हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद अब चंपई सोरेन झारखंड के अगले मुख्यमंत्री होंगे. चंपई सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के उपाध्यक्ष हैं. सरायकेला से विधायक हैं. झारखंड सरकार में अब तक परिवहन, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे थे. अभी ये साफ नहीं है कि CM बनने के बाद भी चंपई सोरेन के पास ये विभाग रहेंगे या नहीं. हेमंत सोरेन के इस्तीफे और गिरफ्तारी की अटकलों के साथ ही झारखंड के अगले CM के नाम की भी चर्चा शुरू हो गई थी.
झारखंड के अगले CM चंपई सोरेन को 'टाइगर' क्यों कहा जाता है?
'झारखंड टाइगर' के नाम से मशहूर चंपई सोरेन झारखंड के अगले मुख्यमंत्री होंगे. हेमंत सोरेन ने 31 जनवरी की रात CM पद से इस्तीफा दे दिया.

एक तरफ हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन का नाम लिया जा रहा था, तो दूसरी तरफ चंपई सोरेन का नाम भी आगे था. 31 जनवरी की रात राजभवन में हेमंत सोरेन ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा. इसके बाद खबर आई कि हेमंत सोरेन की जगह अब चंपई सोरेन झारखंड के CM होंगे. झारखंड सरकार में मंत्री आलमगीर आलम ने बताया,
"हेमंत सोरेन ने CM पद से इस्तीफा दिया है. हम लोगों ने चंपई सोरेन को दल का नेता मानकर सरकार बनाने का दावा पेश किया है. हमारे पास 47 विधायक हैं. इसलिए हमने राज्यपाल से सरकार बनाने की मंजूरी मांगी है. गर्वनर ने कागज दिखाने की बात कही है."
चंपई सोरेन सरायकेला-खरसावां जिले के जिलिंगगोड़ा गांव के रहने वाले हैं. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक चंपई सोरने के पिता सिमल सोरेन खेती किया करते थे. उनके चार बच्चों में चंपई सोरेन बड़े बेटे हैं. चंपई सोरेन ने 10वीं तक पढ़ाई की. इस बीच उनकी शादी हो गई.
इसी दौरान बिहार से अलग झारखंड राज्य की मांग उठ रही थी. शिबू सोरेन के साथ चंपई सोरेन भी झारखंड के आंदोलन में उतर गए. इस तरह चंपई सोरेन हेमंत सोरेन के पिता शिबू सोरेन के सहयोगी रहे. जल्द ही चंपई सोरेन 'झारखंड टाइगर' के नाम से मशहूर हो गए. इसके बाद चंपई सोरेन सरायकेला सीट पर हुए उपचुनाव में निर्दलीय विधायक चुने गए और उनका राजनीतिक करियर शुरू हुआ. बाद में वो झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) में शामिल हो गए.
BJP सरकार में मंत्री रहे हैंबीजेपी नेता अर्जुन मुंडा की 2 साल, 129 दिन की सरकार में चंपई सोरेन को कैबिनेट मंत्री बनाया गया था और अहम मंत्रालय दिए गए थे. चंपई 11 सितंबर 2010 से 18 जनवरी 2013 तक मंत्री रहे. इसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लग गया था.
फिर हेमंत सोरेन की अगुआई में झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार बनी. इसमें चंपई सोरेन को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, परिवहन मंत्री बनाया गया. वहीं, दूसरी बार 2019 में फिर से हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री बनने पर चंपई सोरेन को परिवहन, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री बनाया गया.
इंडिया टुडे से जुड़े अनुपम मिश्रा की रिपोर्ट के मुताबिक जब हेमंत सोरेन इस्तीफा देने राजभवन पहुंचे तो चंपई सोरेन भी वहां मौजूद थे. बाकी विधायकों और नेताओं को वापस भेज दिया गया है. इस्तीफे से जुड़ी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं.
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