'जहां भी जाएगा, रोशनी लुटाएगा. किसी चराग का अपना मकां नहीं होता. बहराइच ट्रांसफर हो गया, नेपाल बॉर्डर है. परेशान मत होइए दोस्तों, मैं खुश हूं. मैं इसे अपने अच्छे काम का इनाम मानती हूं. आप सभी बहराइच में आमंत्रित हैं.'अभी तक श्रेष्ठा ठाकुर की तैनाती बुलंदशहर जिले के स्याना सर्किल में थी. उन्हें कुछ अन्य डिप्टी सुप्रिटेंडेंट्स के साथ ट्रांसफर किया गया है. हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक श्रेष्ठा ठाकुर के ट्रांसफर के बाद स्थानीय नेता इसे अपना सम्मान बता रहे हैं. इसके अलावा आला पुलिस अफसरों से सीओ श्रेष्ठा ठाकुर के खिलाफ कार्रवाई करने की भी मांग कर रहे हैं. बुलंदशहर के बीजेपी अध्यक्ष मुकेश भारद्वाज का कहना है कि श्रेष्ठा पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य नेताओं पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने का मामला दर्ज कराया गया है. एक हफ्ते पहले ट्रैफिक रूल तोड़ने पर पुलिस ने भाजपा कार्यकर्ता का चालान काट दिया था. इस दौरान जिला पंचायत सदस्या के पति और भाजपा नेता प्रमोद लोधी सीओ श्रेष्ठा ठाकुर से से भिड़ गए थे. और प्रमोद पर बदसलूकी करने का इलज़ाम लगा था. जिन कार्यकर्ताओं को पुलिस ने पकड़ा था, उन्हें भी कोर्ट परिसर से छुड़ाने की कोशिश की गई थी.
बीजेपी लीडर को हड़काया, तो हुआ ट्रांसफर, अब इस लेडी अफसर ने दिया है कर्रा जवाब
वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. एक बार फिर फेसबुक पर चर्चा में हैं.
उत्तर प्रदेश की महिला पुलिस अफसर श्रेष्ठा ठाकुर का तबादला कर दिया गया. ये तो जानकारी मिल ही गई होगी. लेकिन अब इस लेडी अफसर ने योगी सरकार को करारा जवाब दिया है. ये वही लेडी अफसर हैं, जिनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर उस वक़्त वायरल हुआ था, जब बुलंदशहर में एक स्थानीय बीजेपी लीडर का ट्रैफिक रूल तोड़ने पर चालान काट दिया गया था. और बीजेपी कार्यकर्ताओं से बहस हुई थी. लेकिन इस लेडी अफसर ने उन कार्यकर्ताओं के धरने के सामने बड़े इत्मीनान से खड़े होकर उनकी बोलती बंद कर दी थी. उनकी इस सख्ती पर उन्हें सोशल मीडिया पर 'लेडी सिंघम' बताया जा रहा था. लेकिन शनिवार को उनका तबादला बहराइच कर दिया गया. श्रेष्ठा ने अपने ट्रांसफर पर जवाब दिया और इसको 'अच्छे कामों का इनाम' बताया है. श्रेष्ठा ठाकुर ने बिना डरे पांच बीजेपी नेताओं को सरकारी काम में बाधा डालने के चलते जेल भी भेज दिया था. ट्रांसफर की खबर मिलने पर उन्होंने फेसबुक पर लिखा,