राहुल से जुड़ी कई कहानियां हैं, जो सुनाई जा सकती थीं. लेकिन ये सबसे पॉपुलर ऑप्शन था. इससे उन्हें पहचानने में आसानी रहती है. अपने दौर के सबसे खूंखार विलेन में गिने जाने वाले राहुल देव पिछले काफी समय से बड़े परदे से गायब हैं. कहां हैं, वो आज हम जानने की कोशिश करेंगे. लेकिन वहां तक पहुंचने के लिए हमें उनकी उस कहानी से होकर गुज़रना होगा, जो आज कइयों के लिए मिसाल है.
एक इंजीनियर, जिसे इत्तेफ़ाक ने मॉडल बना दिया
राहुल 27 सितंबर, 1968 को दिल्ली में पैदा हुए थे. पापा आईपीएस ऑफिसर और मां टीचर थीं. राहुल बचपन से क्रिकेटर बनना चाहते थे, लेकिन पापा-मम्मी चाहते थे कि वो पढ़ाई के क्षेत्र में कुछ करें. इसलिए राहुल बैंगलोर से इंजीनियरिंग की डिग्री लेकर टेट्को (TETCO) नाम की एक चमड़ा एक्सपोर्ट करने वाली कंपनी में काम कर रहे थे. एक बार वो अपने किसी दोस्त का बर्थडे मनाने एक डिस्को गए. वहां उन्हें फैशन डिज़ाइनर रोहित खोसला ने देख लिया. रोहित ने 1987 में इंडिया का पहला मल्टी-डिज़ाइनर (कई डिज़ाइनर्स के साथ मिलकर) बुटीक 'ऑनसॉम्बल' (Ensemble) शुरू किया था. हालांकि इसके शुरू होने के ठीक सात साल बाद 34 की उम्र में कैंसर से रोहित की मौत हो गई.
खैर, रोहित ने राहुल को पार्क एवेन्यू (रेमंड) के लिए मॉडलिंग करने का ऑफर दिया. तब तक राहुल को इन चीज़ों के बारे में कुछ भी नहीं पता था. कुछ नया ट्राय करने के लिए उन्होंने मॉडलिंग करना शुरू किया. राहुल के अलावा उस समय मिलिंद सोमण और अर्जुन रामपाल जैसे लोग भी मॉडलिंग फील्ड में एक्टिव थे. अपने करियर के शुरुआती मॉडलिंग इवेंट्स के दौरान रैंप वॉक करते राहुल देव का एक वीडियो आप यहां देख सकते हैं:
सलमान और संजय दत्त की जबरदस्त फिल्म से होना था डेब्यू
राहुल कुछ ही समय में मॉडलिंग सर्किट में बड़े नाम बन गए. GQ मैग्ज़ीन के लंदन वाले संस्करण में छपने वाले वो पहले इंडियन थे. तब वो हुगो बॉस जैसे बड़े इंटरनेशनल फैशन ब्रांड का चेहरा हुआ करते थे. ठीक इसी समय उन्हें MAD (Mukul Anand Directs) से फोन आया. ये 'अग्निपथ' और 'हम' जैसी फिल्मों के डायरेक्टर मुकुल आनंद की कंपनी का नाम था. इसी कंपनी ने पेप्सी और कोका-कोला जैसे बड़े ब्रांड्स की ऐड फिल्में बनाई थीं. मुकुल ने राहुल को एक ऐड फिल्म के लिए अप्रोच किया था. मगर बातचीत बढ़ने के साथ वो ऑफर फिल्म प्रोजेक्ट में तब्दील हो गया. मुकुल इंडिया की सबसे फैंसी एक्शन फिल्म पर काम कर रहे थे. जब हॉलीवुड में 'मिशन इंपॉसिबल' बन रही थी, तब मुकुल आनंद इंडिया में 'दस' बना रहे थे. इस फिल्म में सलमान खान, संजय दत्त, रवीना टंडन और राहुल देव काम कर रहे थे. शंकर-एहसान-लॉय की तिकड़ी की ये पहली फिल्म होनी थी.

