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UN पहुंची 'भारत' और 'India' नाम की बहस, अधिकारी बोले- 'अगर हमसे नाम बदलने की मांग की गई तो...'

प्रेस ब्रीफिंग में सवाल किया गया था कि अगर नाम सिर्फ 'भारत' किया गया, तो UN का क्या रुख होगा.

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UN के सेक्रेटरी-जनरल के उप प्रवक्ता फरहान हक से सवाल किया गया था. (फाइल फोटो: PTI)

'भारत' और 'इंडिया' के नाम पर चल रही बहस अब संयुक्त राष्ट्र (United Nations) तक भी पहुंच गई है. संयुक्त राष्ट्र की प्रेस ब्रीफिंग में 'भारत' और 'इंडिया' नाम पर चल रही खबरों का जिक्र किया गया. तुर्किए का उदाहरण देते हुए पूछा गया कि अगर वाकई मोदी सरकार देश का नाम सिर्फ भारत कर दे, तो संयुक्त राष्ट्र (UN) का इस पर क्या रुख होगा. इस पर संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ऐसे अनुरोध मिलने पर विचार करता है.

दरअसल UN में हर रोज प्रेस ब्रीफिंग होती है. 6 सितंबर को हुई प्रेस ब्रीफिंग में सवाल किया गया था कि अगर मोदी सरकार ने असल में नाम बदला तो UN में नाम बदलने की प्रक्रिया क्या होगी. UN के सेक्रेटरी-जनरल के उप प्रवक्ता फरहान हक से पूछा गया सवाल कुछ इस तरह था,

"हाल ही में, हमने ऐसी खबरें और अफवाहें सुनी हैं कि India अपना नाम बदलकर (सिर्फ) भारत कर सकता है. ऐसा (किसी देश का अपना नाम बदलना) पहले भी हुआ था. तुर्की ने नाम बदलकर तुर्किए किया था. अगर इंडिया में वाकई ऐसा हुआ, तो संयुक्त राष्ट्र के लिए नाम बदलने की क्या प्रक्रिया होगी?"

इस सवाल के जवाब में UN सेक्रेटरी-जनरल के उप प्रवक्ता ने कहा,

"तुर्किए के मामले में, हमने (तुर्किए की) सरकार की ओर से हमें (UN को) सौंपे गए एक औपचारिक अनुरोध को माना था. जाहिर है, अगर हमें इस तरह के अनुरोध मिलते हैं, तो हम उन पर विचार करते हैं.'' 

तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने तुर्की का नाम बदल कर 'तुर्किए' करने पर कहा था कि नया नाम देश के लोगों की संस्कृति, सभ्यता और मूल्यों का सबसे अच्छा प्रतिनिधित्व और अभिव्यक्ति करता है. इसके बाद तुर्किए ने संयुक्त राष्ट्र की कार्यवाही/दस्तावेज़ों में देश का नया नाम शामिल करने का अनुरोध किया था. जिसे पिछले साल जून में संयुक्त राष्ट्र ने मान लिया था. 

बता दें कि देश में ‘भारत’ और ‘इंडिया’ नाम पर बहसबाजी राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी किए गए एक पत्र के सामने आने के बाद शुरू हुई. G20 डिनर के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की तरफ से जारी हुए निमंत्रण पत्र पर 'President of Bharat' लिखा था. इस पर वाद-विवाद शुरू हो गया. साथ ही, ऐसी अटकलें लगाई जाने लगीं कि मोदी सरकार देश का नाम सिर्फ 'भारत' करना चाहती है और 'इंडिया' नाम हटाना चाहती है. ये भी कहा गया कि संसद का विशेष सत्र इसीलिए बुलाया गया है. वैसे सरकार कह चुकी है कि संसद का जो विशेष सत्र बुलाया जा रहा है, उसका नाम बदलने से कोई संबंध नहीं है. 

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