उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के एक व्यक्ति पर फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर सरकारी नौकरी पाने का आरोप लगा है. इस शख्स के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है. आजतक के संदीप सैनी की रिपोर्ट के मुताबिक, आरोप है कि इस शख्स ने सरकारी नौकरी में भर्ती के समय फर्जी कागज दिखाए. उसके आधार पर उसे नौकरी मिल भी गई. 31 साल तक नौकरी की और दो साल पहले ही ये शख्स रिटायर हुआ है. रिटायरमेंट के दो साल बाद अब इस शख्स के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.
यूपी: 31 साल तक फर्जी सर्टिफिकेट से करता रहा सरकारी नौकरी, रिटायरमेंट के बाद केस दर्ज!
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक व्यक्ति के खिलाफ फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर सरकारी नौकरी पाने का आरोप लगा है. इस शख्स ने 31 साल तक सरकारी नौकरी की. रिटायरमेंट के दो साल बाद केस दर्ज कराया गया है.

रिपोर्ट के मुताबिक, दीपक टंडन नाम के एक व्यक्ति ने मुजफ्फरनगर के खतौली में रहने वाले सुधीर कुमार के खिलाफ कोर्ट में शिकायत की है. आरोप लगाया गया है कि सुधीर कुमार ने फर्जी कागजों के आधार पर खतौली डिपो में 31 साल तक बतौर ड्राइवर सरकारी नौकरी की. बताया गया कि फर्जी तरीके से पाई गई नौकरी से सुधीर कुमार 31 अगस्त, 2021 को रिटायरमेंट भी मिल चुकी है.
इस मामले की शिकायत करने वाले दीपक टंडन ने बताया कि सुधीर कुमार मुजफ्फरनगर की खतौली डिपो में ड्राइवर थे और 31 अगस्त 2021 को रिटायर हुए हैं. दीपक टंडन ने कहा कि सुधीर कुमार फर्जी कागजों पर नौकरी कर रहे थे.
दीपक टंडन ने कहा कि वो अपने एक परिचित के जरिए सुधीर कुमार के बारे में जानते हैं. दीपक टंडन ने सुधीर कुमार के कथित फर्जी तरीके से नौकरी पाने के बारे में बताया,
"1989 में जिस समय यह भर्ती हुई थी, उस समय सुधीर ड्राइविंग लाइसेंस में उम्र की शर्तों की पूरा नहीं कर रहे थे. सुधीर कुमार की असल जन्म की तारीख 15 अगस्त, 1965 है. जबकि उन्होंने भर्ती के समय अपनी जन्म की तारीख 15 अगस्त, 1961 दिखाई. मैंने जन सूचना के आधार पर जनता इंटर कॉलेज, सिसौली से उनका रिकॉर्ड निकलवाया है. इसके अलावा सुधीर जिस गांव के मूल निवासी हैं, वहां के प्राथमिक स्कूल में भी उनके जन्म की तारीख 15 अगस्त, 1965 है. उन्होंने 31 साल सरकार को बेवकूफ बना कर नौकरी की है."
इस मामले में स्थानीय अदालत के आदेश पर सुधीर कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. खतौली कोतवाली पुलिस ने आरोपी सुधीर कुमार के खिलाफ धोखेबाजी, जालसाजी, फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल करने जैसी IPC ( भारतीय दंड संहिता) की धाराओं के तहत केस दर्ज किया है. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.