उत्तराखंड के उत्तरकाशी में 15,000 फीट की ऊंचाई पर मौजूद सहस्त्रताल ट्रैकिंग रूट पर 9 लोगों की ठंड से मौत हो गई है. यहां 22 लोगों का ग्रुप ट्रैंकिग करने गया था. दल में 18 ट्रैकर्स कर्नाटक, एक महाराष्ट्र और बाकी के तीन लोकल गाइड हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन में 13 लोगों को रेस्क्यू किया गया है. बताया गया कि मौसम खराब होने की वजह से ऑपरेशन में काफी दिक्कतें आईं.
उत्तरकाशी में ट्रैकिंग करने गए 22 लोगों में से 9 की मौत
ट्रैकर्स ने 29 मई से ट्रैक की शुरुआत की थी. 7 जून को उनकी वापसी थी. लेकिन 4 जून की शाम उत्तरकाशी और टिहरी आपदा प्रबंधन केंद्र के पास जानकारी आई कि 22 ट्रैकर्स ख़राब मौसम की वजह से सहस्त्रताल ट्रैक से लौटते समय कुफरी टॉप पर फंस गए हैं.

आजतक से जुड़े अंकित शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक़ ट्रैकर्स ने 29 मई से ट्रैक की शुरुआत की थी. 7 जून को उनकी वापसी थी. लेकिन 4 जून की शाम उत्तरकाशी और टिहरी आपदा प्रबंधन केंद्र के पास जानकारी आई कि 22 ट्रैकर्स ख़राब मौसम की वजह से सहस्त्रताल ट्रैक से लौटते समय कुफरी टॉप पर फंस गए हैं. ट्रैकर्स के गाइड ने मदद के लिए सरकार को पत्र लिखा. इसके बाद उत्तरकाशी और टिहरी प्रशासन ने अपने-अपने जिलों से NDRF की टीमों को भेजा.
रिपोर्ट के मुताब़िक 22 ट्रैकर्स में से 2 बीमार पड़ गए थे. पहले उन्हें बेस कैंप लाया गया. बाद में 7 लोगों को बेस कैंप लाया गया. 13 लोग कुफ्री टॉप पर फंसे थे. ज़्यादा ठंड की वजह से 9 लोगों की वहीं मौत हो गई.
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मुख्यमंत्री ने क्या कहा?उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्रैकर्स की मौत पर दुख जताया है. आजतक से बात करते हुए सीएम धामी ने कहा कि ट्रैकर्स के फंसने की जानकारी मिलते ही NDRF और बचाव रक्षक दल को रेस्क्यू के लिए भेजा गया था. उन्होंने कहा,
“जो भी जरूरत पड़ेगी, उसको हम लगाएंगे, वायु सेना की मदद ली जा रही है. लोगों को बचाने की कोशिश की जाएगी.”
मृतकों में कर्नाटक के लोग भी शामिल हैं. राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने ट्वीट कर कहा,
ट्रैकर ने बताया क्या हुआ?"सहस्त्र ताल, उत्तराखंड में खराब मौसम के कारण हमारे राज्य के पांच ट्रैकर्स की मृत्यु के बारे में सुनकर दुख हुआ. मैं दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं. रेस्क्यू ऑपरेशन के माध्यम से 11 ट्रैकर्स को सुरक्षित बचाया जा चुका है, लेकिन कई अन्य को अभी भी बचाव की आवश्यकता है. खराब मौसम बचाव प्रयासों में बाधा डाल रहा है, फिर भी हमारी सरकार सभी को सुरक्षित वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है.
मैंने मंत्री श्री कृष्णा बायरे गौड़ा को बचाव कार्यों की निगरानी के लिए आज देहरादून जाने का निर्देश दिया है. हमारे लोगों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय और सेना दोनों हेलीकॉप्टरों को भेजा जाएगा."
अस्पताल में मौजूद एक ट्रैकर स्मृति डोलस ने बताया कि घटना वाले दिन ट्रैकर्स वापस लौट रहे थे. जिस जगह पर वे फंसे थे वहां बर्फबारी हो रही थी. फिर अचानक 90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से तेज हवाएं चलीं जिससे वे लोग वहां फंस गए.
वहीं NDRF कमांडेंट ऑफिसर मणिकांत मिश्रा ने हादसे को लेकर आजतक को बताया कि प्रशासन को सूचना मिलने के बाद टीमों को भेजा गया था. अब तक 10 लोगों को देहरादून लाया जा चुका है. बाकी का इलाज उत्तरकाशी में ही चल रहा है.
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