भूपेंद्र सिंह चौधरी (Bhupendra Singh Chaudhary) को उत्तर प्रदेश BJP का अध्यक्ष (UP BJP President) नियुक्त किया गया है. उनके प्रदेश अध्यक्ष बनने की चर्चा पहले से जोरों पर थी. योगी आदित्यनाथ सरकार में पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र चौधरी को पार्टी हाई कमान ने गुरुवार को दिल्ली बुलाया था. प्रदेश BJP अध्यक्ष बनने की दौड़ में उनका नाम पहले ही आगे चल रहा था. दिल्ली से बुलावा आने के बाद अटकलों ने और जोर पकड़ लिया था, जो अब सही साबित हुई हैं. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने भूपेंद्र चौधरी के प्रदेश अध्यक्ष बनने की जानकारी दी. एक पत्र जारी कर उन्होंने बताया,
कौन हैं भूपेंद्र चौधरी, जो उत्तर प्रदेश में बीजेपी के नए अध्यक्ष बनाए गए हैं?
भूपेंद्र चौधरी जाट समुदाय और वेस्ट यूपी के चर्चित जाट नेता माने जाते हैं.

"भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा जी ने श्री भूपेंद्र सिंह, सदस्य विधान परिषद को उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है. ये नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू होगी."
बुधवार, 24 अगस्त को भूपेंद्र चौधरी आजमगढ़ में थे. यहां वे BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) से उनके निवास पर मिले थे. इंडिया टुडे/आजतक से जुड़े अभिषेक मिश्रा की रिपोर्ट के मुताबिक इस मुलाकात के बाद ही पार्टी सूत्रों ने बता दिया था कि अब स्टेट BJP प्रेसिडेंट के तौर पर भूपेंद्र का नाम घोषित करने की औपचारिकता बची है जो गुरुवार को पूरी कर दी जाएगी.
1968 में मुरादाबाद के महेंद्र सिकंदरपुर में पैदा हुए भूपेंद्र सिंह चौधरी किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं. मुरादाबाद के आरएल इंटर कॉलेज से उन्होंने 12वीं पास की. पढ़ाई के दौरान ही वो विश्व हिंदू परिषद (VHP) के सदस्य बन गए थे. 1991 में भूपेंद्र ने BJP जॉइन करने के साथ अपने सियासी सफर की शुरुआत की. 1993 में उन्हें मुरादाबाद में BJP का जिला एग्जिक्यूटिव बना दिया गया. 2006 में वो जिले में पार्टी के क्षेत्रीय मंत्री बने और 2012 में रीजनल प्रेसिडेंट.
भूपेंद्र चौधरी जाट समुदाय (Jat Community) और वेस्ट यूपी के चर्चित जाट नेता माने जाते हैं. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक इस इलाके में उनकी पकड़ का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि किसानों की नाराजगी के बावजूद चुनावों में यहां BJP को जबर्दस्त जीत मिलती रही है. हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन के कारण वेस्ट यूपी में बीजेपी को नुकसान हुआ था. पार्टी को जिन 16 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था, उनमें से सात वेस्ट यूपी की ही थीं.
जुलाई 2016 में BJP ने भूपेंद्र चौधरी को यूपी विधान परिषद का सदस्य बनाया था. बाद में 2017 में योगी सरकार बनने के बाद उन्हें मंत्री पद दिया गया. इस साल हुए विधानसभा चुनाव के बाद BJP लगातार दूसरी बार सत्ता में लौटी तो भूपेंद्र चौधरी को फिर कैबिनेट में जगह दी गई. उसके बाद पार्टी ने उन्हें फिर से एमएलसी भी बनाया. विधान परिषद में उनका कार्यकाल अब जुलाई 2028 तक रहेगा.
इससे पहले भूपेंद्र चौधरी ने लंबे वक्त तक बतौर रीजनल प्रेसिडेंट BJP संगठन के लिए काम किया है. वो मुरादाबाद के कांठ विधानसभा क्षेत्र से आते हैं जिसे ‘जट लैंड’ के नाम से भी जाना जाता है. भूपेंद्र चौधरी 1999 में लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं. तब उन्होंने सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव को चुनौती दी थी. हालांकि चुनाव में उनकी हार हुई थी.
भूपेंद्र चौधरी ही क्यों?भूपेंद्र चौधरी को अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से जुड़ी है. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिम उत्तर प्रदेश की 25 लोकसभा सीटों पर जाट समुदाय के वोट खासे मायने रखते हैं. पार्टी सूत्रों का कहना है कि ऐसे में पार्टी प्रदेश अध्यक्ष को लेकर कोई रिस्क नहीं लेना चाहती. इसके लिए वो एक ऐसा मजबूत चेहरा देख रही थी जो सरकार और संगठन दोनों ही स्तर पर स्वीकार्य हो. इसीलिए प्रदेश में पार्टी संगठन के हरेक स्तर पर स्टेट प्रेसिडेंट के चयन को लेकर गंभीर मंथन चल रहा था. और जब भूपेंद्र चौधरी को दिल्ली बुलाया गया तो साफ हो गया कि पार्टी ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाने का फैसला कर लिया है.
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