगर उनके देश में ये कफ सिरप मिलती है तो वो तुरंत WHO को सूचित करे.
मामले पर अब तक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से कोई बयान सामने नहीं आया है. बता दें, अब भारत में बनीं कम से कम पांच दवाएं WHO की जांच के दायरे में आ गई हैं.
भारतीय सिरप पर कब-कब सवाल उठे?अक्टूबर 2022 में गांबिया में 70 बच्चों की मौत को हरियाणा की मेडन फार्मा द्वारा निर्मित सिरप से जोड़कर देखा गया. तब WHO ने मेडिकल प्रॉडक्ट अलर्ट जारी किया था.
दिसंबर 2022 में उज़्बेकिस्तान सरकार ने कहा कि उनके देश में कम से कम 18 बच्चों की मौत उत्तर प्रदेश की मैरियन बायोटेक लिमिटेड द्वारा निर्मित सिरप के चलते हुई है. जनवरी में इन सिरप के लिए भी मेडिकल प्रॉडक्ट अलर्ट जारी हो गया.
अप्रैल 2023 में WHO ने मार्शल आइलैंड्स और माइक्रोनेशिया में बिक रहे क्यूपी फार्माकेम के सिरप को मिलावटी बताया. तब कंपनी की ओर से कहा कि WHO ने एक्सपायर हो चुकी दवा का टेस्ट किया था. ये भी दावा किया कि क्यूपी के कफ सिरप को ''भारत को बदनाम करने के मकसद से'' डूप्लिकेट किया गया. माने उसकी नकल तैयार की गई.
जून 2023 में खबर आई कि कैमरून में पिछले कुछ महीनों में एक दर्जन से अधिक बच्चों की मौत हुई. कैमरून के अधिकारी बच्चों की मौत को भारत में निर्मित कफ़ सिरप से जोड़कर देख रहे हैं. मिंट पर छपी अण्वेषा मित्रा की रिपोर्ट के मुताबिक कफ़ सिरप के डब्बे पर मैनुफैक्चरिंग लाइसेंस नंबर इंदौर की रीमैन लैब्स नाम की कंपनी से मेल खाता है. लेकिन उसपर कंपनी का नाम नहीं लिखा है. रीमैन लैब्स के डायरेक्टर नवीन भाटिया ने ब्लूमबर्ग से कहा है कि तस्वीरों में नज़र आ रही दवाएं, हमारी दवा जैसी दिख रही हैं. लेकिन पक्का नहीं बता सकते क्योंकि वहां बड़े पैमाने पर नकली दवाएं बनाई जाती हैं.
वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: भारत में बने कफ सिरप से सैकड़ों बच्चों की मौत का सच क्या? सरकार ने क्या चैलेंज दिया?