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डॉनल्ड ट्रंप का आदेश आया, यमन में दागी जाने लगीं मिसाइलें, औरतों और बच्चों सहित 31 की मौत

US Air Strike on Houthis: व्हाइट हाउस की तरफ से कहा गया कि हूतियों के हमलों से रक्षा के लिए राष्ट्रपति Donald Trump सख्त एक्शन ले रहे हैं. ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से मिडिल ईस्ट में अमेरिका का ये सबसे बड़ा सैन्य अभियान है. आखिर ट्रंप ने ये बड़ा आदेश क्यों दिया है?

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इस ऑपरेशन में अब 31 लोगों की मौत हो चुकी है (फोटो-'X')

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के आदेश के बाद हूती विद्रोहियों पर बड़े पैमाने पर सैन्य हमले शुरू कर दिए गए हैं (Air Strike on Houthis). इस ऑपरेशन में अब तक 31 लोगों की मौत हो चुकी है. साथ ही ट्रंप ने ईरान को भी चेतावनी दी है कि अगर उसने हूती विद्रोहियों को समर्थन देना बंद नहीं किया, तो ये उसके लिए अच्छा नहीं होगा. वहीं, ईरान ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हूती स्वतंत्र हैं और वे अपने फैसले खुद लेते हैं.

डॉनल्ड ट्रंप ने क्या कहा?

व्हाइट हाउस की तरफ से कहा गया कि अमेरिकी जहाजों को हूतियों के हमलों से बचाने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप सख्त एक्शन ले रहे हैं. ‘X’ पर पोस्ट करते हुए लिखा गया,

‘बहुत लंबे समय से अमेरिका के आर्थिक और राष्ट्रीय हितों को हूतियों से खतरा रहा है. लेकिन ट्रंप के राष्ट्रपति रहते हुए अब ऐसा नहीं होगा.’

वहीं, राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ’ पर लिखा कि एक साल से ज्यादा वक्त से अमेरिका की कोई भी कॉमर्शियल शिप सुरक्षित तरीके से लाल सागर की सुएज नहर से होकर नहीं गुजरी है. उन्होंने कहा,

‘अमेरिका का आखिरी युद्धपोत इस रास्ते से चार महीने पहले गुजरा था, जिस पर हूती विद्रोहियों ने दर्जनभर से ज्यादा हमले किए थे. ईरान समर्थित हूती विद्रोही अमेरिकी जहाजों पर मिसाइल से हमला करते हैं. इससे हमारी और वैश्विक अर्थव्यवस्था को अरबों डॉलर का नुकसान पहुंचा है और निर्दोष लोगों की जिंदगी को भी खतरा हुआ है.’

उन्होंने कहा कि हूती आतंकवादियों को आज से ही हमले बंद करने होंगे. ट्रंप ने कहा कि अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो उनकी ऐसी हालत होगी, जैसी हूतियों ने पहले कभी नहीं देखी होगी.

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हूतियों ने जारी किए आंकड़े

रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हूती के स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार, 16 मार्च को आंकड़े जारी किए. जिसमें बताया गया कि अमेरिकी हमलों में कम से कम 31 लोग मारे गए और 101 लोग घायल हुए. जिनमें अधिकतर महिलाएं और बच्चे थे.

उधर, ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के शीर्ष कमांडर ने ट्रंप की धमकियों का जवाब देते हुए कहा कि हूती स्वतंत्र हैं और अपने रणनीतिक फैसले खुद लेते हैं. उन्होंने कहा,

‘हम अपने दुश्मनों को चेतावनी देते हैं कि यदि वे अपनी धमकियों को अमल में लाते हैं तो ईरान भी विनाशकारी तरीके से जवाब देगा.’

एक अमेरिकी अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया कि यह हमला कई हफ्तों तक जारी रह सकता है. बता दें कि ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से मिडिल ईस्ट में अमेरिका का ये सबसे बड़ा सैन्य अभियान है. 

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