फिल्म 'दस' में मस्त गुल के किरदार में राहुल देव.
अफगानिस्तान में बेस्ड एक जासूसी फिल्म. बताया जाता है कि अगर ये फिल्म बनकर रिलीज़ हो जाती है, तो आज इंडिया में बनने वाली एक्शन फिल्मों का लेवल कुछ और ही होता. फिल्म के 40 फीसदी हिस्से की शूटिंग पूरी हो चुकी थी, लेकिन शेड्यूल के दौरान ही हार्ट अटैक से मुकुल की डेथ हो गई. तब तक 9 घंटे का फुटेज शूट किया जा चुका था, जो कि बेहद शानदार क्वॉलिटी का था. फिल्म का म्यूज़िक पूरी तरह तैयार हो चुका था. सलमान-संजय समेत तमाम लोगों ने इस फिल्म को पूरी करने की कोशिश की, लेकिन वो हो नहीं पाया. 'सुनो गौर से दुनियावालों' इसी फिल्म का गाना था. फिल्म में राहुल ने 'मस्त गुल' नाम के एक आतंकवादी का रोल किया था. मगर उनकी पहली फिल्म रिलीज़ तो दूर, कभी पूरी ही नहीं हो पाई. 'सुनो गौर से दुनियावालों' गाने का ओरिजिनल फुटेज यहां देखिए:
अगली बार राहुल सनी देओल के सामने पड़ गए
'दस' जैसी फिल्म के डिब्बाबंद होने के बाद किसी भी न्यूकमर की हालत टाइट हो जाएगी. लेकिन उनके पास वो बेनेफिट ज़रूर रहता है कि उन्हें इतनी बड़ी फिल्म में काम मिला था. खैर, 'दस' साइन करने के बाद राहुल ने एक्टिंग की ट्रेनिंग लेनी शुरू कर दी थी. उसी एक्टिंग इंस्टीट्यूट में उनकी मुलाकात हुई एक्टर सुजीत कुमार के बेटे जतिन से. सुजीत कुमार, सनी देओल को लेकर एक फिल्म प्रोड्यूस कर रहे थे. पद्म कुमार के डायरेक्शन में बन रही इस फिल्म का नाम था 'चैंपियन'. सनी की शाहकार 'गदर- एक प्रेम कथा' के बाद उनकी अगली पेशकश. जतिन की मदद से राहुल को इस फिल्म में सनी के सामने मेन विलन का रोल मिल गया.

फिल्म 'चैंपियन' के एक सीन में सनी देओल के साथ राहुल देव.
फिल्म में उनके काम की खूब तारीफ हुई. सनी ने उनसे इंप्रेस होकर अपनी अगली फिल्मों 'इंडियन' और '23 मार्च 1931: शहीद' में भी कास्ट कर लिया. साथ ही राहुल शाहरुख खान के साथ 'अशोका' और 'दिल' फेम इंद्र कुमार की 'आशिक़' में भी काम कर रहे थे. बिन रिलीज़ हुई फिल्म से शुरू हुआ उनका एक्टिंग करियर अब कुलांचे भरने लग पड़ा था. दिक्कत बस ये थी कि इन सभी फिल्मों में राहुल सपोर्टिंग या नेगेटिव रोल्स कर रहे थे. हालांकि आगे उन्होंने 'सुपारी', '88 एंटॉप हिल' और 'अग्निपंख' जैसी फिल्मों में मुख्य किरदार निभाए, लेकिन वो फिल्में सफल नहीं हो पाईं.
पत्नी की मौत और फिल्मों से लंबा ब्रेक
लीड रोल्स में अपनी सफलता प्रतिशत पर गंभीरता से विचार करने के बाद राहुल ने फिर से मल्टी-स्टारर फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया. वो बॉबी देओल के साथ 'बर्दाश्त' और अक्षय कुमार, सुनील शेट्टी और शत्रुघ्न सिन्हा के साथ 'आन' में नज़र आए. हालांकि गुज़रते समय के साथ उन्हें बड़ी फिल्मों में ढंग का काम मिलना कम होता चला गया. मगर राहुल ने अपने करियर की शुरुआत से ही साउथ इंडियन फिल्मों में अपनी जगह बना ली थी. इसलिए जब उनके पास हिंदी फिल्में नहीं थीं, तब वो तमिल, तेलुगू और कन्नड़ा फिल्में करते.
करियर के लिहाज़ से चीज़ें ठीक चल रही थीं, तभी उनके निजी जीवन में भूचाल आ गया. राहुल जब 17 साल के थे, तब वो रीना नाम की एक लड़की के प्रेम में पड़े. 1998 में उन्होंने उसी लड़की से शादी कर ली. जब 2008 में वो फिल्म 'आ देखें ज़रा' की शूटिंग कर रहे थे, तब रीना की तबीयत बहुत बिगड़ गई. उनके इलाज के लिए राहुल को फुल टाइम दिल्ली शिफ्ट होना पड़ा. मगर तमाम कोशिशों के बावजूद मई 2009 में रीना की डेथ हो गई. उन्हें कैंसर था. तब उनका बेटा सिद्धार्थ कुछ 9-10 साल का था. रीना के गुज़रने के साढ़े चार साल बाद तक राहुल फिल्मों से दूर, अपने बेटे सिद्धार्थ के साथ रहे.

