अमेरिका में रहने वाले चार प्रवासी छात्रों ने वहां की ट्रंप सरकार के खिलाफ मुकदमा दायर किया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि गैरकानूनी तरीके से उनके 'स्टूडेंट इमिग्रेशन स्टेटस' को खत्म कर दिया गया है. छात्रों ने कोर्ट के समक्ष आशंका जताई कि उनको डिपोर्ट किया जा सकता है. इन चार छात्रों में दो छात्र चीन के, एक नेपाल के और एक भारत के हैं. ये सब मिशिगन के पब्लिक यूनिवर्सिटीज में पढ़ाई करते हैं.
ट्रंप सरकार को अदालत में चुनौती देने वाली भारतीय छात्रा चिन्मय देवरे कौन हैं? डिपोर्ट की जा सकती हैं!
Who is Chinmay Deore: छात्रों ने कोर्ट में दलील दी है कि उन्होंने किसी आपराधिक गतिविधि में भाग नहीं लिया. इमिग्रेशन से जुड़े किसी कानून का भी उल्लंघन नहीं किया. नाही किसी राजनीतिक प्रदर्शनों में भाग लिया.

ट्रंप सरकार के खिलाफ अदालत में जाने वाली भारतीय छात्रा का नाम है, चिन्मय देवरे (Chinmay Deore). उन्होंने आरोप लगाया है कि ट्रंप सरकार ने बिना किसी नोटिस के उनके 'स्टूडेंट इमिग्रेशन स्टेटस' रद्द कर दिया. उन्होंने मांग की है कि उनका ये स्टेटस उन्हें वापस दिया जाए. ताकि वो अपनी पढ़ाई पूर कर सकें. और किसी तरह के हिरासत या डिपोर्टेशन से बच सकें.
छात्रों ने कोर्ट में दलील दी है कि उन्होंने किसी आपराधिक गतिविधि में भाग नहीं लिया. इमिग्रेशन से जुड़े किसी कानून का भी उल्लंघन नहीं किया. नाही किसी राजनीतिक प्रदर्शनों में भाग लिया. उनका कहना है कि ना तो उन पर कोई आरोप लगे हैं और नाही उन्हें किसी मामले में दोषी ठहराया गया है.
देवरे की लिंक्डइन प्रोफाइल के मुताबिक, वो मिशिगन के वेन स्टेट यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में स्नातक की छात्रा हैं. द हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 21 साल की देवरा अगस्त 2021 से यहां कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई कर रही हैं. 'H-4 आश्रित वीजा' पर वो 2004 में पहली बार अमेरिका गईं. 2008 में वो और उनका परिवार भारत लौट आया. फिर 2014 में वो अपने परिवार के साथ फिर से अमेरिका गईं. वेन यूनिवर्सिटी में नामांकन से पहले उन्होंने मिशिगन से ही हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी की थी.
ये भी पढ़ें: दुनिया की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी का डॉनल्ड ट्रंप से क्या पंगा हो गया?
मई 2022 में वो 'H-4 आश्रित वीजा' के तय आयु सीमा के करीब थीं. इसलिए उन्होंने कानून के तहत एक आवेदन दिया और उन्हें F-1 स्टूडेंट वीजा का स्टेटस मिल गया. देवरे को उम्मीद है कि मई 2025 में उनकी डिग्री पूरी हो जाएगी. वर्तमान में, वो कैंटन में अपनी परिवार के साथ रहती हैं.
वीडियो: दुनियादारी: ट्रंप अब हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को क्यों निशाना बना रहे?