The Lallantop

मणिपुर के हालात ठीक करने के लिए कश्मीर से भेजे गए IPS राकेश बलवाल कौन हैं?

राकेश बलवाल ने पुलवामा आतंकी हमले की जांच की थी, जिसके लिए केंद्र सरकार ने उन्हें मेडल से सम्मानित किया था.

post-main-image
पुलवामा हमले के दौरान जम्मू-कश्मीर में NIA के एसपी थे राकेश (फाइल फोटो)

मणिपुर में हिंसा बढ़ने के बाद केंद्र सरकार ने श्रीनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) राकेश बलवाल को वापस अपने होम कैडर में ट्रांसफर कर दिया है. केंद्र सरकार ने ये फैसला तब लिया गया, जब मणिपुर में दो लापता स्टूडेंट्स की हत्या के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई. राकेश बलवाल आतंकवाद से जुड़े मामलों को हैंडल करने के लिए जाने जाते हैं. पुलवामा हमले की जांच में भी वे राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की टीम का हिस्सा थे. अब उन्हें हिंसा रोकने की जिम्मेदारी के साथ मणिपुर कैडर भेजा गया है.

कौन हैं राकेश बलवाल?

राकेश मणिपुर कैडर के साल 2012 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी हैं. मणिपुर में उनकी आखिरी पोस्टिंग चुराचांदपुर एसपी के तौर पर थी. ये साल 2017 की बात है. इससे पहले इम्फाल, थोबल सहित मणिपुर में कई जगहों पर अलग-अलग पदों पर रहे थे. राज्य में उग्रवाद के खिलाफ बेहतरीन काम किया था. इसलिए चुराचांदपुर के बाद उन्हें प्रतिनियुक्ति के आधार पर NIA में जिम्मेदारी दी गई. राकेश जम्मू-कश्मीर NIA ब्रांच में साढ़े तीन साल तक एसपी रहे.

राकेश के इस कार्यकाल के दौरान फरवरी 2019 में पुलवामा में बड़ा आतंकी हमला हुआ था. इस हमले ने कश्मीर के पूरे सुरक्षा तंत्र को हिलाकर रख दिया था. CRPF के 40 जवानों की मौत हुई थी. ऐसे में NIA जम्मू-कश्मीर ब्रांच के प्रमुख राकेश बलवाल को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई. राकेश बलवाल की टीम ने पुलवामा में घटना वाली जगह के साथ-साथ कश्मीर के दूसरे इलाकों को भी छाना. हर तरह के सबूत इकट्ठा किए.

NIA की टीम ने महीनों तक चली जांच के बाद अगस्त 2020 में साढ़े 13 हजार पन्नों की चार्जशीट फाइल की थी. इसमें जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर और 18 लोगों को जिम्मेदार ठहराया गया था. इस जांच में शानदार काम के लिए साल 2021 में राकेश बलवाल को केंद्रीय गृह मंत्रालय का 'एक्सीलेंस इन इन्वेस्टिगेशन' मेडल मिला था.

ये भी पढ़ें- एक फोटो और आशिकी में फंसा पुलवामा का मास्टरमाइंड!

इसके बाद नवंबर 2021 में उन्हें अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम और केंद्रशासित प्रदेश (AGMUT) कैडर में भेजा गया. राकेश को श्रीनगर के SSP की जिम्मेदारी मिली. बलवाल जम्मू के उधमपुर के रहने वाले हैं.

टाइम्स ऑफ इंडिया ने एक अधिकारी के हवाले से लिखा है कि सरकार ने आतंकवाद से निपटने के उनके अनुभव को देखते हुए मणिपुर भेजा है. अधिकारी ने बताया, 

"पुलवामा हमले में NIA की जांच और कश्मीर में कानून-व्यवस्था हैंडल करने के उनके अनुभव से उन्हें लाया गया है. उम्मीद है कि वे राज्य में हालात को सामान्य कर पाने और साढ़े 6 हजार से ज्यादा मामलों की तेज जांच करवा पाने में सफल होंगे."

केंद्र सरकार के ट्रांसफर आदेश से पता चलता है कि गृह मंत्रालय ने एक महीना पहले ही उन्हें मणिपुर भेजे जाने का प्रस्ताव दिया था. 27 सितंबर को अप्वाइंटमेंट्स कमिटी ने राकेश बलवाल के "समय से पहले" ट्रांसफर को मंजूरी दी.

मणिपुर में बिगड़ते हालात को देखते हुए राज्य सरकार ने 27 सितंबर को पूरे राज्य को 'अशांत क्षेत्र' घोषित कर दिया था. सरकार के मुताबिक, अलग-अलग चरमपंथी/विद्रोही समूहों की गतिविधियों के मद्देनजर राज्य में सशस्त्र बलों की जरूरत है.

ये भी पढ़ें- मणिपुर में बीरेन सिंह सरकार ने मैतेई बहुल इलाक़ों में AFSPA क्यों नहीं लगाया?

वीडियो: मणिपुर ग्राउंड रिपोर्ट : हिंसा की वो कहानियां, जो कहीं सुनी नहीं गईं