उत्तर प्रदेश में जो इकलौता उपचुनाव फंसा हुआ था, उसके निकल जाने की संभावना अब बन गई है. मिल्कीपुर की बात हो रही है. चुनाव आयोग बुधवार, 16 अक्टूबर के बाद चुनाव का एलान कर सकता है. भाजपा प्रत्याशी और पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ के वकील ने जानकारी दी है कि वो हाई कोर्ट से अपनी याचिका वापस ले सकते हैं. मिल्कीपुर के उपचुनाव को लेकर अखिलेश यादव ने टिप्पणी भी की है.
"...समझो उसने जंग हारी है", अखिलेश यादव ने मिल्कीपुर को लेकर किसे लपेटा?
उत्तर प्रदेश में कुल 10 सीटों पर उपचुनाव होने थे, मगर चुनाव आयोग ने 9 का ही एलान किया. अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर मामला अटक गया था, क्योंकि हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी.
दरअसल, महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के साथ उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में उपचुनावों की तारीख़ों का भी एलान कर दिया गया है. उत्तर प्रदेश में कुल 10 सीटें हैं, लेकिन चुनाव आयोग ने 9 ही विधानसभाओं का एलान किया. अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर मामला अटक गया था, क्योंकि बाबा गोरखनाथ ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी.
याचिका किस बारे में है?अयोध्या और मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि 2022 विधानसभा चुनाव में मिल्कीपुर से बीजेपी के प्रत्याशी थे, बाबा गोरखनाथ. वो समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अवधेश प्रसाद से लगभग बीस हज़ार के अंतर से हार गए थे.
हारने के बाद गोरखनाथ ने इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दायर की थी, कि अवधेश प्रसाद ने नामांकन के समय जो हलफ़नामा दाख़िल किया था, उसकी नोटरी एक्सपायर हो गई थी. इसी आधार पर वो ख़ुद को निर्वाचित घोषित करने और अवधेश प्रसाद का निर्वाचन रद्द करने की मांग कर रहे थे.
केस लखनऊ बेंच के सामने था. मगर आज, 15 अक्टूबर को बाबा गोरखनाथ के वकील ने याचिका वापस लेने का एलान कर दिया है.
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इसके बाद उत्तर प्रदेश के पूर्व-मुख्यमंत्री और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की टिप्पणी आई. उन्होंने X पर लिखा, “जिसने जंग टाली है, समझो उसने जंग हारी है.”
अब याचिका वापस लेने के बाद दो-एक दिन का समय लग सकता है. बाक़ी 9 सीटों पर तो 13 नवंबर को वोटिंग होगी और नतीजे, महाराष्ट्र-झारखंड के साथ ही 23 नवंबर को आएंगे.
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