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"आप निष्पक्ष नहीं रह सकते", यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने PM मोदी को क्यों सुनाया?

ज़ेलेंस्की ने रूस में हाल ही में हुए BRICS शिखर सम्मेलन की भी आलोचना की. उन्होंने इसे विफल बताते हुए सऊदी अरब और ब्राजील सहित कई देशों के नेताओं की अनुपस्थिति का हवाला दिया.

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इसी साल अगस्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूक्रेन की यात्रा पर गए थे. (फोटो- PTI)

रूस और यूक्रेन के बीच पिछले ढाई साल से युद्ध जारी है. कई देश युद्ध को खत्म करने और बातचीत की तरफ लौटने की अपील कर चुके हैं. अब यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने इस जंग में भारत के स्टैंड को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है. ज़ेलेंस्की ने कहा है कि भारत को अपना एक स्टैंड तय करना चाहिए. इतना ही नहीं, उन्होंने ये भी कहा कि पीएम मोदी यूक्रेन युद्ध रुकवा सकते हैं. ज़ेलेंस्की का ये बयान तब आया है, पीएम मोदी हाल में BRICS समिट में हिस्सा लेकर रूस से लौटे हैं.

वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने अंग्रेजी अखबार ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ को एक इंटरव्यू दिया है. इसी इंटरव्यू में उन्होंने कहा है,

“मोदी वास्तव में आबादी, अर्थव्यवस्था और प्रभाव के लिहाज से एक बड़े देश के प्रधानमंत्री हैं और ऐसा देश केवल यह नहीं कह सकता कि ‘हम युद्ध का अंत चाहते हैं’.”

यूक्रेन और रूस के बीच बातचीत की संभावना में पीएम मोदी के रोल के बारे में पूछे जाने पर ज़ेलेंस्की ने कहा,

"निस्संदेह ये बातचीत भारत में हो सकती है, और प्रधानमंत्री मोदी वास्तव में ऐसा कर सकते हैं. लेकिन मुझे लगता है कि हमें खुद को इसके लिए तैयार करने की ज़रूरत है. हमें ये अपने हिसाब से करना चाहिए, क्योंकि युद्ध हमारे क्षेत्र में हो रहा है. हमारे पास शांति शिखर सम्मेलन के रूप में एक मंच है."

दरअसल, रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने के बाद से भारत को लेकर यूक्रेन की प्रतिक्रिया में कई बार बदलाव देखे गए हैं. पीएम मोदी ने इसी साल रूस और यूक्रेन दोनों देशों का दौरा किया था. इस दौरान ज़ेलेंस्की ने भारत और प्रधानमंत्री मोदी की भूमिका पर सवाल खड़े किए थे और उनकी सराहना भी की थी.

ज़ेलेंस्की ने इंटरव्यू में कहा है,

"आप निष्पक्ष नहीं रह सकते. इसका मतलब है कि आप रूस के साथ हैं, क्योंकि हमला करने वाले और पीड़ित को एक नजरिए से नहीं देखा जा सकता है. मैं समझता हूं कि ये रूस का अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन है."

BRICS की आलोचना

ज़ेलेंस्की ने रूस में हाल ही में हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की भी आलोचना की. उन्होंने इसे विफल बताते हुए सऊदी अरब और ब्राजील सहित कई देशों के नेताओं की अनुपस्थिति का हवाला दिया. उन्होंने कहा है,

"पुतिन दुनिया को तथाकथित वेस्ट-प्लस और ब्रिक्स-प्लस में विभाजित करना चाहते हैं. यहां तक कि ब्राजील और चीन के शांति प्रस्ताव भी उन्हें स्वीकार्य नहीं थे. ये चीन और ब्राजील के लिए एक तमाचा था."

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान पुतिन के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर से बातचीत की थी. चर्चा को लेकर मोदी ने कहा था कि शांति के लिए जो भी भूमिका होगी, भारत उसे निभाने के लिए तैयार है. पीएम मोदी ने कहा था,

"रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष के दौरान हम लगातार संपर्क में रहे हैं. हमारा मानना है कि समस्याओं का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से होना चाहिए. शांति और स्थिरता की जल्द से जल्द बहाली का हम पूरी तरह से समर्थन करते हैं. आने वाले समय में भी भारत हर संभव सहयोग देने के लिए तैयार है."

बता दें, इसी साल अगस्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूक्रेन की यात्रा पर गए थे. उस दौरान पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा पर कई विशेषज्ञों ने भी सवाल खड़े किए थे.

वीडियो: Russia Ukraine War के बाद पहली बार मिले पीएम मोदी और जेलेंस्की ने रूस पर क्या कहा?