आंध्र प्रदेश का श्रीहरिकोटा स्पेस सेंटर. 14 जुलाई की दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर यहां से चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया. चंद्रयान-3 मिशन के लॉन्च के पीछे एक टीम सालों से लगी हुई है. इस टीम की अध्यक्षता कर रही हैं रितु करिधाल. जो ISRO में एक सीनियर साइंटिस्ट के तौर पर कार्यरत हैं. इस मिशन के पीछे रितु करिधाल की बहुत बड़ी भूमिका बताई जा रही है. उन्हें 'रॉकेट वुमन' कहा जा रहा है. कौन हैं रितु करिधाल और इससे पहले उन्होंने कौन-कौन से मिशन की अध्यक्षता की है, आइए जानते हैं.
चंद्रयान-3 मिशन के पीछे भारत की 'रॉकेट वुमन', कौन हैं रितु करिधाल?
रितु करिधाल चंद्रयान-3 से पहले चंद्रयान-2 मिशन में भी अहम भूमिका निभा चुकी हैं.
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रितु करिधाल का जन्म 13 अप्रैल, 1975 को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुआ. पढ़ाई-लिखाई भी यहीं की है. स्कूली शिक्षा के बाद रितु ने लखनऊ यूनिवर्सिटी से BSc और MSc पूरा किया. दोनों ही डिग्रियां उन्होंने फिजिक्स में लीं. इसके बाद पहुंचीं इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc) बेंगलुरु में. वहां मास्टर्स ऑफ टेक्नोलॉजी (MTech) की डिग्री हासिल की.
हायर एजुकेशन के बाद ही रितु ने स्पेस साइंस में करियर की शुरुआत की. साल 1997 में वो ISRO से जुड़ गईं. वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) की वेबसाइट के मुताबिक रितु ने इंटरनेशनल और नेशनल जर्नल में अब तक 20 से भी ज्यादा पेपर पब्लिश किए हैं.
रितु करिधाल को कई अवॉर्ड मिल चुके हैं. पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने 2007 में रितु को ISRO का यंग साइंटिस्ट अवॉर्ड दिया था. 2015 में मार्स ऑर्बिटर मिशन (MOM) के लिए उन्हें टीम अवॉर्ड भी मिल चुका है. सोसायटी ऑफ इंडियन एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी एंड इंटस्ट्रीज़ (SIATI) की तरफ से रितु को ASI टीम अवॉर्ड, वुमन अचीवर्स इन एयरोस्पेस (2017) अवॉर्ड दिया गया था.
चंद्रयान-3 की मिशन डायरेक्टर होने से पहले रितु करिधाल चंद्रयान-2 की भी मिशन डायरेक्टर रह चुकी हैं. इतना ही नहीं रितु भारत के मंगलयान मिशन यानी मार्स ऑर्बिटर मिशन (MOM) की डिप्टी ऑपरेशन डायरेक्टर भी रह चुकी हैं.
ये मिशन चंद्रयान-2 मिशन का फॉलो-अप मिशन है. चंद्रयान-2 मिशन आज से 3 साल 11 महीने और 23 दिन पहले लॉन्च किया गया था. चंद्रयान-3 मिशन के लॉन्च के बाद ISRO प्रमुख सोमनाथ ने कहा,
“चंद्रयान-3 ने चांद की अपनी यात्रा शुरू कर दी है. चंद्रयान-3 को शुभकामनाएं दें कि आने वाले दिनों में वो चांद पर पहुंचे. LVM3-M4 रॉकेट ने चंद्रयान-3 को सटीक कक्षा में पहुंचा दिया है.”
ISRO की तरफ से बताया गया कि चंद्रयान-3 की गतिविधि पूरी तरह से सामान्य है और वो उसे चांद की सतह पर देखने की प्रतीक्षा में हैं.
चंद्रयान-3 में एक लैंडर, एक रोवर एक प्रॉपल्शन मॉड्यूल लगा हुआ है. इसका कुल वजन 3 हजार 900 किलो है. भारत के मून मिशन के तहत चांद पर भेजा गया चंद्रयान-3 पांच अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करेगा.
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