दिवाली आ रही है. इस समय दिल्ली-NCR की वायु गुणवत्ता हर साल बेहद खराब हो जाती है. सरकार अक्सर खराब AQI (वायु गुणवत्ता सूचकांक) के लिए पंजाब-हरियाणा में पराली जलाने को दोषी बताती है या फिर दिवाली के पटाखों को. लेकिन, अब उत्तर प्रदेश प्रदूषण बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा है कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में हवा “पाकिस्तान की वजह से” खराब हो रही है. उनका कहना है कि पाकिस्तान में जलाई जा रही पराली और एग्रीकल्चर वेस्ट के कारण नोएडा और गाजियाबाद का AQI खराब हो रहा है.
दिवाली से पहले नोएडा-गाजियाबाद की हवा हुई 'जहरीली', यूपी के अधिकारी बोले- पाकिस्तान वजह है
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक क्षेत्रीय अधिकारी ने कहा है कि पाकिस्तान में जलाई जा रही पराली और एग्रीकल्चर वेस्ट के कारण नोएडा और गाजियाबाद का AQI खराब हो रहा है.
डी.के. गुप्ता ग्रेटर नोएडा में उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा,
"यह पहली बार है कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद तीनों शहरों में एक ही दिन में 'बहुत खराब' हवा की गुणवत्ता देखी गई है. इस साल हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान को इसके लिए दोषी ठहराया जाना चाहिए. वहां पर पराली जलाने की घटनाएं बढ़ रही हैं. इसलिए हमारी सीमा पर जहरीली हवाएं आ रही है."
उन्होंने यह टिप्पणी इसलिए दी है, क्योंकि 27 अक्टूबर को तीनों शहरों में AQI 'बहुत खराब' स्तर पर पहुंच गया था. नोएडा में AQI - 304 दर्ज किया गया, जो एक दिन पहले के 169 से काफी ज्यादा है. वहीं गाजियाबाद में AQI - 324 और ग्रेटर नोएडा में 312 दर्ज किया गया.
दिल्ली में AQI और भी खराब रहा. 27 अक्टूबर को 352 दर्ज किया गया, आनंद विहार क्षेत्र में यह 405 दर्ज किया गया.
आज सुबह यानी 28 अक्टूबर को नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में AQI क्रमशः 267, 248 और 252 पर आ गया. जबकि दिल्ली में AQI 328 रहा.
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अधिकारी की इस टिप्पणी के बाद हमने स्काईमेट के मौसम वैज्ञानिक महेश पलावत से बात की. उनसे पूछा कि क्या पाकिस्तान की वजह से नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद की हवा जहरीली हो रही है. उन्होंने इस बात से साफ मना कर दिया. पलावत ने कहा,
"पाकिस्तान में जलाई जा रही पराली की वजह से यहां की हवा पर असर पड़े, ऐसा कहना गलत है. पहले पंजाब और हरियाणा में जलाई जा रही पराली की वजह से हवा पर फर्क पड़ता था. लेकिन कुछ सालों में वो कम हुआ है. और सिर्फ पराली ही वायु प्रदूषण का कारण नहीं हो सकती है. क्योंकि पराली नंवबर के मध्य तक ही जलाई जाती है."
महेश पलावत ने हमें बताया कि वायु प्रदूषण के अलग-अलग कारण हैं. इसमें सबसे मुख्य कारण वेदर फैक्टर होता है. हवा की गुणवत्ता को यही सबसे ज्यादा प्रभावित करता है. जैसे कभी सर्दी में बारिश हो जाती है तो प्रदूषण कम हो जाता है. एक विंड फैक्टर भी होता है. जैसे रात में हवा नहीं चलती है तो प्रदूषण बढ़ जाता है.
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