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'इजरायली सेना ने फिलिस्तीनी महिलाओं का रेप किया', UN की रिपोर्ट पर इजरायल क्या बोला?

इजरायली सेना के हिरासत में फिलिस्तीनी महिलाओं और लड़कियों के यौन उत्पीड़न की रिपोर्ट आई. UN की इस रिपोर्ट को इजरायल ने सिरे से नकार दिया है.

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UN की एक मानवाधिकार एक्सपर्ट रीम अलसलेम ने फिलिस्तीनी महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर बयान दिया. (UN Photo/Rick Bajornas)

यूनाइटेड नेशन्स (UN) की एक रिपोर्ट में इजरायली सेना पर मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन के आरोप लगाए गए हैं. कहा गया है कि मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और एक्सपर्ट्स को फिलिस्तीनी महिलाओं के यौन उत्पीड़न की जानकारी मिली है. इजरायली सेना पर मनमानी हिरासत, बंदियों के साथ अमानवीय व्यवहार, फिलिस्तीनी महिलाओं के साथ यौन हिंसा का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की गई है. वहीं इजरायल ने इन आरोपों को खारिज किया है. कहा है कि अगर सबूत पेश किए जाएं तो वो ऐसे मामलों की जांच के लिए भी तैयार है.

UN की रिपोर्ट में दिल दहलाने वाली बातें

UN की रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्हें मिली जानकारी के मुताबिक फिलिस्तीनी महिलाओं और लड़कियों को कथित तौर पर बिना किसी कसूर के गाजा में मार डाला गया. इसमें एक्सपर्ट्स ने कहा,

“फिलिस्तीनी महिलाओं और बच्चों को जानबूझकर निशाना बनाए जाने की रिपोर्टों से हम हैरान हैं.”

UN के एक्सपर्ट्स ने गाजा और वेस्ट बैंक में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और पत्रकारों सहित सहित सैकड़ों फिलिस्तीनी महिलाओं और लड़कियों की मनमानी हिरासत पर गंभीर चिंता जाहिर की है. रिपोर्ट में हिरासत में महिलाओं के साथ अमानवीय व्यवहार की बात कही गई है. 

इजरायली सेना की हिरासत में रह रही महिलाओं को खाना, दवा और पीरियड के दौरान पैड नहीं दिए जाने का दावा किया गया है. उनकी पिटाई की बात भी कही गई है. गाजा में हिरासत में ली गई फिलिस्तीनी महिलाओं को कथित तौर पर बारिश और ठंड में, बिना खाने के एक पिंजरे में रखे जाने जैसे आरोप लगाए गए हैं.

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हिरासत में यौन उत्पीड़न के आरोप

UN की रिपोर्ट में एक्सपर्ट्स ने कहा,

“हम उन रिपोर्टों से व्यथित हैं कि हिरासत में फिलिस्तीनी महिलाओं और लड़कियों को कई प्रकार के यौन उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा. जैसे इजरायली सेना के पुरुष अधिकारियों द्वारा उन्हें नग्न करना और तलाशी लेना. कम से कम दो महिला फिलिस्तीनी कैदियों का कथित तौर पर रेप किया गया, जबकि अन्य महिलाओं को कथित तौर पर रेप और यौन हिंसा की धमकी दी गई."

उन्होंने कहा कि अपमानजनक परिस्थितियों में महिला कैदियों की तस्वीरें भी 'कथित तौर पर इजरायली सेना ने ली' और वो तस्वीरें ऑनलाइन अपलोड की गईं.

इजरायल ने कहा- ‘सभी आरोप बेबुनियाद’

वहीं इजरायल ने UN की रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज किया है. इजरायल ने UN के एक्सपर्ट्स पर निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग 7 अक्टूबर और उसके बाद से हमास द्वारा की गई भयानक यौन हिंसा और लिंग आधारित हिंसा पर चुप रहे हैं. इजरायल ने कहा कि ये साफ है, ये लोग इजरायल और उसके लोगों के प्रति अपनी नफरत से प्रेरित हैं.

इजरायल ने कहा है कि वो अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अपने दायित्वों का पालन करना जारी रखेगा. इजरायली अधिकारियों को कोई शिकायत नहीं मिली है, लेकिन विश्वसनीय आरोप और सबूत पेश किए जाने पर इजरायल अपने सुरक्षा बलों द्वारा कदाचार के किसी भी ठोस दावे की जांच करने के लिए तैयार है.

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