बीती 23 मई को UPSC CSE 2022 की परीक्षा का परिणाम आया था. इसमें 2 रैंकों को लेकर विवाद हो गया जब 4 लोगों ने दावा कर दिया कि उन्हें ये रैंक UPSC ने दिए हैं. मध्यप्रदेश की आयशा फातिमा और आयशा मकरानी का दावा 184वीं रैंक पर था. जबकि 44वीं रैंक पर तुषार कुमार नाम के दो लड़कों का दावा था. ये लड़के बिहार और हरियाणा के रहने वाले हैं. लेकिन अब UPSC ने मामला साफ कर दिया है. उसने आयशा मकरानी और हरियाणा के तुषार कुमार के दावों को फर्जी बताया है. और आयशा फातिमा और बिहार के तुषार कुमार की सफलता पर मोहर लगाई है. आयोग ने प्रेस रिलीज जारी कर आयशा मकरानी और हरियाणा के तुषार कुमार पर फर्जी दावा करने का आरोप लगाया है. आयोग ने दोनों के खिलाफ आपराधिक और अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की भी बात कही है.
UPSC ने 44वीं और 184वीं रैंक पर फर्जी दावा करने वाले तुषार और आयशा को 'पकड़' लिया
इन 2 रैंकों पर 4 लोगों ने दावा किया था. मध्यप्रदेश की आयशा फातिमा और आयशा मकरानी का दावा 184वीं रैंक पर था. जबकि 44वीं रैंक पर तुषार कुमार नाम के दो लड़कों का दावा था.
मध्यप्रदेश के देवास की रहने वाली आयशा फातिमा और अलीराजपुर की आयशा मकरानी. दोनों ने एक ही रोल नंबर पर UPSC 2022 की परीक्षा देने की बात कही थी. दोनों ने एडमिट कार्ड भी दिखाए. लेकिन आयशा फातिमा और आयशा मकरानी के एडमिट कार्ड में कुछ अंतर थे. आयशा मकरानी के एडमिट कार्ड पर न तो QR कोड था और न ही 25 अप्रैल को हुए पर्सनालिटी टेस्ट की तारीख सही थी. लेकिन आयशा मकरानी का दावा था कि उनके साथ धोखा हुआ है. इधर आयशा फातिमा रैंक पर अपने दावे और अपनी परीक्षा में अपनी सफलता को लेकर आश्वस्त थीं.
इसी तरह रैंक 44 पर बिहार के भागलपुर निवासी तुषार कुमार और हरियाणा के रेवाड़ी निवासी तुषार कुमार का दावा था. दोनों ने अपना रोल नंबर भी एक ही बताया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बिहार में पुलिस को भी मामले की शिकायत की गई थी. जबकि हरियाणा के तुषार कुमार अपने दावे के साथ दिल्ली स्थित UPSC के मुख्यालय पहुंचे थे. बाद में खबर आई कि उनका फ़ोन बंद है और वो कहां हैं इसका कुछ पता नहीं है.
अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक इन दोनों मामलों पर 26 मई को UPSC ने आधिकारिक बयान दिया है. आयोग ने कहा है कि आयशा मकरानी और हरियाणा के तुषार कुमार ने असल में पास हुए दो कैंडिडेट्स के रोल नंबर के जरिये धोखाधड़ी करते हुए खुद एग्जाम पास करने का फर्जी दावा किया था.
आयोग के मुताबिक,
"इन दोनों लोगों के दावे फ़र्जी हैं. इन लोगों ने अपने दावे पुख्ता करने के लिए नकली डॉक्यूमेंट तैयार किए हैं."
आयोग ने ये भी बताया कि आयशा मकरानी और हरियाणा के तुषार कुमार ने साल 2022 में UPSC का प्री एग्जाम दिया था, लेकिन दोनों ही प्री एग्जाम में फेल हो गए थे. आयोग ने आगे कहा कि ऐसा करके आयशा मकरानी और तुषार कुमार ने भारत सरकार के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग द्वारा नोटिफाई किए गए सिविल सर्विस एग्जाम 2022 के नियमों और प्रावधानों का उल्लंघन किया है. इसलिए आयोग धोखाधड़ी करने वाले इन दोनों कैंडिडेट्स के खिलाफ आपराधिक और अनुशासनात्मक कार्रवाई करने पर विचार कर रहा है.
जारी बयान में ये भी कहा गया कि UPSC का एग्जाम सिस्टम फूलप्रूफ और मजबूत और ऐसी गलतियां संभव नहीं हैं.