उत्तर प्रदेश के 80 मदरसों (UP madrasas) को पिछले तीन सालों में 100 करोड़ का विदेशी फंड (Madrasa Foreign Funding) मिला है. मामले में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) की जांच चल रही है. इसी साल अक्टूबर महीने में राज्य सरकार ने इस मामले में SIT का गठन किया था. इस SIT ने ही ये जानकारी दी है.
यूपी के मदरसों को मिली करोड़ों की विदेशी फंडिंग, SIT ने बताया, बड़े एक्शन की तैयारी!
SIT की तरफ से जानकारी दी गई है कि उत्तर प्रदेश के 80 मदरसों को मिडिल ईस्ट के देशों के साथ लंदन और दुबई से पैसा भेजा गया है. जांच में और क्या-क्या पता चला?
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कई मामलों में पैसा सीधे इन मदरसों को चलाने वाली सोसायटी और NGO के बैंक अकाउंट में भेजा गया है. SIT जांच की अध्यक्षता एडिशनल डायरेक्टर जनरल रैंक के एक अधिकारी कर रहे हैं. इस जांच में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के डायरेक्टर और साइबर सेल के पुलिस अधीक्षक भी शामिल हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, UP में लगभग 25 हजार मदरसों में से 16,500 से अधिक को उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड से मान्यता मिली हुई है. जांच के दौरान SIT ने मदरसा चलाने वाले व्यक्तियों, सोसायटी और NGO के बैंक अकाउंट्स की जानकारी जुटाई.
रिपोर्ट में SIT के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से लिखा गया है कि जांच में पता चला है कि 80 मदरसों को विदेशी चंदा मिला है. ये मदरसे राज्य के अलग-अलग हिस्सों में हैं. इनमें बहराइच, सिद्धार्थ नगर, सहारनपुर, आज़मगढ़ और रामपुर के मदरसे शामिल हैं. ये पैसे दुनिया भर के कई देशों से आए हैं. खासकर मिडिल ईस्ट के देशों के साथ लंदन और दुबई से पैसा भेजा गया है. जांच इसकी भी चल रही है कि ये पैसे सामाजिक कामों के लिए थे या नहीं.
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वरिष्ठ अधिकारी ने आगे कहा कि अन्य मदरसों की भी जांच चल रही है. जांच के लिए RAW और IB जैसी जांच एजेंसियों की सहायता लेने की भी बात कही गई है. आगे की जांच में ये पता किया जाएगा कि इन पैसों का किस तरह से इस्तेमाल किया गया. इसके लिए इन मदरसों से रसीद और खर्च से संबंधित अन्य कागज भी मांगे जाएंगे.
पिछले साल नवंबर महीने मेें, राज्य सरकार ने दो महीने के सर्वेक्षण के बाद कहा था कि 8,449 मदरसे राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त किए बिना काम कर रहे थे. सर्वे के मुताबिक, सबसे अधिक गैर मान्यता प्राप्त मदरसे मुरादाबाद जिले में पाए गए थे.
इसके बाद नवंबर 2023 में, UP मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इन गैर-मान्यता मदरसों को मान्यता देने का अनुरोध किया था. उन्होंने कहा था कि इन मदरसों में पढ़ने वाले 7 लाख से अधिक छात्रों की शिक्षा प्रभावित हुई है.
इसके पहले भी UP के मदरसों को मिलने वाले फंड से संबंधित एक मामला सामने आया था. साल 2013 में राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने बताया था कि राज्य में 118 मदरसों को फर्जी तरीके से सरकारी फंड मिल रहा था. कहा गया कि ये मदरसे सिर्फ कागजों पर ही चल रहे थे.
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