स्क्रीनशॉट. (बंगाल बीजेपी के ट्विटर हैंडल से साभार)
भवानीपुर. पश्चिम बंगाल की चर्चित विधानसभा सीट. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी यहां से उपचुनाव लड़ रही हैं. अपनी सीएम की कुर्सी बचाने के लिए ममता के लिए ये चुनाव जीतना जरूरी है. TMC उन्हें हर हाल में जिताना चाहती है और BJP हराना. इसलिए वोटिंग से पहले पूरा चुनाव अभियान हंगामों से भरा रहा है. इस उपचुनाव में ममता बनर्जी की टक्कर है BJP की प्रियंका टिबरेवाल से. सोमवार 27 अगस्त को चुनाव प्रचार का आखिरी दिन था. सो फुल ड्रामा होना तय था, जो हुआ भी.
क्या हुआ था?
खबरों के मुताबिक, चुनाव अभियान के अंतिम दिन BJP घर-घर जाकर प्रचार कर रही थी. उसके तमाम नेता विधानसभा क्षेत्र के अलग-अलग इलाकों में चुनाव प्रचार और वोट अपील कर रहे थे. इसी दौरान कई जगहों पर उनका TMC के लोगों से आमना-सामना हो गया. खूब बवाल कटा. BJP के नेताओं का आरोप है कि TMC के कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ़ नारेबाज़ी और मारपीट की. BJP नेता और पार्टी के पूर्व बंगाल प्रमुख दिलीप घोष के साथ भी हाथापाई हुई. हालात ऐसे हो गए कि दिलीप घोष के सिक्योरिटी गार्ड्स ने TMC कार्यकर्ताओं पर पिस्टल तक तान दीं. पूरे हंगामे के बाद BJP ने इलेक्शन कमीशन से चुनाव रद्द करने की मांग की है. BJP के इस चुनाव प्रचार का नेतृत्व दिलीप घोष कर रहे थे. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर TMC के कार्यकर्ताओं पर हमला करने का आरोप लगाया है. पत्रकारों के सामने कई दावे करते हुए दिलीप घोष ने कहा,
“मैं भवानीपुर इलाके में चुनावी पर्चे बांट रहा था. तभी टीएमसी कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी शुरू कर दी. तब मैं एक वैक्सीन सेंटर के अंदर चला गया. उन्होंने मेरा घेराव किया, मुझ पर हमला किया, हमारे कार्यकर्ताओं को पीटना शुरू कर दिया. एक घंटा पहले अर्जुन सिंह के साथ भी ऐसा ही हुआ था. भवानीपुर में ऐसा रोज हो रहा है. पुलिस से भी संपर्क किया गया लेकिन कोई मदद नहीं मिली.”
दिलीप घोष ने कुछ सेकेंड का एक वीडियो ट्वीट करके कहा,
“ममता के भाइयों ने पुलिसवाले तक को मारा. जब पुलिसवालों पर हमले हो रहे हैं तो आम जनता की क्या स्थिति होगी? ये सब कुछ और नहीं, बल्कि जनता को डराने का तरीका है ताकि लोग वोट डालने न आएं.”
घटना का एक विडियो भी सामने आया है जिसमें दिलीप घोष को कुछ लोगों ने घेरा हुआ है. ये लोग नारे लगा रहे हैं. वहीं, दिलीप घोष के सुरक्षाकर्मी उन्हें इन लोगों से बचाने की कोशिश करते दिख रहे हैं. इसी कोशिश में वे अपनी बंदूकें बाहर निकाले हुए हैं. बाद में दिलीप घोष ने दावा किया कि उस वक्त उनकी ज़िंदगी खतरे में थी, जिसके चलते उनके सुरक्षा कर्मियों को ऐसा करना पड़ा. एक और भाजपा नेता और सांसद अर्जुन सिंह ने कहा कि भवानीपुर में जमा भीड़ ने उनके साथ मारपीट की. बाद में अर्जुन सिंह, सुवेंदु अधिकारी, अग्निमित्र पॉल आदि BJP नेताओं को मंच पर एकसाथ देखा गया, जहां से प्रियंका टिबरेवाल के सर्मथन में संबोधन दिया जा रहा था.
इलेक्शन आगे बढ़ाने की मांग की
सोमवार को हुई घटना के बाद दिलीप घोष ने उपचुनाव आगे बढ़ाने की मांग कर डाली. कहा,
“भवानीपुर में जो स्थिति है, उसमें यहां फेयर वोटिंग नहीं हो सकती. चुनाव आयोग को भी इन्फॉर्म किया जा चुका है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. ये इलेक्शन हम पर थोपा गया है. ऐसे में ये ख़ुद चुनाव आयोग पर सवालिया निशान खड़ा करता है. अगर हम कैंपेन भी नहीं कर सकते तो हमारी मांग है कि चुनाव कैंसिल कर दिया जाए.”
पूर्व बंगाल बीजेपी अध्यक्ष ने आगे कहा,
“जब कोई मेरे साथ दुर्व्यवहार करता है तो मैं उसे मुस्कराते हुए चेहरे के साथ जवाब देता हूं. बीजेपी किसी पार्टी के साथ नहीं है. यहां भी हम अकेले हैं और टीएमसी को हराएंगे.”
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद जानकारी आई कि BJP नेताओं के एक प्रतिनिधि समूह ने चुनाव आयोग से बात की है. इसके बाद आयोग ने बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) से रिपोर्ट तलब की है.
TMC का पलटवार?
बीजेपी के आरोपों पर टीएमसी का भी जवाब आया. दिलीप घोष के सिक्योरिटी गार्ड्स के पिस्तौल तानने वाली घटना पर पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से लिखा-
"BJP आज और गिर गई. दिन के उजाले में कोई कैसे पब्लिक के बीच पिस्तौल उठा सकता है? क्या लोगों को उन नेताओं का विरोध करने का भी अधिकार नहीं है, जिनका वे समर्थन नहीं करते? मानवाधिकारों का ऐसा उल्लंघन शर्मनाक है! ये भवानीपुर के लोगों की सुरक्षा से समझौता है."
.@BJP4Bengal HITS A NEW LOW! How DARE a gun be aimed at public in broad daylight? Do people not have the right to protest against leaders they do not support? Such blatant violation of human rights is shameful! This compromises the safety and security of people in Bhabanipur! pic.twitter.com/mdVyKvGuD7
उधर, बीजेपी ने वोटिंग वाले दिन यानी 30 सितंबर को भवानीपुर में धारा 144 लागू करने की मांग की है. साथ ही पार्टी ने कहा है कि मतदान के दौरान इलाके में केंद्रीय सुरक्षा बलों की मौजूदगी होनी चाहिए.
(ये स्टोरी हमारे यहां इंटर्नशिप कर रहे शिवेंद्र ने लिखी है.)