ओल्ड राजिंदर नगर की Rau's IAS Study Circle के बेसमेंट में तीन छात्रों की मौत के बाद विकास दिव्यकीर्ति और अवध ओझा जैसे बहुचर्चित शिक्षकों पर लगातार सवाल उठे हैं. जो छात्र उन्हें 'हीरो' मानते थे, वो मीडिया के कैमरों पर निराशा के आंसू रोए. उनके मौन को लेकर लोगों ने उन्हें घेरा. बीते रोज़, 29 जुलाई को दिल्ली नगर निगम ने दृष्टि IAS समेत दो और बड़े कोचिंग सेंटर्स को सील कर दिया. आज, 30 जुलाई को विकास दिव्यकीर्ति की तरफ़ से मामले पर प्रतिक्रिया आ गई.
Drishti IAS सेंटर सील होने के बाद पहली बार बोले विकास दिव्यकीर्ति, लेकिन...
बीते रोज़, 29 जुलाई को दिल्ली नगर निगम (MCD) ने Drishti IAS समेत दो और बड़े कोचिंग सेंटर्स को सील कर दिया. मंगलवार, 30 जुलाई को Vikas Divyakirti की तरफ़ से मामले पर प्रतिक्रिया आ गई.
Drishti IAS की वेबसाइट पर छपे प्रेस रिलीज़ से निकली मुख्य बातें:
- देरी से जवाब देने के लिए क्षमा मांगी. तीनों बच्चों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की और श्रद्धांजलि अर्पित की. परिवार को आश्वासन दिया.
- विद्यार्थियों के प्रदर्शन पर कहा कि उनका रोष पूरी तरह न्यायसंगत है. मगर बिना 'मगर' लगाए लिखा कि इस रोष को 'सटीक' दिशा मिलनी चाहिए. और, क्या है सटीक दिशा? कि सरकार कोचिंग संस्थाओं के लिए निश्चित दिशानिर्देश लागू करे. वो सरकार के साथ सक्रिय सहयोग करने के लिए तैयार हैं.
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- क़ानून की स्पष्टता पर सवाल उठाए. लिखा कि DDA, MCD और दिल्ली फ़ायर डिपार्टमेंट के नियमों में असंगति है. 'दिल्ली मास्टरप्लान-2021', 'नैश्नल बिल्डिंग कोड', 'दिल्ली फ़ायर रूल्स' और 'यूनिफाइड बिल्डिंग बाय-लॉज़' के प्रावधानों में भी काफ़ी अंतर्विरोध हैं. कोचिंग संस्थानों के लिए स्पष्ट प्रावधान नहीं बनाए गए हैं. इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय की समिति से समाधान की अपेक्षा की.
- अपनी तैयारी का ब्यौरा दिया. लिखा कि वो छात्रों की सुरक्षा को लेकर अत्यधिक सतर्क रहते हैं. उनके पास 'फ़ायर एन्ड सेफ्टी ऑफ़िसर' का विशेष पद भी है. नियमित रूप से सेफ़्टी ऑडिट की जाती है. जानकारी दी कि जितने भी क्लासरूम हैं, उनमें आने-जाने के लिए कम से कम दो रास्ते हैं. हालांकि, पूरे बयान में कहीं भी इस बात की सफ़ाई नहीं थी कि नगर निगम ने दृष्टि के एक सेंटर को सील क्यों किया?
दरअसल, मुखर्जी नगर में वर्धमान मॉल के बेसमेंट में 'दृष्टि' का एक सेंटर चल रहा था. दिल्ली नगर निगम के नोटिस के मुताबिक़, ये सेंटर दिल्ली मास्टर प्लान- 2021 का उल्लंघन करता है. इसके संबंध में 'दृष्टि' को कारण-बताओ नोटिस जारी किया गया था. लेकिन संस्थान की तरफ़ से कोई जवाब नहीं मिला. नोटिस के मुताबिक़, 'दृष्टि' के इस सेंटर के पास फ़ायर डिपार्टमेंट से NOC (नो ऑब़ेजेक्शन सर्टिफिकेट) भी नहीं था. इसलिए इसे सील कर दिया गया.
विकास दिव्यकीर्ति ने अपने संस्थान के पक्ष में ये तो लिखा है कि दिल्ली नगर निगम की कार्रवाई स्वागतयोग्य है. मगर उनके सेंटर को सील करने के कारणों पर कोई स्पष्टीकरण नहीं है, न ही खुलकर उसका ज़िक्र है.
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- 'स्थायी समाधान' ज़रूर दिया. अपील की कि सरकार दिल्ली में तीन-चार क्षेत्रों को चुनकर उन्हें कोचिंग संस्थानों के लिए नियत करें. अगर सरकार क्लासरूम्स, लाइब्रेरीज़, हॉस्टल ख़ुद तैयार कराएगी तो, न ज़्यादा किराए की समस्या रहेगी और न ही सुरक्षा से जुड़े प्रावधानों की.
- ये प्रतिक्रिया उनकी अंतिम प्रतिक्रिया नहीं है. उनका मानना है कि इस विषय की जटिलताओं को स्पष्ट करने के लिए एक विस्तृत विश्लेषण लगेगा. तो वो जल्द ही कोई लेख या वीडियो जारी कर सकते हैं. ‘सारे पक्ष सामने होंगे, तब समाधान की सही राह निकलेगी’ – ऐसा उनका मानना है.
- अंत में जाने-अनजाने में हुई किसी भी चूक पर पुनः खेद व्यक्त किया.
वीडियो: कोचिंग सेंटर में छात्रों की मौत का ज़िम्मेदार कौन है?