DMK नेता उदयनिधि स्टालिन (Udayanidhi Stalin) ने सनातन धर्म के बाद अब हिंदी (Hindi) भाषा पर विवादित टिप्पणी कर दी है. दरअसल 14 सितंबर को हिंदी दिवस के मौके पर गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि हिंदी भारत में भाषाओं की विविधता को एकजुट करती है. इस पर उदयनिधि ने बयान दिया कि सिर्फ चार-पांच राज्यों में बोली जाने वाली भाषा देश को एकजुट नहीं करती है. उन्होंने अमित शाह पर हिंदी थोपने का आरोप लगाया.
सनातन के बाद स्टालिन हिंदी पर भड़के, अमित शाह को चेतावनी- अत्याचार बंद करो!
DMK नेता Udayanidhi Stalin ने अब गृह मंत्री Amit Shah के बयान को बेतुका बता दिया.
अमित शाह ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत की भाषाओं की विविधता को एकजुट करने का नाम हिंदी है. बोले, स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर आज तक हिंदी ने देश को एकजुट करने में अहम भूमिका निभाई है. गृह मंत्री ने ये भी कहा कि हिंदी ने कभी भी किसी अन्य भारतीय भाषा से प्रतिस्पर्धा नहीं की है, ना ही करेगी और एक मजबूत देश अपनी सभी भाषाओं को मजबूत करने से ही उभरेगा.
इस पर उदयनिधि स्टालिन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए लिखा,
मैं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस बयान की कड़ी निंदा करता हूं जिसमें उन्होंने दावा किया है कि हिंदी भारत को एकजुट करती है और ये अन्य क्षेत्रीय भाषाओं को सशक्त बनाती है. देश में केवल चार या पांच राज्यों में ही हिंदी बोली जाती है और इसलिए अमित शाह का बयान पूरी तरह से बेतुका है. ये आजीविका पैदा करने की आड़ में हिंदी को थोपना है.
उन्होंने आगे लिखा,
हम तमिलनाडु में तमिल बोलते हैं. वहीं केरल में मलयालम बोली जाती है. हिंदी कहां से हमें सशक्त बना रही है? अमित शाह को गैर-हिंदी भाषाओं को सिर्फ क्षेत्रीय भाषा बताकर उन पर अत्याचार करना बंद करना चाहिए.
साथ में लिखा #StopHindiImposition यानि हिंदी थोपना बंद करो.
मामले पर तमिलनाडु BJP के उपाध्यक्ष नारायणन तिरुपति का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा,
उदयनिधि स्टालिन को कुछ नहीं पता. अमित शाह ने कुछ गलत नहीं कहा. उन्होंने कहा कि हिंदी सभी भाषाओं को सशक्त बनाती है और इसमें कुछ भी गलत नहीं है. हिंदी हमारी आधिकारिक भाषा है.
आगे बोले कि इन चीजों के बारे में बात करने के लिए उदयनिधि स्टालिन में कोई मैच्योरिटी नहीं है. कुल मिलाकर सनातन के बाद उदयनिधि अब भाषा के मुद्दे पर मुखर हैं. इस बार वो अमित शाह पर हमलावर हैं. दोनों ही मुद्दे लंबा चलने वाले हैं.
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