पत्नी रीना और बेटे सिद्धार्थ के साथ राहुल. राहुल के भाई मुकुल देव भी फिल्म इंडस्ट्री में बतौर एक्टर और राइटर काम करते हैं.
बेटे की फीस भरने के लिए फिल्मों में की वापसी
राहुल अपने एक इंटरव्यू में बताते हैं कि जब उनका बेटा बड़ा हुआ, तो उसे लंदन में पढ़ाना चाहते थे. लेकिन लंबे समय तक घर बैठे रहने की वजह से उनकी माली हालत हिल चुकी थी. साथ ही वो दिल्ली में कई जिम चलाते हैं, जिसका खर्च उठाने में भी उन्हें काफी दिक्कत हो रही थी. इसलिए 2013 में उन्होंने 'देवों के देव... महादेव' नाम के एक पौराणिक शो से एक्टिंग में वापसी की. आगे वो 'पावर कपल' और 'बिग बॉस 10' जैसे रियलिटी शोज़ में भी दिखाई दिए, जो कि उनके मिजाज़ से बिलकुल मेल नहीं खाते. हालांकि राहुल खुलेआम ये बात स्वीकार करते हैं कि उन्होंने ये शोज़ सिर्फ इसलिए चुने, क्योंकि इसके लिए उन्हें अच्छे पैसे मिल रहे थे. 2016 में उन्होंने जॉन अब्राहम और वरुण धवन स्टारर 'ढिसूम' से हिंदी फिल्मों में वापसी की. आगे वो अनिल कपूर -अर्जुन कपूर के साथ 'मुबारकां' जैसी हिट फिल्म में भी दिखाई दिए. राहुल लकी रहे कि इंडस्ट्री उन्हें इतने लंबे गैप के बाद भी भूली नहीं और उन्हें फिल्मों में काम मिलता रहा.

अर्जुन कपूर, अनिल कपूर, इलिया डिक्रूज़ और अथिया शेट्टी स्टारर फिल्म मुबारकां के एक सीन में राहुल देव.
आज कल क्या कर रहे हैं राहुल देव?
2016 में फिल्मों में वापसी के बाद राहुल हिंदी के साथ-साथ मलयालम, भोजपुरी, मराठी, गुजराती और बांग्ला फिल्मों में काम कर चुके हैं. इसी साल उन्होंने 'धूम' वाले डायरेक्टर संजय गढ़वी की 'ऑपरेशन परिंदे' नाम की फिल्म में काम किया, जो कि ज़ी5 पर रिलीज़ हो चुकी है. इसमें उनके साथ अमित साध भी नज़र आए थे.
लॉकडाउन के बाद से लेकर चीज़ें पूरी तरह से सामान्य नहीं हो पाई हैं. मगर राहुल उन चुनिंदा एक्टर्स में से हैं, जिन्होंने महामारी के बीच शूटिंग करना शुरू कर दिया था. उन्होंने जुलाई में 'वेल्लापंती' नाम की एक फिल्म खत्म कर ली है. इसके अलावा वो संजय दत्त के साथ फिल्म 'टोरबाज़' में भी नज़र आने वाले हैं. ये फिल्म अगले कुछ समय में नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ होने वाली है. इस फिल्म से राहुल वो सर्किल पूरा करने जा रहे हैं, जो उनकी पहली फिल्म 'दस' से शुरू हुआ था. 'दस' में संजय के साथ ही उन्होंने पहली बार एक अफगान कट्टरपंथी का रोल किया था, लेकिन उनका निभाया वैसा ही किरदार पहली बार 'टोरबाज़' में नज़र आएगा.

'टोरबाज़' के सेट पर अफगान कट्टरपंथी नेता के रोल में राहुल देव.
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