The Lallantop

कर्नाटक से फिर स्कूली बच्चों से वॉशरूम साफ कराने का वीडियो आया, क्या इस बार कोई एक्शन हुआ?

कर्नाटक के स्कूलों से एक महीने में ऐसा तीसरा वीडियो (Students cleaning washroom in Karnataka Video) सामने आया है. बच्चों के परिजनों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया.

post-main-image
कर्नाटक से ऐसी खबरें पहले भी आती रही हैं. (प्रतीकात्मक फोटो- आजतक)

कर्नाटक से एक बार फिर ऐसा वीडियो सामने आया है, जिसमें स्टूडेंट्स स्कूल का वॉशरूम साफ करते दिख रहे हैं. वीडियो शिवमोग्गा जिले के एक स्कूल का है. कुछ दिन पहले भी कर्नाटक के एक स्कूल में बच्चों से वॉशरूम साफ कराये जाने का वीडियो सामने आया था. इसके चलते स्कूल की काफी आलोचना भी हुई थी लेकिन फिर एक और स्कूल से ऐसी ही घटना सामने आ गई है. बच्चों के परिजनों ने स्कूल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया, जिसके बाद ब्लॉक के एजुकेशन ऑफिसर ने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कर ली है. स्कूल के प्रिंसिपल को सस्पेंड कर दिया गया है.

क्या है पूरा मामला?

NDTV की एक खबर के मुताबिक, ये घटना बीते हफ्ते की है, जिसका वीडियो अब सामने आया है. स्कूल की प्रिंसिपल का कहना है कि स्टूडेंट्स को सिर्फ पानी डालने के लिए कहा गया था, न कि टॉयलेट साफ़ करने के लिए. जबकि इस घटना पर चिंता जताते हुए, एक दलित संगठन ने कहा है कि जब पेरेंट्स ने स्कूल के प्रिंसिपल से इस बारे में बात की तो उनका जवाब था कि साफ-सफ़ाई के लिए कर्मचारियों को नौकरी पर रखना होगा. इसके लिए पैसा खर्च करना मुमकिन नहीं है. संगठन की तरफ से ये भी कहा गया कि सिर्फ SC, ST और दूसरे दलित समुदायों के बच्चों को चुना गया और उनसे टॉयलेट साफ़ करवाए गए. शिवमोग्गा जिले के कप्तान ने कहा है कि मामले में FIR लिख ली गई है और जाति के एंगल की जांच की जा रही है.

(ये भी पढ़ें: कर्नाटक: महिला का घर तोड़ा, उसे घसीटा, निर्वस्त्र कर गांव में घुमाया, फिर बिजली के खंभे से बांधा)

एक महीने में तीसरी घटना

ये इस महीने में कर्नाटक में हुई ऐसी तीसरी घटना है. बीते हफ्ते ही राजधानी बेंगलुरु में एक सरकारी स्कूल के छात्रों को भी स्कूल के टॉयलेट साफ़ करते हुए पाया गया था. नाराज परिजनों और कुछ एक्टिविस्ट्स ने आंद्रहल्ली इलाके के इस स्कूल के बाहर प्रोटेस्ट किया था. राज्य के शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा ने इस घटना की निंदा की थी. बताते चलें कि कल रात मधु बंगारप्पा की कार का एक्सीडेंट हो गया था. वो बाल-बाल बचे हैं.

आंद्रहल्ली के स्कूल वाले मामले में मधु ने कहा था-

"इसमें कोई शक नहीं है कि हम कानून के मुताबिक, सख्त कार्रवाई करेंगे. मैं ये तय करूंगा कि ऐसी घटना दोबारा न हो और शिक्षा विभाग जरूरी कार्रवाई करेगा."

इसके बाद स्कूल के प्रिंसिपल को सस्पेंड कर दिया गया था. डिप्टी CM, डीके शिवकुमार ने भी बच्चों को टॉयलेट साफ़ करने के लिए मजबूर करने वाले लोगों को सख्त चेतावनी दी थी.

उन्होंने ये भी कहा है,

"NSS और सेवा दल के कैंप, बच्चों को बगीचे की सफाई करने और पौधे लगाने की ट्रेनिंग देते थे, लेकिन हमने बच्चों को टॉयलेट साफ़ करने की परमीशन नहीं दी."

बेंगलुरु और शिवमोग्गा की घटनाओं से पहले कर्नाटक के कोलार जिले के मोरारजी देसाई आवासीय स्कूल में दलित बच्चे, सेप्टिक टैंक की सफाई कर रहे थे. इस स्कूल में कुल 243 छात्र हैं. इनमें से 4 टैंक की सफाई कर रहे थे. घटना का वीडियो सामने आने के बाद स्कूल के प्रिंसिपल और एक टीचर को गिरफ्तार किया गया था. साथ ही, चार संविदा कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था. 

वीडियो: संसद में महिला पत्रकारों को 60 साल बाद मिला अलग टॉयलेट