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कानपुर देहात में उस दिन मां-बेटी के साथ क्या-क्या हुआ, इस VIDEO में दिख गया है!

वीडियो बता रहा कुछ और ही कहानी!

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ढाई मिनट के एक वीडियो को अहम सबूत बताया जा रहा है. (स्क्रीनशॉट: आजतक)

कानपुर देहात में प्रशासन की एक कार्रवाई के दौरान मां-बेटी की आग में जलकर हुई मौत (Kanpur Dehat Case) के मामले में पुलिस की जांच शुरू हो गई है. पुलिस इस मामले में घटनास्थल पर बनाए गए वीडियो फुटेज और फॉरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर जांच कर रही है. आजतक के संतोष शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में पुलिस एक वीडियो को बेहद अहम सबूत मान रही है. वीडियो घटना के दिन का है. उसमें झोपड़ी के अंदर और बाहर के फुटेज हैं.

झोपड़ी में था जनरेटर 

वीडियो 2 मिनट 30 सेकंड का है. वीडियो की शुरुआत कृष्ण गोपाल दीक्षित की झोपड़ी के अंदर से होती है. इसके अंदर शिवम दीक्षित खड़ा नजर आ रहा है और वहीं झोपड़ी में एक तरफ जनरेटर रखा नजर आ रहा है. वीडियो में 9 सेकंड से 12 सेकंड के बीच में शिवम घर से बाहर निकलता दिखाई पड़ता है और उसके पिता पीछे से हाथ में घास-फूस लेकर बाहर जाते दिखाई पड़ते हैं. 

जैसे ही दोनों लोग झोपड़ी के बाहर निकलते हैं, तभी बाहर से कृष्ण गोपाल की पत्नी प्रमिला दीक्षित, 'आवैं दे...आवैं दे', कहते हुए झोपड़ी के अंदर आ जाती हैं. पीछे से कृष्ण गोपाल भी वापस झोपड़ी में आ जाते हैं और प्रमिला 'हम जान दई दे बै', कहते हुए दरवाजा बंद कर लेती हैं. वीडियो के 28 सेकंड पर प्रमिला झोपड़ी का दरवाजा बंद करती दिखती हैं.

अंदर ही थीं मां-बेटी

इसके बाद वीडियो में बुलडोजर के आने की आवाज सुनाई पड़ती है. वीडियो में 53 सेकंड पर महिला पुलिसकर्मी दरवाजे की तरफ बढ़ती नजर आती हैं और वहीं पीछे बुलडोजर भी नजर आता है. 58 सेकेंड पर महिला कॉन्स्टेबल कुंडी खटखटाते हुए कहती हैं, 'दरवाजा खोलो'. लेकिन 1 मिनट 10 सेकंड पर दरवाजा खुलता है, तो महिला की आवाज आती है, 'आग लगाई दई इन लोगन ने'. यानी इन लोगों ने आग लगा दी. 

वीडियो के 1 मिनट 15 सेकंड पर किसी आदमी की आवाज आती है कि इन लोगों ने आग लगा दी, पानी ले आओ. वीडियो में 1 मिनट 22 सेकंड पर मां-बेटी झोपड़ी के अंदर खड़ी नजर आती हैं और प्रमिला चिल्लाती हैं, हाथ उठाकर कहती हैं, इन लोगों ने आग लगा दी. वीडियो के इसी हिस्से में झोपड़ी के ऊपरी हिस्से में आग नज़र आती है जिसमें से चिंगारियां नीचे गिर रही हैं और मां-बेटी झोपड़ी के अंदर खड़ी हैं. 

आग लगने की सूचना पर पुरुष कॉन्स्टेबल झोपड़ी तक पहुंचते हैं. पीले रंग की जैकेट और कंधे पर बंदूक टांगे एक सिपाही दरवाजे पर पहुंच देखता है कि आग लगी है तो वह 'पानी लाओ, पानी लाओ' कहते हुए भागता है.

और झोपड़ी जल गई

वीडियो में 1 मिनट 52 सेकंड पर जेसीबी झोपड़ी की तरफ बढ़ती नज़र आती है. 10 सेकंड बाद यानी वीडियो में 2 मिनट 4 सेकंड पर जेसीबी झोपड़ी के घास-फूस को लेकर बैक होते नजर आती है. वीडियो में 2 मिनट 11 सेकंड पर झोपड़ी धू-धू कर जलते नज़र आती है. वीडियो में 2 मिनट 18 सेकंड पर जेसीबी अलग खड़ी नजर आती है और कंधे पर बंदूक टांगे कुछ पुलिस वाले दोबारा झोपड़ी की तरफ भागते दिखते हैं.

2 मिनट 30 सेकंड के इस वीडियो को जांच का अहम हिस्सा माना जा रहा है. पुलिस ने जेसीबी ड्राइवर दीपक का बयान भी ले लिया है. मौके पर फॉरेंसिक टीम ने तमाम सबूत इकट्ठे किए हैं. जांच की जा रही है कि झोपड़ी में आग किसी ज्वलनशील पदार्थ से तो नहीं लगी.

रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस टीम को इस वीडियो के साथ-साथ फॉरेंसिक रिपोर्ट का भी इंतजार है. इस मामले में आईजी रेंज कानपुर प्रशांत कुमार का कहना है कि FIR दर्ज होने के बाद ही जांच अकबरपुर इंस्पेक्टर को सौंप दी गई थी. इस मामले में हर पहलू की जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि फॉरेंसिक रिपोर्ट, मौके पर बने वीडियो और गवाहों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. किसी भी निर्दोष को फंसाया नहीं जाएगा, लेकिन किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा. 

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