वक्फ संशोधन विधेयक को लोकसभा में पेश किए जाने से पहले बीजेपी को उसके सहयोगी दलों से समर्थन मिलने की सुगबुगाहट शुरू हो गई है. चंद्रबाबू नायडू की TDP ने समर्थन करने की बात कही है. इसी बीच केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि जिस दिन यह बिल पास होगा उस दिन देश का हर मुसलमान कहेगा, “मोदी है तो सबकुछ मुमकिन है.” वहीं, बिल के संसद में पेश होने से पहले मुंबई में उलेमा और इमामों ने आपात बैठक बुलाई है. बैठक में नीतीश कुमार समेत कई सेक्यूलर दल के नेताओं से बिल के विरोध में खड़े होने की मांग की गई है.
"हर मुसलमान कहेगा मोदी है तो सब मुमकिन है", वक्फ संशोधन बिल पर NDA सहयोगी क्या बोले?
जीतन राम मांझी पूर्व में बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और वर्तमान में लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्यम मंत्रालय संभाल रहे हैं. वक्फ पर मचे घमासान के बीच उन्होंने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.

जीतन राम मांझी पूर्व में बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और वर्तमान में केंद्रीय लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्यम मंत्रालय संभाल रहे हैं. वक्फ पर मचे घमासान के बीच उन्होंने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. मांझी ने अपने ‘एक्स’ हैंडल से पोस्ट किया है. उन्होंने लिखा,
“वक़्फ़ संशोधन बिल 2025 कई राजनैतिक दलों के सपनों को चकनाचूर कर देगा. जो दल अभी तक वक़्फ़ बिल को लेकर मुसलमानों को भड़काने का काम कर रहे थे उन्हें हमारी सरकार करारा जवाब देने जा रही है. वक़्फ़ संशोधन बिल जिस दिन पास होगा उस दिन देश के हर मुसलमान कहेगें, “मोदी है तो सबकुछ मुमकिन है. धन्यवाद नरेंद्र मोदी जी, देश का हर तबका आपके साथ है.”
बिहार में 2025 के अंत में विधानसभा चुनाव संभावित है. ऐसे में राज्य की 18% मुस्लिम आबादी को देखते हुए वक्फ संशोधन बिल का मुद्दा काफी अहम माना जा रहा है. बीते दिनों बिहार के गर्दनी बाग इलाके में बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुआ था. तब मांझी ने प्रदर्शन करने वालों की आलोचना की थी. उन्होंने धरना देने वालों को लेकर जो बयान दिया था उस पर काफी विवाद मचा था.
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NDA के सहयोगी दलों का समर्थन मिलेगा?वक्फ बिल को संसदीय कार्य एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री किरेन रिजिजू ने 8 अगस्त, 2024 को लोकसभा में पेश किया था. लेकिन विपक्ष के हंगामे के बाद इसे संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भेज दिया गया था. कुल 44 संशोधन पेश किए गए जिनमें से करीब 14 संशोधन को जेपीसी ने स्वीकार कर लिया. संशोधित बिल को कैबिनेट ने पहले ही मंजूरी दे दी है. लेकिन संसद में बिल के पास होने के लिए NDA को अपने सहयोगियों की जरूरत होगी. जीतन राम मांझी के अलावा अन्य दलों के भी बयान आना शुरू हो गए हैं.
JDU सांसद संजय झा ने वक्फ बिल पर कहा कि नीतीश कुमार पिछले 19 सालों से बिहार में काम कर रहे हैं और इस दौरान उन्होंने मुस्लिम समुदाय के लिए जो काम किया है वह भी सामने है. उन्होंने कहा,
“अभी भी जो कुछ आ रहा है उसमें हमारे पार्टी और नीतीश कुमार से कुछ लोग मिले थे. उन्होंने अपने सुझाव दिए थे. जेपीसी में हमारे सदस्यों ने उन सुझावों को रखा भी. हमें उम्मीद है कि सरकार उन सुझावों का ध्यान रखेगी. वक्फ बिल पहली बार नहीं आ रहा है. पहले भी 2013 में संशोधित बिल आया था.”
वहीं, TDP (तेलुगू देशम पार्टी) ने भी वक्फ संशोधन विधेयक को समर्थन देने का फैसला किया है. इंडिया टुडे के अमित भारद्वाज की रिपोर्ट के मुताबिक, TDP के सुझाए गए संशोधनों को स्वीकार कर लिया गया है.
राजद ने जताया विरोधराष्ट्रीय जनता दल के राज्यसभा सांसद मनोज कुमार झा ने वक्फ संशोधन विधेयक पेश होने से पहले उसे असंवैधानिक बताया है. उन्होंने कहा,
“विस्तार से चर्चा होगी कि ये बिल प्रकार से गैर संवैधानिक है. किस तरह से एक-एक करके अल्पसंख्यकों को अलग कर हमला करने की रणनीति बन रही है. इनके 90% बिल में संविधान की धज्जियां उड़ाई जाती हैं. हमने कृषि कानूनों के समय में कहा था कि इसे मत पास करिए, वापस लेना पड़ा ना.”
इस बीच, मुंबई में रजा अकादमी ने बिल पेश होने से पहले उलेमा, इमाम और मदरसा शिक्षकों की आपात बैठक बुलाई. बैठक को संबोधित करते हुए संगठन के प्रमुख अलहाज मोहम्मद सईद नूरी ने सेक्यूलर दलों से बिल के खिलाफ आवाज उठाने की अपील की. उन्होंने कहा कि यह बिल ‘संविधान पर हमला’ है, लिहाजा इसे फौरी तौर पर रिजेक्ट करें.
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