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वाराणसी: कॉलेज में बनी मस्जिद को लेकर विवाद जारी, 300 से ज्यादा छात्र हुए इकट्ठे, इलाके में तनाव

Varanasi College Mosque: 6 दिसंबर को तकरीबन 300 से ज्यादा स्टूडेंट हाथों में भगवा झंडा लेकर कॉलेज के गेट पर इकट्ठा हुए. इसके बाद मस्जिद को हटाने की मांग करते हुए उन्होंने ‘जय श्री राम’ के नारे भी लगाए.

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यूपी कॉलेज के गेट पर इकट्ठा हुए सैकड़ों छात्र (फोटो साभार: आजतक)

वाराणसी के उदय प्रताप कॉलेज (Uday Pratap College) परिसर में बनी मस्जिद को लेकर उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. शुक्रवार, 6 दिसंबर को तकरीबन 300 से ज्यादा स्टूडेंट हाथों में भगवा झंडा लेकर कॉलेज के गेट पर इकट्ठा हुए. इसके बाद मस्जिद को हटाने की मांग करते हुए उन्होंने ‘जय श्री राम’ के नारे भी लगाए. पुलिस के मुताबिक, इनमें से कुछ स्टूडेंट्स दूसरे संस्थानों से थे. हालांकि, वहां मौजूद पुलिस फोर्स ने उन्हें कॉलेज में घुसने से रोक दिया. हालात को देखते हुए पुलिस ने कैंपस में बाहरी स्टूडेंट्स की एंट्री पर रोक लगा दी थी. कॉलेज के अंदर सिर्फ वैध आईडी वाले स्टूडेंट्स को ही एंट्री दी जा रही थी.

आज तक की खबर के मुताबिक, ACP एस. चन्नप्पा ने बताया,

“बाहरी छात्र कॉलेज में एंट्री करना चाहते थे. इस बीच हालात थोड़े तनावपूर्ण हो गए लेकिन पुलिसकर्मियों ने मामले को शांत किया. कुछ असामाजिक तत्वों की पहचान की गई है और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. स्थिति सामान्य है. कॉलेज के आसपास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है.”

वहीं, पूर्व छात्र संघ नेता विवेकानंद सिंह ने कहा-

"कॉलेज के छात्रों और पूर्व छात्रों ने मिलकर परिसर से मजार हटाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. लेकिन पुलिस ने हमें कॉलेज में घुसने नहीं दिया. अगर मजार पर नमाज पढ़ी जा सकती है, तो छात्रों को वहां हनुमान चालीसा का पाठ करने की भी परमिशन दी जानी चाहिए."

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कहां से शुरू हुआ विवाद?

इस विवाद की शुरूआत तब हुई थी जब कुछ स्टूडेंट्स ने मिलकर कॉलेज परिसर में बनी मस्जिद के सामने हनुमान चालीसा का पाठ किया था. इस मामले में पुलिस के मुताबिक सात लोगों को हिरासत में भी लिया गया था. यह पूरा विवाद सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड की 2018 में कॉलेज को लिखी गई एक चिट्ठी से हुआ था, जिसमें बोर्ड ने कॉलेज में बनी इस मस्जिद को बोर्ड में पंजीकृत करने के लिए कहा था.

हालांकि, इस नोटिस को 2021 में ही रद्द कर दिया गया था, क्योंकि कॉलेज प्रशासन के मुताबिक यह मस्जिद कॉलेज की संपत्ति है. उसके बाद बोर्ड ने मस्जिद पर अपना दावा छोड़ दिया है.  

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