संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले (Jammu and Kashmir Terrorist Attack) की ‘कड़े शब्दों में निंदा’ की है. साथ ही, इस बात पर बल दिया है कि इसके लिए ज़िम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए. UNSC ने ये भी कहा है कि इसके आयोजकों और स्पॉन्सर्स को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए.
पहलगाम हमले पर UNSC का बयान- 'आतंक केस्पॉन्सर्स को कटघरे में लाने की जरूरत'
UN Security Council on Pahalgam Attack: UNSC ने दोहराया कि आतंकवाद का कोई भी कृत्य आपराधिक और अनुचित है. चाहे उसका उद्देश्य कुछ भी हो. चाहे वो कहीं भी, कभी भी और किसी के द्वारा भी किया गया हो.
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15 देशों की सदस्यता वाले UNSC ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमले पर एक प्रेस स्टेटमेंट जारी किया. फ्रांस अप्रैल माह के लिए परिषद का अध्यक्ष है. ऐसे में ये प्रेस स्टेटमेंट परिषद के अध्यक्ष और संयुक्त राष्ट्र में फ्रांस के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत जेरोम बोनाफोंट ने जारी किया.
बताया जा रहा है कि अमेरिका ने इसका ड्राफ्ट स्टेटमेंट पेश किया था, जिस पर परिषद के सदस्यों ने चर्चा की. बता दें, प्रेस स्टेटमेंट के लिए परिषद के सभी सदस्यों की सहमति की ज़रूरत होती है और ये एक बातचीत से तैयार किया गया मसौदा होता है. पाकिस्तान भी वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक अस्थायी सदस्य के रूप में शामिल है.
सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने पहलगाम हमले के पीड़ितों के परिवारों, भारत सरकार और नेपाल सरकार के प्रति अपनी गहरी सहानुभूति और संवेदना जताई है. साथ ही, घायलों के जल्द और पूरी तरह से स्वस्थ होने की कामना की. पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक मारे गए थे. पीड़ितों में अधिकतर भारत भर से आए पर्यटक थे.
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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने इस बात की पुष्टि की कि आतंकवाद अपने सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक है. UNSC ने दोहराया कि आतंकवाद का कोई भी कृत्य आपराधिक और अनुचित है. चाहे उसका उद्देश्य कुछ भी हो. चाहे वो कहीं भी, कभी भी और किसी के द्वारा भी किया गया हो.
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