The Lallantop

पड़ताल: मक्का मदीना के शिवलिंग की बताई जा रही तस्वीर की असलियत क्या है?

इसकी सच्चाई जानकर भगवान शिव की तीसरी आंख खुली की खुली रह गई.

post-main-image
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इस पोस्ट में एक बारहमुखी शिवलिंग की तस्वीर है. लोगों का दावा है कि ये काबा के काले पत्थर में बंद शिवलिंग की फोटो है. लोग लिख रहे हैं कि पहली बार इस शिवलिंग की फोटो खींचा गई है. काबा को लेकर कई हिंदुओं के अंदर काफी दिलचस्पी रहती है. बहुत वक्त से ये थिअरी चल रही है कि काबा के अंदर एक चमत्कारी शिवलिंग रखा है.
काबा में जो वो बड़ा सा काला बक्सा है, उसके अंदर एक चमत्कारी शिवलिंग बंद है.
ये वो अफवाह या कथित रहस्य है, जो हमारे यहां के हिंदुओं के बीच बरसों से टहल रहा है. राजाओं के यहां खानदानी हार ट्रांसफर हुआ करता था. ऐसे ही ये सीक्रेट हमारे बड़े-बुजुर्ग हमें थमाते आए हैं. मैंने अपने बचपन में ये सुना. पापा कहते हैं, वो भी छुटपन से ही ये सुनते आ रहे हैं. मेरे बाबा और नाना को भी ये बचपन में ही मिल गया था. इनसे पुरानी अपनी पीढ़ियों से मेरी मुलाकात नहीं हुई. सो मैं उनके बारे में कह नहीं सकती. मगर एक बात तय है. कि ये बात हेरिटेज का दर्जा दिए जाने लायक प्राचीन जरूर हो गई है.
भूत के उल्टे पांव तो फिर भी लोगों ने देखे हैं. मगर इस दावे को सच साबित कर सके, ऐसा कोई चश्मदीद आज तक नहीं मिला. न ही कोई सबूत मिला. न ही खुद जाकर जवाब खोजने की सहूलियत मिली. मिलीं, तो बस कहानियां. कहानी ऐसी कि जैसे राक्षस की जान तोते में बंद थी. वैसे ही, मुसलमानों की जान काबा के उस काले बक्से में बंद है. अगर कोई हिंदू काबा के उस काले बक्से को छू ले, तो दुनिया के सारे मुसलमान खत्म हो जाएंगे. ये सब होगा उस काले बक्से के भीतर एक चमत्कारी शिवलिंग की वजह से. मुसलमान ये बात जानते हैं. तभी वो किसी हिंदू को मक्का में घुसने ही नहीं देते. इन तमाम कहानियों के बीच पहली बार इससे जुड़ी एक 'पुख्ता' चीज नजर आई है. सोशल मीडिया पर इसका सबूत वायरल हो रहा है. एक तस्वीर है. जिसे शेयर करने वाले काबा का शिवलिंग बता रहे हैं.

क्या है इस वायरल पोस्ट का दावा? पोस्ट का फोकस एक तस्वीर है. तस्वीर में एक विशाल शिवलिंग है. बहुत भव्य सा. आपको अशोक स्तंभ याद है. कुछ-कुछ वैसे ही टाइप का. शिवलिंग पर शिल्पकारी की गई है. भगवान शंकर का चेहरा बनाया गया है. सामने की तरफ पांच चेहरे नजर आ रहे हैं. देखकर लगता है कि पीछे के हिस्से में भी ऐसे ही चेहरे बने होंगे. शिवलिंग के निचले हिस्से में कुछ फूल पड़े हैं. गुड़हल है शायद. शिवलिंग के बाईं तरफ दो लोग खड़े हैं. दोनों ने सफेद कपड़े पहने हुए हैं. एक बुजुर्ग से शख्स हैं. उन्होंने कुछ पजामा-कुर्ता सा पहना हुआ है. बगल में एक लड़का खड़ा है. पैंट और कमीज पहने. दोनों ने हाथ जोड़े हुए हैं. दाहिनी ओर एक लोहे की सीढ़ी बनी है. शिवलिंग के पीछे की तरफ एक शख्स जमीन पर दंडवत लेटा है. शिवलिंग की पूजा कर रहा है. इस तस्वीर के साथ जो पोस्ट है, उसमें लिखा है-
इतिहास में पहली बार मक्का मदीना के शिवलिंग को दिखाया गया है. सभी से अनुरोध है कि इसे शेयर अवश्य करें. ताकि सभी लोग देख सकें.

कई जगह 'हिंदू भाइयों' से अपील की गई है कि वो ये मौका न चूकें. पक्का शेयर करें. इसके अलावा कई जगह एक अंग्रेजी का पोस्ट भी नजर आ रहा है. जो लिखा है, उसका हिंदी तर्जुमा यूं होगा-
मक्का मदीना के शिवलिंग का दर्शन. पहली बार इसकी तस्वीर ली गई है.
ये इस वायरल हो रही पोस्ट के कुछ सैंपल्स हैं.
ये इस वायरल हो रही पोस्ट के कुछ सैंपल्स हैं.

