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इस दिग्गज IT कंपनी का ऑफिस 450 बेड वाले कोरोना अस्पताल में बदला

मरीजों के लिए खाने और बिस्तर का इंतज़ाम कंपनी करेगी, डॉक्टर सरकारी होंगे.

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विप्रो द्वारा तैयार किए गए कोविड-19 अस्पताल की तस्वीर (फोटो: ट्विटर); अज़ीम प्रेमजी और वर्तमान विप्रो चेयरमैन रिषद प्रेमजी
महाराष्ट्र में कोरोना के सबसे अधिक मामले सामने आए हैं. इस मुश्किल दौर में महाराष्ट्र सरकार की मदद करने सामने आई आई.टी. कंपनी विप्रो लिमिटेड. उन्होंने अपने पुणे के दफ्तर को एक अस्पताल में बदल दिया है. 450 बैड वाला यह अस्पताल केवल कोविड-19 के मरीजों के लिए है. मुख्यमंत्री ने किया ऑनलाइन उद्घाटन 5 मई के दिन विप्रो ने जानकारी दी थी कि उनका महाराष्ट्र सरकार से समझौता हुआ है. उनके हिंजवडी इलाके के कैंपस को एक 450-बैड वाले कोविड-19 अस्पताल में तब्दील किया जाएगा. 11 जून के दिन, यानि गुरुवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने ऑनलाइन बातचीत के जरिए इसका उद्घाटन किया. महाराष्ट्र के चीफ मेडिकल ऑफिसर ने ट्विटर पर यह जानकारी देते हुए लिखा:
"मुख्यमंत्री उद्धव बालासाहेब ठाकरे ने आज हिंजवडी, पुणे में विप्रो द्वारा बनाए गए सुसज्जित कोविड अस्पताल का ऑनलाइन उद्घाटन किया."
विप्रो के चेयरमैन रिषद प्रेमजी ने उद्धव ठाकरे को शुक्रिया कहा :
"महाराष्ट्र के सम्मानीय मुख्यमंत्री श्री उद्धव जी को शुक्रिया. पुणे में विप्रो के कैंपस से तब्दील किए हुए एक 450-बैड वाले अस्पताल का उद्घाटन करने के लिए. एक महीने के अंदर यह बदलाव करने में समर्थन देने के लिए महाराष्ट्र सरकार को शुक्रिया." 
अप्रैल में विप्रो ने किया था 1125 करोड़ का दान यह एक पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप वाला अस्पताल है. पुणे ज़िला परिषद् और ज़िला प्रशासन मेडिकल स्टाफ मुहैया करवाएंगी. मरीजों के लिए खाने और बिस्तर का इंतज़ाम विप्रो ने कर दिया है. जिला प्रशासन के मुताबिक़ अस्पताल की क्षमता को 504 बेड तक ले जाया जा सकता है. यहां मुख्यतः उन मरीजों को रखा जाएगा, जिन्हें मॉडरेट केयर की जरूरत है. इसकी इंटेंसिव केयर यूनिट (ICU) में 10 बेड और वेंटिलेटर हैं. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा:
"विप्रो को क्वालिटी के लिए जाना जाता है. इस अस्पताल में वही स्टेटस मैंटेन किया जाएगा. राज्य सरकार इसके लिए उन्हें बधाई देती है."   
अप्रैल में विप्रो लिमिटेड, विप्रो एंटरप्राइसेज़ लिमिटेड और अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन ने कोरोना से लड़ने के लिए 1125 करोड़ रुपए दान किए थे. विप्रो ने खुद से देश के विभिन्न इलाकों में लोगों के लिए राहत कार्य शुरू किए. इससे अब तक 34 लाख लोगों को फायदा पहुंचाया जा चुका है.
वीडियो देखें: अजीम प्रेमजी: म्यांमार की राइस किंग फैमिली, जिन्होंने इंडियन ग्लोबल आईटी फर्म विप्रो बनाई