एक तरफ वक्फ संशोधन कानून को लेकर राजनीतिक नूराकुश्ती और कानूनी संघर्ष चल रहे हैं, दूसरी ओर उत्तर प्रदेश सरकार ने वक्फ की संपत्ति से जुड़ा एक बड़ा प्रशासनिक कदम उठाया है. यूपी के कौशांबी जिले में 58 एकड़ वक्फ संपत्ति को मुक्त कराकर उसे सरकारी जमीन में दर्ज कर दिया गया है. इंडिया टुडे ने कौशांबी के जिलाधिकारी मधुसूदन हुलगी के हवाले से लिखा है कि जिले में कुल 98.95 हेक्टेयर जमीन वक्फ बोर्ड के नाम पर दर्ज है. इनमें से 93 बीघा (करीब 58 एकड़) जमीन पर से वक्फ का कब्जा हटाया गया है और इसे अब सरकारी खाते में दर्ज किया गया है.
यूपी सरकार ने कौशांबी में वक्फ की 58 एकड़ जमीन अपने नाम की, आगे का इरादा भी पता चला
राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद वक्फ संशोधन कानून देश में लागू हो गया है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट में इसको लेकर 70 पिटीशन दायर की गई हैं, जिन पर कोर्ट में सुनवाई चल रही है.

प्रशासन के मुताबिक जांच में यह बात सामने आई कि यह जमीन, जिसे बाद में वक्फ बोर्ड के तहत दर्ज किया गया था, असल में पहले ग्राम समाज (गांव की सामूहिक जमीन) के नाम पर थी. इसमें कई जगह मदरसे और कब्रिस्तान भी बने हुए हैं.
इस घटनाक्रम के बाद अब जिला प्रशासन ने जिले की तीनों तहसीलों में जांच टीमें भेजी हैं, ताकि और ऐसी जमीनों की पहचान हो सके. अधिकारियों ने बताया कि और भी वक्फ जमीनों को सत्यापन के बाद सरकारी संपत्ति में बदला जाएगा.
यह प्रशासनिक कार्रवाई उस समय हुई है जब केंद्र सरकार ने हाल ही में वक्फ संशोधन कानून पास किया है, जिसमें वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को सरल बनाने और जिलाधिकारियों को ज्यादा अधिकार देने की बातें शामिल हैं.
हालांकि, यह कानून अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. इस मामले में देश की सर्वोच्च अदालत में 70 पिटीशन दायर हुई हैं. कोर्ट ने इस कानून को लेकर सरकार से कुछ सख्त सवाल भी किए हैं. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल कानून पर स्टे लगाने से इनकार कर दिया है.
16 अप्रैल को मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति संजय कुमार और केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा था कि कुछ प्रावधानों के “गंभीर परिणाम” हो सकते हैं, खासकर वे जो अदालत द्वारा मान्यता प्राप्त वक्फ संपत्तियों को कमजोर करते हैं.
वीडियो: 'क्या मुस्लिमों को हिंदू ट्रस्ट का हिस्सा बनाना चाहोगे?' वक्फ संशोधन अधिनियम पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?