वो ही पोस्ट
वो ही पोस्ट

इस वायरल पोस्ट का सच क्या है? फर्जी. इस पोस्ट में लिखी गई बातें झूठ हैं. इकलौती सच्ची चीज है वो तस्वीर. मगर ये मक्का-मदीना की नहीं है. ये तस्वीर है विराटनगर की. राजस्थान की राजधानी जयपुर. यहां से उत्तर की तरफ बढ़िएगा. करीब 52 किलोमीटर दूर आपका ये शहर. महाभारत की कहानी याद है? उसमें पांडवों ने 12 साल का वनवास काटा था. इसके अलावा एक साल का अज्ञातवास भी था. महाभारत के मुताबिक, पांडवों ने विराटनगर में अपना ये अज्ञातवास काटा था. ये प्राचीन मत्स्यदेश की राजधानी हुआ करता था. तब यहां राजा विराट का शासन था. कहते हैं कि ये विराटनगर वो ही विराटनगर है. यहां कुछ गुफाएं हैं. जिनके बारे में मशहूर है कि वो पांडवों की बनाई हुई हैं. यहीं पर एक पहाड़ी है. नाम है- भीम की डुंगरी. लोग इसको पांडू पहाड़ी भी कहते हैं. यहां एक पांडू गुफा भी है. इसके अंदर काले पत्थर का एक बड़ा सा शिवलिंग है. इसके ऊपर शिव के 12 चेहरे बने हैं. इसको बारहमुखी शिवलिंग भी कहते हैं. ये वही शिवलिंग है, जिसको लोग ऊपर वाली वायरल पोस्ट में मक्का-मदीना का शिवलिंग बता रहे हैं.
ये आभा की ब्लॉगपोस्ट का स्क्रीनशॉट है.
ये आभा की ब्लॉगपोस्ट का स्क्रीनशॉट है. ये वही वायरल पोस्ट वाली फोटो है न.

वायरल पोस्ट में जो फोटो है, वो कहां से आई? ये हमें 'मैप्स ऑफ इंडिया' नाम की एक वेबसाइट पर मिला. वहां एक आर्टिकल में ये फोटो है. ये छपा है 5 अप्रैल, 2015 को. आभा विराटनगर घूमने गई थीं. ये इसी यात्रा का सफरनामा है. आभा ने अपने इस आर्टिकल में कई तस्वीरें लगाई हैं. इन्हीं में से एक तस्वीर वो है, जिसका इस्तेमाल ऊपर वाली वायरल पोस्ट में हुआ है. लगता है कि किसी ने आभा के इस ब्लॉगपोस्ट से ये तस्वीर चुराई. और फिर उसके ऊपर वो मक्का-मदीना वाला झूठ लिखकर पोस्ट कर दिया. लोगों ने देखा और ये झूठ लपक लिया. और इस तरह पोस्ट वायरल हो गई. आप यहां पर क्लिक करके आभा का लिखा पढ़-देख सकते हैं. 

जब इस्लाम नहीं था, तब भी वहां रहने वाले कबीलों के बीच काबा की ये जगह काफी पूज्य मानी जाती थी. लोग दूर-दूर से यहां आते थे.
जब इस्लाम नहीं था, तब भी वहां रहने वाले कबीलों के बीच काबा की ये जगह काफी पूज्य मानी जाती थी. लोग दूर-दूर से यहां आया करते थे.

जाते-जाते ये जान लीजिए काबा में जो वो बड़ा सा ब्लैकबॉक्स है, वो आज का नहीं है. वो इस्लाम की पैदाइश से भी पहले का है. उस दौर का, जब अरब के उस इलाके में कई कबीले रहा करते थे. वो कबीले मूर्तिपूजा करते थे. अलग-अलग कबीलों की अलग-अलग आस्था थी. अलग-अलग देवता थे. उस काले बॉक्स के अंदर क्या है, इस बारे में आप यहां क्लिक करके हमारी एक सीरीज 'इस्लाम का इतिहास' का एक आर्टिकल 'कहानी काबा में लगे काले पत्थर की, जिसके बारे में अलग-अलग किस्से मशहूर हैं' पढ़ सकते हैं.
तब तक बस ये जान लीजिए कि उसके अंदर कोई शिवलिंग नहीं है. शिवलिंग वाली कहानी हमारा कलेक्टिव फर्जीवाड़ा है. 'चांद पर एक बुढ़िया तकली से सूत कातती है' जितना ही झूठ.


ये भी पढ़िए: 
कहानी आब-ए-ज़मज़म और काबे के अंदर रखी 360 मूर्तियों की

2 वायरल वीडियो: बिहार में लड़की-लड़के को साथ देखकर दबोचा, रेप की कोशिश की

क्या हुआ जब सुष्मिता सेन को एक 16 साल के लड़के ने मॉलेस्ट किया?

मोदी जी को 2019 में भी छप्पर फाड़ बहुमत दिलाने के लिए ये अकेला व्हाट्सऐप मैसेज ही काफी है

पूजा अपने बड्डे पर ये हरकत करने वाले को कभी माफ नहीं करेगी!

पेट्रोल की बढ़ती कीमत पर अक्षय कुमार ने क्या कहा था, जो उन्हें डिलीट करना पड़ गया



क्या अजय देवगन की हेलिकॉप्टर हादसे में मौत हो गई है?