नूह और गुरुग्राम हिंसा के 21 दिन बाद 21 अगस्त को गुरुग्राम की पुलिस कमिश्नर कला रामचंद्रन (Kala Ramachandran) पर गाज गिर गई. उनका तबादला कर दिया गया है. 1998 बैच के IPS अधिकारी विकास कुमार अरोड़ा अब गुरुग्राम के नए पुलिस आयुक्त होंगे. कला रामचंद्रन अब एडीजीपी प्रशासन होंगी. सरकार ने 20 अधिकारियों के ट्रांसफर के आदेश जारी किए हैं. नूह हिंसा के बाद ये दूसरे बड़े अधिकारी का तबादला है, इससे पहले नूह एसपी वरुण सिंगला का ट्रांसफर कर दिया गया था.
हिंसा के दौरान गुरुग्राम कमिश्नर रहीं कला रामचंद्रन क्यों हटाई गईं, क्या है पूरी कहानी?
नूह और गुरुग्राम में हुई हिंसा के बाद कला रामचंद्रन को पुलिस कमिश्नर के पद से हटा दिया गया है, कभी उनके लिए हरियाणा के CM मनोहर लाल खट्टर और गृहमंत्री अनिल विज आमने-सामने आ गए थे

कला रामचंद्रन साल 1994 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं. फरवरी 2022 में उन्हें हरियाणा के गुरुग्राम के पुलिस कमिश्नर की जिम्मेदारी दी गई थी. गुरुग्राम पुलिस कमिश्नरेट का गठन 2006 में किया गया था. उसके बाद पहली बार कला रामचंद्रन के रूप में किसी महिला अधिकारी को ये जिम्मेदारी दी गई.
IAS-IPS दोनों कैडर में काम कियाकला रामचंद्रन ने हरियाणा कैडर के आईपीएस अधिकारी नवदीप सिंह विर्क से शादी की है. नवदीप सिंह भी गुरुग्राम के पुलिस कमिश्नर रह चुके हैं. वो इस समय हरियाणा के परिवहन और खेल विभाग के प्रधान सचिव हैं. कला रामचंद्रन मूल रूप से तमिलनाडु कैडर की अधिकारी हैं. लेकिन, शादी के बाद उन्होंने अपना कैडर बदलवाकर हरियाणा कर लिया.

रामचंद्रन साल 2001 से IB में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर थीं. इसके बाद रामचंद्रन रेवाड़ी, फतेहाबाद और पंचकूला जिलों में पुलिस अधीक्षक (SP) रहीं. 2017 से 2020 तक उन्होंने मेघालय में पूर्वोत्तर पुलिस अकादमी की अगुवाई की. इसके बाद वो अगस्त, 2020 में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के तौर पर अपने गृह कैडर में लौटी थीं.
कला रामचंद्रन पर सीएम और गृहमंत्री भिड़ गए!सितंबर 2021 की बात है. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने एक आदेश जारी किया. उन्होंने आईपीएस अधिकारी कला रामचंद्रन को परिवहन विभाग का प्रिंसिपल सेक्रेटरी बना दिया. इसे लेकर सरकार के अंदर काफी विवाद हुआ. दरअसल ये पद आईएएस अधिकारी के लिए था, लेकिन रामचंद्रन आईपीएस अधिकारी थीं. इस फैसले पर सीएम और गृहमंत्री आमने-सामने आ गए. हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज नहीं चाहते थे कि प्रशासनिक कैडर की भूमिका के लिए आईपीएस अधिकारियों को नियुक्त किया जाए.

अनिल विज ने रामचंद्रन को परिवहन विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी का पदभार संभालने के लिए रिलीव करने से इनकार कर दिया. उनका कहना था कि IAS कैडर नियमों के तहत ऐसे मामलों में जब तक राज्य सरकार केंद्र सरकार से अनुमति नहीं ले लेती, तब तक रामचंद्रन को रिलीव नहीं किया जाना चाहिए. लेकिन, विज के इस विरोध को मनोहर लाल खट्टर ने दरकिनार कर दिया. सीएम खट्टर ने अपने वीटो पावर का इस्तेमाल किया और आईपीएस कला रामचंद्रन को हरियाणा के परिवहन विभाग का प्रमुख सचिव बना दिया.
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