लेकिन पैसेंजर नहीं मानता है. फिर भी वीडियो बनाते हुए वो कहता है- "हमारा सावन चल रहा है, हम अभी जाकर पूजा करेंगे, ये हलाल सर्टिफाइड क्या होता है?"
रेलवे स्टाफ फिर समझाता है, इसमें आपको कुछ भी ऐसा नहीं दिया गया है जो नॉन वेज हो. चाय वेज ही होती है, कहीं भी चाय पीजिये. वेजिटेरियन का मार्क लगा हुआ है.
इसके बावजूद पैसेंजर कहता है, "ठीक है. लेकिन आइंदा से खयाल रखिये. हमारी धार्मिक भावनाएं हैं. इस तरह का धार्मिक सर्टिफिकेशन हमें नहीं चाहिए. आप स्वास्तिक सर्टिफिकेट लाइये."
इसी तरह कुछ देर बहस चलती रहती है. पैसेंजर बार-बार हलाल सर्टिफिकेशन को लेकर सवाल करता है. लेकिन रेलवे स्टाफ वेजिटेरियन वाला तर्क देकर बचाव की मुद्रा में नजर आता है. सोशल मीडिया पर कई लोग इस सर्टिफिकेशन पर सवाल उठा रहे हैं. आइये समझते हैं कि आखिर ये हलाल सर्टिफिकेशन है क्या चीज.
हलाल सर्टिफिकेशन क्या है?अक्सर 'हलाल' शब्द का इस्तेमाल मांस के लिए आपने सुना होगा. लेकिन ये सिर्फ मांस तक सीमित नहीं है. इस्लामिक काउंसिल के अनुसार, ‘हलाल' एक अरबी शब्द है, जिसका मतलब होता है कानून सम्मत या जिसकी इजाजत शरिया (इस्लामिक कानून) में दी गई हो. ये शब्द खाने-पीने की चीजों, मीट प्रोडक्ट्स, कॉस्मेटिक्स, दवाइयां, खाने में पड़ने वाली चीजों- सब पर लागू होता है. 'हराम' उसका ठीक उलट होता है. यानी जो चीज इस्लाम में वर्जित है. लिपस्टिक से लेकर दवाइयां तक- सब कुछ 'हलाल' और 'हराम' की श्रेणी में बांटे जा सकते हैं.
उदाहरण के तौर पर कई दवाइयों या स्किन केयर प्रोडक्ट्स, जिनमें सूअर के मांस या चर्बी का इस्तेमाल हुआ हो, उन्हें हराम माना जाता है.
हलाल सर्टिफिकेशन के मानक क्या हैं?
1. पोर्क कॉन्टेंट- यानी सूअर या सूअर के मांस से जुड़ी कोई भी चीज़ प्रोडक्शन में इस्तेमाल तो नहीं हुई. इसमें मांस से लेकर चर्बी, चमड़ी, फर- सब कुछ शामिल है. प्रोडक्शन ही नहीं, उसकी पैकिंग में भी किसी ऐसे तत्त्व का इस्तेमाल तो नहीं हुआ जो पोर्क से जुड़ा हो.
2. अल्कोहल कॉन्टेंट- एक तय मात्रा में इंडस्ट्रियल अल्कोहल (इसे ethyl alcohol भी कहते हैं) को मान्यता दी गई है. लेकिन उसके अलावा किसी भी दूसरे तरह के अल्कोहल का इस्तेमाल वर्जित है. हालांकि दवाइयों के मामले में ऐसा कहा गया है कि अगर वो 'लाइफ सेविंग ड्रग' है, तो उसका इस्तेमाल करना हलाल है.
जिस तरह शाकाहारी लोग खाने के पैकेट्स पर ग्रीन डॉट देखकर मानते हैं कि खाना शाकाहारी है, उसी तरह इस्लाम को मानने वाले लोग हलाल प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करना चुनते हैं. उनके लिए 'हलाल' लोगो का मतलब है कि ये प्रोडक्ट बनाने में सारी गाइडलाइंस का ध्यान रखा गया है. दुनिया के कई इस्लामिक देशों में प्रोडक्ट बेचने के लिए हलाल सर्टिफिकेट जरूरी होता है. इसलिए जो कंपनी वेजिटेरियन प्रोडक्ट्स भी बेचती हैं, उन्हें ऐसे देशों में बिजनेस के लिए हलाल सर्टिफिकेशन लेने की जरूरत होती है. भारत में जमीयत-उलेमा-ए-हिन्द, हलाल इंडिया, हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया जैसे संस्थान 'हलाल सर्टिफिकेट' देते हैं.
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