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अमेरिकी शेयर बाजार में भूचाल, बड़े-बड़े शेयर धड़ाम हुए तो ट्रंप ने पोस्ट कर क्या कहा?

इधर भारत सरकार भारतीय शेयर बाजार पर पड़ रहे असर पर लगातार नजर बनाए हुए है. सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों (PSUs) को निर्देश दिया है कि वे अपने Profit After Tax का कम से कम 30% या कुल नेट वर्थ का 4%, जो भी ज्यादा हो, शेयरधारकों को डिविडेंड के रूप में दें.

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सांकेतिक तस्वीर. (India Today)

राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की रेसिप्रोकल टैरिफ नीति के संभावित असर को लेकर निवेशकों की चिंता साफ झलक रही है. अमेरिका में लगातार तीसरे दिन वॉल स्ट्रीट में बाजार खुलते ही बड़ी गिरावट देखी गई है. बढ़ती अनिश्चितता के माहौल में कई निवेशकों ने सरकारी बॉन्ड्स को एक सुरक्षित विकल्प मानते हुए उनकी ओर रुख किया है.

ओपनिंग बेल के साथ ही डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 1,212.98 अंक गिरकर 37,101.88 पर आ गया. यह  3.17% की गिरावट थी. एसएंडपी 500, 181.37 अंक या कहें तो 3.57% गिरकर 4,892.71 पर आ गया. जबकि नैस्डैक कंपोजिट 4% की गिरावट के साथ  623.23 अंक नीचे 14,964.56 पर आ गया.

सोमवार को जारी गिरावट ने एसएंडपी 500 को उच्चतम स्तर से 20 प्रतिशत नीचे ला खड़ा किया है. आमतौर पर जब कोई प्रमुख स्टॉक इंडेक्स अपने शिखर से 20% या उससे अधिक गिर जाता है, तो उसे "Bear Market" या मंदी वाला बाजार कहा जाता है. इसका मतलब है कि निवेशकों के बीच भारी निराशा है और बाजार में लंबी गिरावट की आशंका बढ़ रही है. S&P 500 अमेरिका का प्रमुख शेयर इंडेक्स है और इसका Bear Market में जाना वैश्विक बाजारों के लिए भी चिंता का संकेत माना जाता है.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी शेयर बाजारों में थोड़ी रिकवरी देखने को मिली, जब एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप सभी देशों (चीन को छोड़कर) के लिए 90 दिनों के टैरिफ ब्रेक पर विचार कर रहे हैं. इस खबर के बाद निवेशकों ने कुछ राहत की सांस ली, और गिरते बाजार ने थोड़ा संभलना शुरू किया. लेकिन, कुछ ही समय में वाइट हाउस ने इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया.

कुछ देर पहले ट्रंप ने सोशल मीडिया साइट ट्रुथ पर एक पोस्ट लिखा. उन्होंने कहा कि भले ही मार्केट गिर रहा है लेकिन वह अपने कदम पीछे नहीं लेंगे.

US Indices में तीसरे दिन भी जारी गिरावट ने भारतीय निवेशकों को भी चिंता में डाल दिया है. इंडिया टुडे की ऐश्वर्या के इनपुट के मुताबिक प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) भारतीय शेयर बाजार पर पड़ रहे असर पर लगातार नजर बनाए हुए है. सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों (PSUs) को निर्देश दिया है कि वे अपने Profit After Tax का कम से कम 30% या कुल नेट वर्थ का 4%, जो भी ज्यादा हो, शेयरधारकों को डिविडेंड के रूप में दें. सरकार इस असर को भारतीय अर्थव्यवस्था पर कम से कम करने के लिए कदम उठा रही है, ताकि शेयर बाजार और निवेशकों की भावना को स्थिर रखा जा सके.

वीडियो: ट्रंप के Tariff का असर, बाजार खुलते ही धड़ाम हुआ शेयर मार्केट