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72 घंटों से सुरंग में फंसे 40 मजदूर, फिर गिरा मलबा, घायलों तक कैसे पहुंचाई जा रही दवा?

14 नवंबर को दो मजदूरों की तबीयत बिगड़ गई थी. एक मजदूर को उल्टी और चक्कर आने जैसे समस्याएं हुईं. एक और मजदूर के सिर में दर्द की शिकायत बताई. फंसे हुए मजदूरों के साथ वॉकी-टॉकी से बातचीत की जा रही है.

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ड्रिलिंग के लिए दिल्ली से कुछ एडवांस मशीनें मंगाई गई है. (तस्वीर साभार: इंडिया टुडे)

उत्तरकाशी में सिल्क्यारा सुरंग के ढ़हने (Uttarkashi Tunnel Collapse) से फंसे 40 मजदूरों को बाहर निकालने का बचाव कार्य चल रहा है.  लेकिन 15 नवंबर को बचाव कार्य में उस समय मुश्किल खड़ी हो गई जब मलबे में ड्रिलिंग के दौरान भूस्खलन हो गया. भूस्खलन की वजह से टनल के अंदर मलबा गिरा और भगदड़ मच गई, जिसमें दो मजदूर घायल हो गए. ये हादसा उस दौरान हुआ ड्रिलिंग के लिए बरमा मशीन लगाने के लिए सुरंग के अंदर एक प्लेटफॉर्म तैयार किया जा रहा था. 

इसके अलावा मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 14 नवंबर को दो मजदूरों की तबीयत बिगड़ गई थी. एक मजदूर को उल्टी और चक्कर जैसे समस्याएं हुईं. एक और मजदूर ने सिर में दर्द  की शिकायत बताई थी. दोनों मजदूरों तक कंप्रेसर के जरिए दवाई भेजी गई. फंसे हुए मजदूरों के साथ वॉकी-टॉकी से बातचीत की जा रही है.

इंडिया टुडे से जुड़े आशुतोष के अनुसार पहाड़ों में संकरे रास्ते के कारण कई मशीनों को घटनास्थल तक लाने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. घटनास्थल से आई जानकारी के मुताबिक बैकअप मशीन नहीं होने के कारण बचाव काम में देरी हो रही है. इसके कारण 15 नवंबर की सुबह को घटनास्थल के बाहर कुछ मजदूरों ने प्रदर्शन भी किया है.

फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए विशेषज्ञों ने मलबे के आर-पार 900 मिमी का पाइप लगाने की कोशिश की जा रही है. इसके लिए घटनास्थल पर पाइप मंगवा लिया गया है. पाइप को सुरंग के अंदर डालने का काम चल रहा है. इससे पहले इस पाइप को लगाने के लिए ऑगर ड्रिलिंग मशीन मंगवाई गई थी. इस काम के लिए सिंचाई विभाग के 5 विशेषज्ञ अभियंताओं को देहरादून से बुलाया गया है. इसके अलावा एयरफोर्स की मदद से दिल्ली से कुछ एडवांस मशीनें भी भेजी जा रही हैं.

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खबरों के मुताबिक, मजदूरों तक पहुंचने के लिए मलबा हटा कर सुरक्षित रास्ता बनाया जा रहा है. लेकिन सुरंग के ऊपर वाले हिस्से से गिर रहे मलबे के कारण दिक्कतें हो रही हैं. सुरंग में फंसे लोगों तक पानी के पाइप के जरिए खाना, पानी और ऑक्सीजन पहुंचाया जा रहा है.

इन राज्यों के मजदूर फंसे हैं

फंसे हुए मजदूरों में सबसे ज्यादा झारखंड के रहने वाले हैं. झारखंड से 15 के अलावा 8 मजदूर उत्तर प्रदेश से हैं. जबकि पांच ओडिशा से, चार बिहार से, तीन पश्चिम बंगाल, दो असम और एक मजदूर हिमाचल प्रदेश से है.

12 नवंबर को सुबह 6 से 7 बजे के बीच सिल्क्यारा को डंडालगांव से जोड़ने वाली इस निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढह गया था. शुरुआती जांच में पता चला कि हादसा भूस्खलन के चलते हुआ.भूस्खलन सुरंग के प्रवेश द्वार से 200 मीटर की दूरी पर हुआ. मजदूर प्रवेश द्वार से 2,800 मीटर सुरंग के अंदर थे. सुरंग के बनने से उत्तरकाशी से यमुनोत्री धाम तक का सफर 26 किलोमीटर कम हो जाएगा.

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