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अमेरिका ने मणिपुर यौन हिंसा पर जताई चिंता, कहा- महिलाओं के साथ हुई क्रूरता

मणिपुर से वायरल हुए वीडियो में एक भीड़ दो औरतों को निर्वस्त्र सड़क पर घुमा रही थी. FIR में कहा गया कि इनमें से एक महिला का यौन उत्पीड़न भी किया गया था.

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संयुक्त राष्ट्र अमेरिका ने मणिपुर हिंसा पर चिंता जताई. (फोटो क्रेडिट- ट्विटर/पीटीआई)

संयुक्त राष्ट्र अमेरिका (USA) ने मणिपुर यौन हिंसा मामले पर चिंता जताई है. अमेरिका की तरफ से कहा गया है कि भारत के उत्तरपूर्वी राज्य मणिपुर से वायरल हुए वीडियो की रिपोर्ट्स चिंतित करने वाली हैं. न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने इस घटना को क्रूर और भयानक बताया. उन्होंने कहा,

"USA पीड़ितों के प्रति अपनी सहानुभूति प्रकट करता है. हम मणिपुर हिंसा को शांतिपूर्ण तरीके से खत्म करने का समर्थन करते हैं. अधिकारियों को सभी समूहों, घरों और पूजा स्थलों की सुरक्षा के लिए मानवीय और समावेशी तरीके अपनाने चाहिए."

मणिपुर से वायरल हुए वीडियो में एक भीड़ दो औरतों को निर्वस्त्र सड़क पर घुमा रही थी. FIR में कहा गया कि इनमें से एक महिला का यौन उत्पीड़न भी किया गया था. ये महिलाएं कुकी समुदाय से आती हैं. आरोप लगे कि भीड़ मैतेई समुदाय की थी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के मानसून सत्र से पहले इस घटना पर बयान दिया था. उन्होंने कहा था,

"मणिपुर के हालात देखकर मेरा ह्रदय दुःख और क्रोध से भरा हुआ है. मणिपुर का वीडियो परेशान करने वाला है. (महिलाओं के साथ) जो घटना सामने आई है वो अस्वीकार्य है. किसी भी सभ्य समाज के लिए ये शर्मसार करने वाली है."

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा था,

"पाप करने वाले, गुनाह करने वाले कितने हैं कौन हैं, वे अपनी जगह पर हैं. लेकिन बेइज्जती पूरे देश की हो रही है. 140 करोड़ देशवासियों को शर्मसार होना पड़ रहा है. जिन्होंने ये कृत्य किया है उन्हें माफ़ नहीं किया जाएगा. मैं देश को विश्वास दिलाता हूं कि इस मामले में सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी."

मणिपुर में हिंसा

मणिपुर में करीब 3 महीने से दोनों समुदायों के बीच संघर्ष चल रहा है. यहां आर्थिक लाभ और अनुसूचित जनजातियों को मिलने वाले आरक्षण को लेकर आदिवासी समूहों और बहुसंख्यक मैतई समुदाय के बीच असहमति के चलते हिंसा शुरू हुई.

दरअसल, मणिपुर हाई कोर्ट ने 27 मार्च को एक आदेश जारी किया था. इसमें राज्य सरकार से मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल करने के लिए कहा गया था.

इस आदेश के खिलाफ तीन मई को एक विरोध प्रदर्शन हुआ. जिसके बाद से राज्य के कई इलाकों में हिंसा शुरू हो गई. जिसके कई पक्ष अब सामने आ रहे हैं. इस हिंसा में अभी तक करीब 150 लोग मारे जा चुके हैं. वहीं, लाखों लोगों को अपना घर भी छोड़ना पड़ा है.  

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