The Lallantop

उत्तरकाशी: सुरंग में फंसे 41 लोगों का पहला CCTV फुटेज सामने आया, 10 दिन से कैसे रह रहे मजदूर?

उत्तरकाशी सुरंग हादसे के दसवें दिन बचाव कार्य में तेजी की उम्मीद है. अधिकारियों ने वॉकी टॉकी के जरिए मजदूरों से बात की. सुरंग में कैसे रह रहे 41 मजदूर?

post-main-image
सुरंग के अंदर CCTV कैमरे पर मजदूरों की गिनती की गई. (तस्वीर साभार: इंडिया टुडे)

उत्तरकाशी में सिल्क्यारा सुरंग के ढहने से (Uttarkashi Tunnel Accident) 41 मजदूर अभी भी अंदर ही फंसे हुए हैं. मजदूरोें को सुरक्षित बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा है. आज दसवां दिन है. बचाव दल सुरंग के अंदर CCTV कैमरा डालकर मजदूरों की गिनती कर रहे हैं.

इंडिया टुडे से जुड़े ओंकार की रिपोर्ट के मुताबिक, सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों की पहली CCTV फुटेज आई है. अधिकारी पहले ही वॉकी-टॉकी और पाइप के माध्यम से मजदूरों से बात कर रहे थे. अब सुरंग के अंदर कैमरा डालकर मजदूरों की गिनती की जा रही है. अधिकारी सुरंग के अंदर का भूगोल समझने का प्रयास कर रहे हैं. ताकि बचाव कार्य में तेजी लाई जा सके.

CCTV कैमरे से सुरंग के अंदर का निरीक्षण. (तस्वीर साभार: इंडिया टुडे)

फंसे हुए मजदूर अपना शारीरिक और मानसिक मनोबल बनाए रखने के लिए अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं. इंडियन एक्सप्रेस से जुड़े अवनीश मिश्रा की एक रिपोर्ट के अनुसार, मजदूरों को टहलने और योग करने की सलाह दी जा रही है. आत्मविशवास बनाए रखने के लिए उनकी परिजनों से बात कराई जा रही है. सरकार की तरफ से मनोचिकित्सक डॉ अभिषेक शर्मा को नियुक्त किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक शर्मा लगातार मजदूरों के संपर्क में हैं और उनके मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रख रहे हैं.

ये भी पढ़ें: "जल्दी निकालिए, हालत खराब..."- उत्तरकाशी सुरंग में फंसे मजदूरों ने लगाई आवाज, और क्या कहा?

अब तक, मजदूरों को पाइप के जरिए मुरमुरे, चना और सूखा मेवा जैसा खाना भेजा जा रहा था. अब 6 इंच का पाइप सुरंग के अंदर डाला गया है. इसके बाद सोमवार, 20 नवंबर को प्रशासन ने केला, सेब, दलिया और खिचड़ी जैसा भोजन मजदूरों को भेजा.

साथ ही, मजदूरों तक फोन और चार्जर भी भेजने की योजना बन रही है. ताकि मजदूर खुद को व्यस्त रख सकें. अधिकारियों की मानें तो, बंद जगह होने के कारण अंदर ठंडी या मच्छरों की समस्या नहीं है. अधिकारियों ने कहा है कि मजदूरों के पास पानी की व्यवस्था है. 

मजदूरों में दिखा रोष

इससे पहले, श्रावस्ती के 6 मजदूरों से वहां के आपदा विशेषज्ञ अरुण कुमार मिश्रा ने बात की थी. सभी 6 मजदूरों ने लगभग एक ही बात दोहराई, बाहर निकालिए, हालत खराब है. मजदूरों का कहना था कि अंदर खाने-पीने की व्यवस्था तो है लेकिन सबकी हालत खराब है.

कई मीडिया रिपोर्ट्स से भी पता चलता है कि मजदूरों और उनके परिजनो की नाराजगी बढ़ती जा रही है. 12 नवंबर को उत्तराखंड की निर्माणाधीन सिल्क्यारा सुरंग ढह गई थी. टनल में बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के मजदूर फंसे हुए हैं.

सुरंग में फंसे मजदूरों के नाम. (तस्वीर साभार: इंडिया टुडे)

इससे पहले 17 नवंबर को बचाव कार्य के दौरान सुरंग के अंदर से जोरदार आवाज सुनाई दी थी. आशंका जताई गई कि अंदर और मलबा गिरा है जिसके चलते ऑपरेशन को रोकना पड़ा था. फंसे मजदूरों के घरवालों ने प्रशासन पर लापरवाही और ऑपरेशन में देरी का आरोप भी लगाया.

ये भी पढ़ें: उत्तरकाशी: हिमालय चीरकर सड़कें बनाने वाली सरकार मजदूरों को क्यों नहीं निकाल पा रही?