भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी (Vivek Ramaswamy) अमेरिका में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार (US President Candidate) हैं. हाल ही में उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. इसमें वे अमेरिका में धर्म की स्वतंत्रता पर बात करते हुए नजर आ रहे हैं. उन्होंने इसमें अपने हिंदू धर्म के होने पर भी बात की. दरअसल, अमेरिका में 2024 में राष्ट्रपति चुनाव (US Presidential Election) होने वाले हैं. इसके लिए रिपब्लिकन पार्टी (Republican Party) की तरफ से एक उम्मीदवार विवेक रामास्वामी भी हैं.
अमेरिका के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार विवेक रामास्वामी ने हिंदू और ईसाई धर्म पर क्या कहा?
अमेरिका में 2024 में राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं. इसके लिए रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी भी एक उम्मीदवार हैं. हाल ही में उनका एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वे हिंदू और ईसाई धर्म पर बात कर रहे हैं.
विवेक रामास्वामी एक करोड़पति बिजनेसमैन हैं. देश में होने वाले आम चुनावों के लिए वे जोर-शोर से अपने प्रचार में जुटे हैं. इसी बीच विवेक रामास्वामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक वीडियो पोस्ट किया. इसमें वे समाचार चैनल CNN के साथ अमेरिका के आइओवा शहर (Iowa City) में बात कर रहे हैं. इस बातचीत के दौरान जिनी नाम की एक महिला ने उनसे धर्म के बारे में सवाल किया. जिनी ने पूछा,
“धर्म की स्वतंत्रता हमारे देश के संविधान का हिस्सा है. ये बिल्कुल साफ है कि ये हमारे देश में बहुत जरूरी है. लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि क्योंकि आपका धर्म हमारे फाउंडिंग फादर्स के धर्म से अलग है, आप हमारे राष्ट्रपति नहीं बन सकते. आप इन लोगों का क्या कहना चाहेंगे?”
इस सवाल का जवाब देते हुए विवेक रामास्वामी ने अपने धर्म पर बात की. उन्होंने कहा,
"मैं कहना चाहूंगा कि मैं सम्मान के साथ इस बात से इत्तेफाक नहीं रखता हूं. मैं राजनीतिक षडयंत्र रचकर जीतने से बेहतर सच बोलकर चुनाव हारना पसंद करूंगा. अगर मुझे अपना राजनीतिक करियर खत्म करना पड़ा तो भी मैं इसके लिए तैयार हूं. लेकिन मैं फर्जी तरीके से अपना धर्म नहीं बदलूंगा."
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विवेक रामास्वामी ने आगे हिंदू और ईसाई धर्म की समानताओं पर बात की. वे बोले,
"मैं हिंदू धर्म से हूं. मैं सेंट जेवियर हाई स्कूल में पढ़ा हूं, जो कि एक क्रिश्चियन स्कूल है. हमारे यानि हिंदू और ईसाई धर्म के मूल सिद्धांत करीब-करीब एक जैसे हैं. मैं आपको अपने विश्वास के बारे में बताना चाहता हूं. मेरा धर्म मुझे सिखाता है कि ईश्वर ने हम सबको किसी न किसी उद्देश्य के लिए यहां भेजा है. उस लक्ष्य को पाना ही हमारा नैतिक कर्तव्य है."
उन्होंने आगे कहा,
धर्म की आजादी पर क्या कहा?"भले ही ईश्वर हम सबके लिए अलग-अलग है लेकिन हम बराबर हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि ईश्वर हम सबमें रहता है. मुझे लगता है ये यहूदी-ईसाई मूल्य भी यही सिखाते हैं, जो मैंने सेंट जेवियर स्कूल में सीखे. अपने माता-पिता का सम्मान करें. किसी की हत्या न करें. झूठ न बोलें. किसी को धोखा न दें. चोरी न करें. अडल्ट्री न करें. हिंदू धर्म के मूल्य भी ईसाई धर्म जैसे ही हैं."
38 साल के विवेक रामास्वामी ने अमेरिका में धर्म की आजादी पर बात करते हुए पूछा,
"क्या मैं इस देश में ईसाई धर्म का प्रचार-प्रसार करने वाला सबसे अच्छा राष्ट्रपति होउंगा? नहीं ऐसा नहीं होगा. मैं उसके लिए सबसे अच्छा उम्मीदवार नहीं हूं. लेकिन मुझे ये भी नहीं लगता कि ये अमेरिकी राष्ट्रपति का काम है. हालांकि, मैं यहूदी-ईसाई मूल्यों के लिए खड़ा रहूंगा, जो मैंने हिंदू धर्म में रहते हुए भी सीखीं."
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उन्होंने आगे कहा,
"मुझे लगता है कि ये मेरी जिम्मेदारी है. मुझे धर्म, राष्ट्रवाद, परिवार और कड़ी मेहनत करने को इस देश में दोबारा जरूरी बनाने के लिए काम करना चाहिए. मुझे लगता है कि आपका अगला राष्ट्रपति होने के नाते ये मेरा काम होगा. हम धर्म की स्वतंत्रता के लिए लड़ेंगे."
विवेक रामास्वामी के माता-पिता मूल रूप से केरल के रहने वाले हैं. वे विवेक के जन्म से पहले ही अमेरिका जाकर बस गए. यहां के ओहायो शहर में विवेक पैदा हुए. उन्होंने हार्वर्ड और येल जैसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में पढ़ाई की. विवेक ने हार्वर्ड से बायोलॉजी में ग्रेजुएट डिग्री हासिल की.
इसके बाद साल 2014 में उन्होंने रोइवेंट साइंसेज नाम की बायोफार्मास्यूटिकल कंपनी शुरू की. इसके बाद उन्होंने स्ट्राइव एसेट मैनेजमेंट फर्म बनाई. ऐसा माना जाता है कि विवेक को आर्थिक मामलों की अच्छी समझ है. इसके साथ ही, वो किताबें लिखने के भी शौकीन हैं.
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