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ड्यूटी छोड़े बिना की पढ़ाई और बन गए पुलिस कॉन्स्टेबल से सीधे SDM, दीपक ने कैसे जीती UPPSC की जंग?

UPPSC Exam में दीपक सिंह 20वीं रैंक लाए हैं. दीपक उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में पुलिस कॉन्स्टेबल के पद पर तैनात हैं. कैसा रहा उनका संघर्ष? कैसे उन्होंने ड्यूटी करते हुए भी UPPSC का Exam निकाल लिया? दीपक ने सब बताया है.

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PCS एग्जाम में 20 वीं रैंक लाने वाले कॉन्स्टेबल दीपक सिंह को वरिष्ठ पुलिस अधिकारी बधाई दे रहे हैं. (फोटो- दी लल्लनटॉप)

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा (PCS) के एग्जाम का फाइनल रिजल्ट (UPPSC PCS Result 2023) जारी कर दिया है. आयोग ने 23 जनवरी 2024 को परिणाम घोषित किए हैं. चयनित हुए 251 उम्मीदवारों में कई ऐसे अभ्यर्थी भी चयनित हुए हैं, जिनके लिए सफलता की लड़ाई आसान नहीं रही. इन्हीं में से एक हैं- बाराबंकी के दीपक सिंह. किसान पिता के बेटे दीपक, उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में पुलिस कॉन्स्टेबल के पद पर कार्यरत थे. और अब PCS की परीक्षा निकाल सीधे डिप्टी कलेक्टर बन गए हैं. उन्हें SDM का पदभार मिलेगा.

पिता को श्रेय देते हैं दीपक

दीपक एक किसान के बेटे हैं. उनकी सफलता के पीछे की कहानी समझने के लिए हमने उनसे बात की. उन्होंने बताया कि वो उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के रहने वाले हैं. जिले के रामनगर थाने के अंतर्गत सेमराय गांव में पिता अशोक कुमार रहते हैं. थोड़ा खेत है, उसी में किसानी करते हैं. दीपक की मां घरेलू कामकाज संभालती हैं. गाढ़ी कमाई खर्च करके दोनों ने दीपक को पढ़ने शहर भेजा. बाराबंकी के महारानी लक्ष्मी बाई मेमोरियल इंटर कॉलेज से दीपक ने बारहवीं पास की. साल 2014 में. उसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए लखनऊ आ गए. साल 2017 में दीपक ने इतिहास और लोक प्रशासन जैसे विषयों के साथ लखनऊ यूनिवर्सिटी से BA की डिग्री ली.

ड्यूटी के दौरान पढ़ाई

अगले ही साल 2018 में दीपक का चयन उत्तर प्रदेश पुलिस की कॉन्स्टेबल भर्ती में हो गया. ट्रेनिंग के बाद जनवरी 2018 में दीपक को हरदोई पुलिस लाइन में तैनाती मिली. ड्यूटी के घंटे 8 होते थे. कभी-कभी किसी त्यौहार या किसी विशेष आयोजन के चलते इससे ज्यादा भी नौकरी करनी पड़ती थी. दीपक बताते हैं कि ड्यूटी के घंटों के बाद भी वो समय निकालकर करीब 5 घंटे रोजाना पढ़ा करते थे.

दीपक के साथी पुलिसकर्मी उन्हें मिठाई खिलाते हुए (फोटो- दी लल्लनटॉप)

दीपक कहते हैं कि,

‘मेरी वर्तमान तैनाती जिले के कप्तान के आवास पर टेलीफोन ड्यूटी में है. अधिकारियों के फ़ोन आते हैं. हर वक़्त सतर्क रहना होता है.’

लेकिन दीपक ये भी कहते हैं,

"सौभाग्य से मुझे बहुत को-ऑपरेट करने वाले अधिकारी मिले. सबका सोचना था कि पढ़ने वाला लड़का है, इसलिए सभी ने मेरा सहयोग किया."

PCS की तैयारी कैसे की?

दीपक बताते हैं,

“प्रदेश के बहुत कम ही जिलों में पुलिस लाइन में लाइब्रेरी है. हरदोई जिले की पुलिस लाइन में समृद्ध लाइब्रेरी है. सिर्फ 200 रुपए सालाना फीस लगती है. उससे मुझे बहुत मदद मिली.”

दीपक आगे कहते हैं,

"मैं प्रॉपर तरीके से किसी कोचिंग से नहीं जुड़ा. खुद से ही पढ़ाई की. पांचवें और छठे पेपर के लिए दृष्टि IAS की मदद ली. और कुछ सीनियर IAS और IPS अधिकारियों से मार्गदर्शन लिया."

दीपक खुश हैं कि उनकी PCS एग्जाम में 20वीं रैंक आई है. वो अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता और पढ़ाई में सहयोग करने वाले अपने वरिष्ठ अधिकारियों को देते हैं.

बता दें कि मंगलवार, 23 जनवरी को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा 2023 का फाइनल रिजल्ट (PCS Result 2023) घोषित कर दिया है. UPPSC ने चयनित 251 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है. 167 पुरुष और 84 महिला अभ्यर्थी चयनित घोषित की गई हैं. कुल चयनित उम्मीदवारों से 33 फीसदी से ज्यादा महिलाएं हैं. देवबंद के सिद्धार्थ गुप्ता पीसीएस 2023 के टॉपर बने हैं. जबकि प्रयागराज के प्रेम शंकर पांडेय दूसरे स्थान पर रहे और तीसरे स्थान पर हरदोई के सात्विक श्रीवास्तव चयनित हुए हैं.

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