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उत्तरकाशी सुरंग में फंसे सभी मजदूर 17 दिन बाद जिंदा बाहर आए, PM मोदी बोले- नया जीवन

इसके साथ ही ये बचाव अभियान खत्म और मजदूरों और उनके परिवारों को बधाई मिलने का दौर शुरू हो गया है.

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सुरंग के अंदर से मजदूरों का निकलना शुरू हो गया है. (फोटो- ट्विटर)
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मंजीत नेगी

उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग (Uttarakhand Tunnel Rescue Operation) में 17 दिनों से फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है. ताजा अपडेट्स हैं कि एक-एक करके सभी 41 मजदूर टनल से बाहर आ गए हैं. इसके साथ ही ये बचाव अभियान खत्म और मजदूरों और उनके परिवारों को बधाई मिलने का दौर शुरू हो गया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक सुरंग से बाहर आने के बाद उन्हें सीधे हॉस्पिटल ले जाया जाएगा. वहां सभी की जांच की जाएगी.

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक ऑपरेशन से जुड़े एक सदस्य ने बताया था कि रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो गया है. NDRF की टीम अब मजदूरों को बाहर निकालने का काम करेगी. इसमें लगभग आधे घंटे का समय लगेगा. अब इसमें कोई बाधा नहीं है.

इस वर्कर की बात सही निकली और पहले मजदूर के बाहर आने के थोड़ी ही देर बाद सभी के बाहर आने की ब्रेकिंग न्यूज आ गई. अब हर तरफ से बधाइयां आ रही हैं. पीएम मोदी ने भी मजदूरों के सुरक्षित बाहर आने पर बधाई दी और X पर लिखा,

"उत्तरकाशी में हमारे श्रमिक भाइयों के रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता हर किसी को भावुक कर देने वाली है. टनल में जो साथी फंसे हुए थे, उनसे मैं कहना चाहता हूं कि आपका साहस और धैर्य हर किसी को प्रेरित कर रहा है. मैं आप सभी की कुशलता और उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं... मैं इस बचाव अभियान से जुड़े सभी लोगों के जज्बे को भी सलाम करता हूं. उनकी बहादुरी और संकल्प-शक्ति ने हमारे श्रमिक भाइयों को नया जीवन दिया है. इस मिशन में शामिल हर किसी ने मानवता और टीम वर्क की एक अद्भुत मिसाल कायम की है."

इंडिया टुडे से जुड़े संवाददाता अंकित शर्मा और आशुतोष मिश्रा की रिपोर्ट के मुताबिक इससे पहले रेस्क्यू टीमों ने मजदूरों के परिजनों से उनके कपड़े और बैग तैयार रखने को कहा था. सिलक्यारा सुरंग के बाहर 41 एंबुलेंस को डॉक्टर्स की टीम के साथ तैनात किया गया था. मजदूरों को उनकी जरूरत के हिसाब से इलाज दिया जाएगा. साथ ही NDRF की टीम को भी अलर्ट पर रखा गया था.

वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया था कि टनल में पाइप डालने का कार्य पूरा कर लिया गया है. बहुत जल्द मजदूरों को बाहर निकाल लिया जाएगा. बाहर आने के बाद सीएम ने लिखा,

"धैर्य, परिश्रम और आस्था की जीत हुई."

आजतक से जुड़े मंजीत नेगी और ओमकार बहुगुणा के मुताबिक मजदूरों को बचाने के लिए बारिश और ठंड के बीच भी ड्रिलिंग का काम किया जा रहा था. मैनुअल ड्रिलिंग के लिए 3 टीमें लगाई गई थीं. 

सुरंग से मलबा हटाने के लिए सबसे पहले जेसीबी लगाई गई थी. लेकिन ऊपर से मलबा गिरने की वजह से सफलता नहीं मिली. फिर देहरादून से ऑगर मशीन मंगाकर सुरंग में ड्रिलिंग शुरू की गई. बाद में ऑगर मशीन भी जवाब दे गई. इसके बाद दिल्ली से अमेरिकन ऑगर मशीन मौके पर पहुंचाई गई. इस काम के लिए वायुसेना के विमानों का इस्तेमाल किया गया. ये मशीन आगे बढ़ रही थी कि लगभग 50 मीटर ड्रिलिंग के बाद सरिया सामने आने के चलते उसमें भी खराबी आ गई.

फिर हैदराबाद से प्लाज्मा कटर मंगाया गया. उससे ऑगर को काटा गया. इसके बाद 16वें दिन मैनुअल ड्रिलिंग शुरू हुई और आज 17वें दिन सभी मजदूरों तक पाइप पहुंचा दिया गया जिसके के जरिये वो बाहर आए.

इससे पहले उत्तराखंड सरकार के सचिव नीरज खेरवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी थी कि 28 नवंबर की शाम तक रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो जाएगा.

बीती 12 नवंबर को उत्तराखंड की निर्माणाधीन सिल्क्यारा सुरंग का एक हिस्सा ढह गया था. तब से ही वहां बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के 41 मजदूर फंसे हुए थे. अब सुरंग से जीवित बाहर आने के बाद इनके घरों में खुशी का माहौल है.

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वीडियो: उत्तरकाशी टनल रेस्कयू में ड्रिलिंग मशीन से नहीं बना काम, अब होगी मैनुअल ड्रिलिंग