सरकारी परीक्षाओं में लगातार धोखाधड़ी की खबरों के बीच संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) अपनी परीक्षा प्रणाली में बड़ा बदलाव कर सकती है. इन चीजों को रोकने के लिए UPSC की तरफ से अब नई किस्म की डिजिटल तकनीकों के इस्तेमाल का फैसला किया गया है. आयोग कैंडिडेट्स के लिए आधार-आधारित फिंगरप्रिंट प्रमाणीकरण (aadhar card fingerprint check) और चेहरे की पहचान को शामिल किया जा सकता है. इसके लिए आयोग की तरफ से टेंडर भी जारी किया गया है. टेंडर में हिस्सा लेने के लिए आयोग की तरफ से आखिरी तारीख 29 जुलाई तक रखी गई है. जबकि 30 जुलाई से बोली की शुरुआत हो जाएगी.
CCTV, फिंगरप्रिंट और AI...UPSC जो कदम उठाने जा रही है, धोखाधड़ी की गुंजाइश ही खत्म हो जाएगी!
UPSC अपनी परीक्षा प्रणाली में बड़ा बदलाव कर सकती है. UPSC की तरफ से अब नई किस्म की डिजिटल तकनीकों के इस्तेमाल का फैसला किया गया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक आयोग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-आधारित लाइव CCTV सर्विलांस और ऑनलाइन एडमिट कार्ड की QR कोड स्कैनिंग टेक्नोलॉजी को भी परीक्षा में शामिल करने की योजना बना रहा है. आयोग परीक्षाओं के दौरान "चीटिंग, फ्रॉड, Unfair Means (पास होने के लिए अनुचित साधनों का उपयोग) और Impersonation (दूसरे कैंडिडेट की जगह एग्जाम देना) को रोकने के लिए ये कदम उठाने की तैयारी कर रहा है.
परीक्षाओं के दौरान टेक्निकल सेवा देने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSU) के लिए टेंडर भी जारी किया है. आयोग की तरफ से हाल ही में जारी टेंडर में जिन सेवाओं का जिक्र किया गया है, उनमें आधार आधारित फिंगरप्रिंट ऑथेंटिकेशन (डिजिटल फिंगरप्रिंट कैप्चरिंग) और उम्मीदवारों की चेहरे की पहचान के साथ ऑनलाइन एडमिट कार्ड की QR कोड स्कैनिंग और AI आधारित लाइव CCTV निगरानी सेवा शामिल हैं.
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हालांकि टेंडर में बोली लगाने वाली कंपनियों के लिए आयोग की तरफ से कुछ शर्तें रखी गई हैं. इंडिया टुडे से जुड़े कुमार कुणाल की रिपोर्ट के मुताबिक टेंडर में कहा गया कि बोलीदाता प्रॉफिट मेकिंग यूनिट होनी चाहिए, जिसका पिछले तीन वित्तीय वर्षों में औसत वार्षिक कारोबार कम से कम 100 करोड़ रुपये का हो. साथ ही अगर उनके कर्मचारी की तरफ से किसी तरह की कोई अनियमितताएं पाई जाती हैं तो इसके लिए कंपनी को ही जिम्मेदार ठहराया जाएगा.
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