अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden), जनवरी 2024 में आयोजित होने वाली गणतंत्र दिवस परेड (Republic Day Parade) के लिए भारत नहीं आ रहे हैं. और उसी समय प्रस्तावित क्वाड शिखर सम्मेलन (Quad Leaders’ Summit ) की तारीख को भी आगे बढ़ाया जा रहा है. इंडियन एक्सप्रेस अखबार के सूत्र ने कहा है कि ‘हम क्वाड के लिए नई तारीखों की तलाश में हैं. क्योंकि जिन तारीखों पर अभी विचार हो रहा है, वो क्वाड के सभी भागीदारों के लिए उचित नहीं हैं.’
PM मोदी ने खुद बुलाया, फिर क्या पन्नू की वजह से गणतंत्र दिवस समारोह में नहीं आ रहे बाइडन?
भारत ने क्वाड नेताओं के समिट की मेजबानी करने की अपनी योजना के तहत गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति जो बाइडन को आमंत्रित किया था. यह दूसरी बार है जब अमेरिकी राष्ट्रपति, भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में नहीं आ पा रहे हैं.
अखबार में छपी शुभाजित रॉय की खबर के मुताबिक, भारत ने क्वाड नेताओं के समिट की मेजबानी करने की अपनी योजना के तहत गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति जो बाइडन को आमंत्रित किया था. इंडियन एक्सप्रेस अखबार ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि भारत सरकार, अमेरिकी राष्ट्रपति के अलावा दूसरे क्वाड नेताओं को बुलाने और जनवरी में क्वाड समिट आयोजित करने की योजना बना रही है.
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इसके बाद 20 सितंबर को, अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने भी साफ किया था कि दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन के वक़्त द्विपक्षीय बैठक के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति जो बाइडन को गणतंत्र दिवस समारोह के लिए आमंत्रित किया है. जबकि अंतिम फैसला, जो बाइडन और उनके अलावा, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा की उपलब्धता सुनिश्चित होने के बाद ही लिया जाना था.
चूंकि 26 जनवरी को ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री, ऑस्ट्रेलिया के नेशनल डे में व्यस्त होंगे, इसलिए वह 27 जनवरी से पहले भारत नहीं आ सकते. जबकि इस दौरान, जापानी संसद का सत्र के चलने के कारण, किशिदा को भी क्वाड में हिस्सा लेने के लिए संसद से छुट्टी लेनी होगी. इन दोनों के अलावा, जो बाइडन की उपलब्धता भी देखनी जरूरी थी. उनकी तरफ से हरी झंडी आती तो 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस में हिस्सा लेने के बाद 27 जनवरी को क्वाड समिट होना संभव था.
भारत के नजरिए से गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के तौर पर किसी देश के नेता को बुलाना, बहुत महत्वपूर्ण होता है. इसके लिए उस देश के नेता की उपलब्धता, अनौपचारिक रूप से ये पहले ही सुनिश्चित कर ली जाती है. उसके बाद ही औपचारिक आमंत्रण भेजा जाता है.
ऐसे में, जो बाइडन की अनुपलब्धता और क्वाड समिट का स्थगित होना तब हुआ है, जब अमेरिका फिलवक्त, अपने यहां खालिस्तानी आतंकी 'गुरपतवंत सिंह पन्नू की कथित हत्या की साजिश' की जांच कर रहा है. आरोप है कि इस कथित साजिश में एक भारतीय अधिकारी भी शामिल है. इसलिए भारत सरकार, अमेरिकी एजेंसियों द्वारा साझा किए गए इनपुट की भी जांच कर रही है. अमेरिका के फ़ेडरल प्रॉजीक्यूटर्स ने बीते महीने, एक अभियोग दायर किया था, जिसमें अमेरिका और कनाडा की दोहरी राष्ट्रीयता रखने वाले पन्नू के खिलाफ कथित साजिश की जानकारियां दी गई थीं.
हालांकि भारत और अमेरिका, दोनों तरफ के अधिकारियों का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति का भारत न आना इस तरह नहीं देखा जाना चाहिए कि 'पन्नू की हत्या की कथित साजिश' के चलते दोनों देशों के बीच संबंधों पर कोई प्रभाव पड़ा है. उनके कहना है कि दोनों देशों के बीच गहरे और महत्वपूर्ण हित हैं. और क्वाड लीडर्स, निश्चित रूप से भारत में आम चुनाव होने के बाद और अमेरिकी चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से पहले मिलेंगे. बता दें कि हाल ही में जो बाइडन ने कैलिफोर्निया में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की है. लेकिन अधिकारियों का कहना है कि इंडो-पैसिफिक रीजन में चीन के आक्रामक व्यवहार के चलते क्वाड के देश एक साथ आए हैं. क्वाड के प्रति प्रतिबद्धता बनी हुई है. और नई तारीख पर आयोजित होने वाला क्वाड समिट निश्चित रूप से चीन को एक मजबूत संकेत देगा.
बता दें कि यह दूसरी बार है जब अमेरिकी राष्ट्रपति, भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में नहीं आ पा रहे हैं. इससे पहले पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को साल 2018 में जनवरी 2019 के गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने के लिए न्योता दिया गया था, लेकिन वे इसमें शामिल नहीं हुए थे. ट्रंप के मना करने के बाद दक्षिण अफ्रीका के तत्कालीन राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा को बुलावा भेजा गया था. अब तक, केवल एक बार कोई अमेरिकी राष्ट्रपति (साल 2015 में बराक ओबामा) भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल हुआ है. देखना है कि आने वाले गणतंत्र दिवस को कौन विदेशी मेहमान, समारोह का मुख्य अतिथि बनता है.
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