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विकास दिव्यकीर्ति ने स्वीकार किया, "दृष्टि IAS से नियमों में चूक हुई, लेकिन नीयत खराब नहीं"

छात्रों के प्रदर्शन पर Vikas Divyakirti ने कहा कि बच्चों की नाराजगी जायज है. उन्होंने कहा कि शायद छात्रों को उनसे ज्यादा उम्मीद थी इसलिए नाराजगी उनके ऊपर फूटी है.

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दृष्टि IAS के फाउंडर विकास दिव्यकीर्ति. (फाइल फोटो)

दिल्ली के Rau's IAS स्टडी सर्किल कोचिंग हादसे के बाद MCD लगातार कार्रवाई कर रही है. नियमों के उल्लंघन के कारण कई कोचिंग सेंटर को सील किया गया है. इस लिस्ट में सिविल सर्विस की तैयारी कराने वाली कोचिंग संस्था दृष्टि IAS भी है. संस्थान के दो कोचिंग सेंटर को सील किया गया. तैयारी कर रहे छात्र दृष्टि IAS के फाउंडर और विकास दिव्यकीर्ति और उनके जैसे दूसरे शिक्षकों की चुप्पी पर सवाल उठा रहे हैं. घटना के तीन दिन बाद अब विकास दिव्यकीर्ति ने इस मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि पहले वो पूरी स्थिति को समझना चाहते थे, क्योंकि एक-डेढ़ दिन तक ये भी स्पष्ट नहीं था कि कितने बच्चे थे. उन्होंने कहा कि अब जब चीजें साफ हुई हैं तो वे स्पष्ट तरीके से बात कर सकते हैं.

समाचार एजेंसी ANI को दिए इंटरव्यू में विकास दिव्यकीर्ति ने स्वीकार किया कि दृष्टि IAS से नियमों के स्तर से चूक हुई है. लेकिन ये भी कहा कि ये चूक ऐसी नहीं थी कि नीयत खराब हो. उन्होंने कहा,

"विचित्र बात ये है कि दिल्ली में कोचिंग की संख्या कम से कम एक हजार होगी. लेकिन इनमें फायर डिपार्टमेंट का अनापत्ति प्रमाण पत्र (NoC) किसी के पास नहीं है. फायर NoC शिक्षण संस्थानों की बिल्डिंग के लिए. ऐसा नहीं है कि हमने या बाकी इंस्टीट्यूट ने कोशिश नहीं की."

उन्होंने दावा किया कि सीलिंग की कार्रवाई 50 से ज्यादा इंस्टीट्यूट के खिलाफ हुई है. इसमें एक नाम उनके संस्थान का भी है. करोलबाग में अपने एक कोचिंग सेंटर की सीलिंग को लेकर दिव्यकीर्ति ने बताया कि उस बेसमेंट को कमर्शियल इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिली हुई है. वहां ऑफिस ही चलाया जा रहा था. लेकिन नगर निगम पर दबाव था इसलिए उसने सबके खिलाफ कार्रवाई की है.

वहीं नेहरू विहार में हुई कार्रवाई को लेकर उन्होंने कहा कि वहां बेसमेंट में क्लासरूम थे. विकास इंटरव्यू में आगे बताते हैं, 

“हरेक क्लासरूम में मैप लगे हुए हैं कि कहां-कहां से आप बाहर निकल सकते हैं. वहां फायर डिपार्टमेंट की मॉक ड्रिल भी होती है. अभी हुई घटना के पहले हमें ये एहसास था कि ये बेसमेंट शायद दिल्ली के सबसे सुरक्षित ढांचों में एक है. वो बिल्डिंग नई बनी हुई है.”

Rau's IAS हादसे का जिक्र कर विकास दिव्यकीर्ति ने कहा कि उनके जेहन में ऐसा कभी नहीं आया कि ऐसा भी हो सकता है. उन्होंने सीलिंग की कार्रवाई पर एमसीडी का धन्यवाद किया और कहा कि पूरी दिल्ली में ऐसी बिल्डिंग जहां भी हो, उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. लेकिन सरकार को एक पॉलिसी बनानी चाहिए कि फायर सर्टिफिकेट सीधे उसी विभाग से मिल जाए, ना कि नगर निगम या डीडीए के जरिए मिले.

छात्रों के गुस्से पर क्या बोले?

हादसे के बाद छात्रों के प्रदर्शन पर विकास दिव्यकीर्ति ने कहा कि बच्चों की नाराजगी जायज है. उन्होंने कहा, 

"शायद छात्रों को मुझसे ज्यादा उम्मीद थी इसलिए उनको खराब लगा. तो पूरी नाराजगी मेरे ऊपर फूटी है. कम से कम मैं इस बात को लेकर निश्चिंत हूं कि वे मानते हैं कि मुझे उनके पक्ष में खड़ा होना चाहिए था. उनके प्रति मैं कृतज्ञ हूं कि इतना गुस्सा मेरे ऊपर किया."

उन्होंने आगे कहा, 

"मेरे ऊपर निशाना इसलिए साध रहे हैं क्योंकि ऐसे मामले में सबको एक बलि का बकरा चाहिए होता है. इससे चीजें थोड़ी आसान हो जाती है. प्रशासन के लिए आसान हो जाता है कि वो बच गया. समाज को भी सीधी-सीधी बात समझ में आती है, एक आदमी मिल गया, यही जिम्मेदार था तो तसल्ली मिल जाती है."

दिव्यकीर्ति ने कहा कि जो घटना हुई है उससे उन्हें ये एहसास है कि ये लापरवाही थी, और उनके दिमाग में ये बात कभी नहीं आई. उन्होंने कहा कि भविष्य में कभी मंजूरी मिल भी गई तो वे बेसमेंट में काम नहीं करेंगे. और वे चाहते हैं कि पूरी दिल्ली में एक भी कोचिंग इंस्टीट्यूट बेसमेंट में ना चले.

दृष्टि IAS पर क्यों हुई कार्रवाई?

29 जुलाई को नेहरू विहार स्थित वर्धमान मॉल के बेसमेंट में चल रहे 'दृष्टि' के एक सेंटर को सील किया गया था. दिल्ली नगर निगम ने नोटिस में लिखा था कि 22 जुलाई को उल्लंघन के मामले में 'दृष्टि' को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. लेकिन संस्थान की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला.

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नोटिस के मुताबिक, 'दृष्टि' के इस सेंटर के पास फायर डिपार्टमेंट से NOC (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) भी नहीं मिला था. ये भी लिखा कि मॉल के टावर 1, 2 और 3 के पूरे बेसमेंट में 'दृष्टि' का ये कोचिंग सेंटर चल रहा था. एमसीडी का कहना है कि ये सेंटर दिल्ली मास्टर प्लान- 2021 का उल्लंघन करता है. इसलिए इस पूरे सेंटर को सील करने का आदेश दिया गया है.

27 जुलाई को Rau's IAS के बेसमेंट में पानी भरने के कारण तीन छात्रों की मौत हो गई थी. इसकी शुरुआती जांच में बिल्डिंग मालिक और नगर निगम की लापरवाही की बात सामने आई है. समाचार एजेंसी PTI की रिपोर्ट बताती है कि घटना के दो मुख्य कारण सामने आए हैं. पहला ये कि नगर निगम ने मानसून से पहले सड़क किनारे के नाले को साफ नहीं करवाया था. दूसरा, बेसमेंट में पानी निकलने की कोई व्यवस्था नहीं थी और वहां अवैध रूप से लाइब्रेरी बनाई गई थी.

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