मोदी सरकार ने पेंशन सिस्टम में एक बड़ा सुधार करते हुए नई यूनिफाइड पेंशन स्कीम (Unified Pension Scheme) को मंजूरी दे दी है. नई योजना के तहत केंद्र के सरकारी कर्मचारियों को कई फायदें मिलने वाले हैं (UPS Benefits). ये बदलाव सरकारी कर्मचारियों की पेंशन से जुड़ी मांगों के निपटारे के तौर पर किया गया है. पिछली स्कीम में पेंशन की गारंटी ना होने को लेकर कर्मचारी नाराज थे.
UPS से कितना नुकसान, क्या फायदा? पेंशन स्कीम से जुड़े जरूरी सवालों के जवाब जान लीजिए
UPS Pension Scheme: नई पेंशन स्कीम 1 अप्रैल 2025 से लागू की जाएगी. साल 2004 से रिटायर हुए 23 लाख कर्मचारियों को इस स्कीम का फायदा मिलेगा. इस नई पेंशन स्कीम का पूरा नफा-नुकसान जानिए.

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि नई स्कीम 1 अप्रैल 2025 से लागू की जाएगी. उन्होंने ये भी कहा कि कर्मचारी पहले से चल रही NPS (नेशनल पेंशन स्कीम) या UPS में से किसी एक को चुन सकते हैं. साल 2004 से रिटायर हुए 23 लाख कर्मचारियों को इस स्कीम का फायदा मिलेगा. साल 2004 से अभी तक रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी इस योजना के तहत बकाया पाने के लिए योग्य होंगे. उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत बकाया राशि का भुगतान 800 करोड़ रुपये तक किया जाएगा.
UPS में कितनी पेंशन मिलेगी?
पेंशन कितनी मिलेगी ये बात कर्मचारी की सर्विस के समय पर डिपेंड करेगी. अगर 25 साल की सर्विस हो गई है तो आखिरी 12 महीनों की जो सैलेरी है, उसके एवरेज बेसिक पे का 50 फीसदी पैसा पेंशन के तौर पर मिलेगा. अगर 25 साल से कम और 10 साल से ज्यादा का समय हुआ है तब पेंशन की रकम सर्विस के सालों के हिसाब से तय की जाएगी.
UPS में मौत होने पर परिवार को क्या मिलेगा?
अगर किसी कर्मचारी की मौत हो जाती है तो उनके परिवार को पेंशन मिलेगी. कर्मचारी को जो पेंशन मिल रही थी, उस रकम का 60 फीसदी हिस्सा परिवार को मिलेगा. इससे कर्मचारी के डिपेंडेंट्स की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित होगी.
UPS में कम वेतन वालों के लिए क्या है?
नई योजना के तहत रिटायरमेंट के बाद हर महीने कम से कम 10 हजार रुपये पेंशन की गारंटी दी गई है. इससे कम वेतन वाले कर्मचारियों को भी रिटायरमेंट के बाद महंगाई और वित्तीय अनिश्चितताओं के खिलाफ सुरक्षा मिल जाएगी. हालांकि ये फायदा भी तभी मिलेगा जब सर्विस में 10 साल पूरे हो जाएंगे.
10 साल से पहले सर्विस छोड़ दी तो?
10 साल की सर्विस पूरी नहीं हुई तो कोई पेंशन नहीं मिलेगी.
UPS पिछली स्कीम से कितनी बेहतर?
पिछली पेंशन स्कीम में कर्मचारी को अपनी बेसिक सैलरी का 10% कंट्रीब्यूट करना होता है और सरकार 14% कंट्रीब्यूट करती है. जबकि नई स्कीम में कर्मचारी बेसिक सैलरी का 10% ही कंट्रीब्यूट करेगा, लेकिन सरकार अपनी तरफ से कर्मचारी की बेसिक सैलरी का साढ़े 18% कंट्रीब्यूट करेगी.
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UPS के और क्या फायदे-नुकसान?
UPS के तहत कर्मचारियों को महंगाई इंडेक्सेशन का फायदा मिलेगा. मतलब महंगाई के हिसाब से डियरनेस रिलीफ (DR) का पैसा मिलेगा जो कि ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स फॉर इंडस्ट्रियल वर्कर्स (AICPI-W) पर आधारित होगा. ग्रैच्युटी के अलावा कर्मचारियों को रिटायरमेंट पर एक लंपसम रकम भी दी जाएगी. इसका कैल्कुलेशन कर्मचारियों के हर 6 महीने की सेवा पर मूल वेतन और महंगाई भत्ते के 10वें हिस्से के रूप में किया जाएगा.
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