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विनेश फोगाट ने खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड लौटाया, PMO जाने से रोका गया तो सड़क पर ही छोड़ दिया

बृजभूषण सिंह के खिलाफ विरोध करने वाली महिला पहलवानों में विनेश फोगाट भी हैं. इससे पहले बजरंग पूनिया ने अपना अवॉर्ड वापस कर दिया था.

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महिला पहलवान विनेश फोगाट 30 दिसंबर को अपना अर्जुन अवार्ड वापस करने PMO जा रही थीं(फोटो: आजतक)

एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीत चुकीं पहलवान विनेश फोगाट ने अपना अर्जुन अवार्ड और खेल रत्न अवॉर्ड वापस कर दिया है. भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध कर रहीं विनेश ने कुछ दिन पहले अवॉर्ड लौटाने का एलान किया था. 30 दिसंबर को विनेश अपना अवॉर्ड लौटाने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) जा रही थीं. लेकिन पुलिस ने रास्ते में उन्हें रोक लिया. इसके बाद उन्होंने अपने अवॉर्ड को कर्तव्य पथ के बैरिकेड्स के पास रख दिया, जिसे पुलिस ने अपनी कस्टडी में ले लिया.

कर्तव्य पथ पर रखा विनेश फोगाट का अर्जुन अवॉर्ड (फोटो: इंडिया टुडे)

अवॉर्ड लौटाने के दौरान विनेश के समर्थन में कई लोग भी वहां थे. एक वीडियो सामने आया है जिसमें विनेश की पुलिस वालों से बहस हो रही है. विनेश पुलिस को कहती हैं कि अगर रोकना है तो उनके अवॉर्ड को वे लोग पीएमओ पहुंचा दें.

वर्ल्ड चैंपियनशिप मेडलिस्ट विनेश को साल 2016 में अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. साल 2020 में उन्हें मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड मिला था.

इस घटना को लेकर पहलवान बजरंग पूनिया ने अपने 'X' अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, 

“ये दिन किसी खिलाड़ी के जीवन में ना आए. देश की महिला पहलवान सबसे बुरे दौर से गुजर रही हैं.”

इससे पहले, विनेश फोगाट ने 26 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था. इसमें उन्होंने अवॉर्ड लौटाने की बात कही थी. पत्र में विनेश ने लिखा था कि उन्हें मिले मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड का अब उनकी जिंदगी में कोई मतलब नहीं रह गया है. विनेश ने लिखा था कि हर महिला सम्मान से जिंदगी जीना चाहती है, इसलिए वो अपना अवॉर्ड वापस करना चाहती हैं ताकि सम्मान से जीने की राह में ये अवॉर्ड उनके ऊपर बोझ न बन सकें.

विनेश ने बृजभूषण शरण सिंह के बारे में बताते हुए लिखा था, 

“कुश्ती की महिला पहलवानों ने पिछले कुछ सालों में जो कुछ भोगा है, उससे समझ आता ही होगा कि हम कितना घुट-घुट कर जी रही हैं. जो शोषणकर्ता है उसने भी अपना दबदबा रहने की मुनादी कर दी है, बल्कि बहुत भौंडे तरीके से नारे भी लगवाए हैं. आप अपनी जिंदगी के सिर्फ 5 मिनट निकालकर उस आदमी के मीडिया में दिए गए बयानों को सुन लीजिए, आपको पता लग जाएगा कि उसने क्या-क्या किया है.”

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बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक...

भारतीय कुश्ती संघ (WFI) चुनाव के नतीजे 21 दिसंबर को सामने आए थे. बृजभूषण शरण सिंह के करीबी बताए जाने वाले संजय सिंह को संघ का अध्यक्ष चुना गया था. फैसला आने के कुछ देर पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास लेने का एलान कर दिया था.

इसके अगले दिन 22 सितंबर को बजरंग पूनिया भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिल्ली स्थित आवास के बाहर अपना पद्मश्री पुरस्कार वापस करने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने भी पत्र लिखा था. इसमें उन्होंने बृजभूषण के करीबी संजय सिंह के WFI के अध्यक्ष चुने जाने पर नाराजगी जाहिर की थी. और चुनाव जीतने के बाद बृजभूषण द्वारा 'दबदबा है और दबदबा रहेगा' वाले नारे का विरोध किया था.

बता दें कि 24 दिसंबर को केंद्रीय खेल मंत्रालय ने नवनियुक्त भारतीय कुश्ती संघ (WFI) की पूरी कार्यकारिणी को निलंबित कर दिया था. खेल मंत्रालय ने WFI प्रेसिडेंट संजय सिंह के सभी हालिया फैसलों पर भी रोक लगा दी थी. अगले आदेश तक किसी भी तरह की गतिविधि पर पूरी तरह से रोक लगाने का फैसला लिया था.

वीडियो: संजय सिंह वाली WFI बॉडी सस्पेंड होते ही बजरंग, गीता, विनेश फोगाट क्या बोले?