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कौन हैं UAE के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन ज़ायद अल नाहयान, जिन्हें PM मोदी ने अपना 'भाई' बताया?

PM मोदी ने UAE के राष्ट्रपति को अपना ‘भाई’ बताया, उन्हें भारतीयों का अच्छा दोस्त और शुभचिंतक बताया.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने UAE के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान को गले लगाया. (फ़ोटो - PTI)

मंगलवार, 13 फ़रवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) अबू धाबी पहुंचे, तो संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन ज़ायद अल नाहयान (Mohammed bin Zayed Al Nahyan) ने उनका भव्य स्वागत किया. उनके आगमन पर उन्हें गार्ड ऑफ़ ऑनर दिया गया. फिर न्यूज़ एजेंसी PTI ने एक वीडियो शेयर की, जिसमें दोनों नेता एक-दूसरे को गले लगाते नज़र आए.

PM मोदी ने UAE के राष्ट्रपति को अपना ‘भाई’ बताया, उन्हें भारतीयों का अच्छा दोस्त और शुभचिंतक बताया और कहा कि दोनों देशों के बीच एक मज़बूत रिश्ता है, जो और मज़बूत हो रहा है.

कौन हैं नरेंद्र मोदी के 'भाई'?

शेख़ मोहम्मद बिन ज़ायद अल नाहयान. शॉर्ट में, MBZ. अमीराती शाही परिवार के सदस्य, जो अभी संयुक्त अरब अमीरात के तीसरे राष्ट्रपति और अबू धाबी के शासक हैं. वो UAE के पहले राष्ट्रपति शेख़ ज़ायद बिन सुल्तान अल नाहयान के तीसरे बेटे हैं.

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अबू धाबी और अल ऐन शहर से शुरुआती पढ़ाई की. फिर अप्रैल, 1979 में रॉयल मिलिट्री अकादमी सैंडहर्स्ट से ग्रैजुएशन की. बाद में UAE की सेना में भी शामिल हुए. UAE वायु सेना में पायलट बनने से पहले अलग-अलग पदों पर रहे. 2005 में उन्हें जनरल बना दिया गया. इस बीच - 2004 में - अपने पिता और भाई शेख़ ख़लीफ़ा की मौत के बाद उन्हें अबू धाबी का राजकुमार बना दिया गया. 13 मई, 2022 को अपने भाई के गुज़रने जाने के बाद MBZ आधिकारिक तौर पर संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति और अबू धाबी के शासक बन गए. 29 मार्च, 2023 को MBZ ने अपने बेटे शेख़ ख़ालिद को अबू धाबी के राजकुमार के रूप में नियुक्त कर दिया.

MBZ के तहत संयुक्त अरब अमीरात को एक सत्तावादी पूंजीवादी देश के रूप में देखा जाता है. उनके राष्ट्रपति बनने के बाद से देश ने आर्थिक उदारीकरण के रास्ते में कई क़दम चले. जैसे, वैट, कॉर्पोरेट कर और दिवालियापन कानून की शुरूआत हुई. गैस सब्सिडी हटाई गई. बिज़नेस के विदेशी स्वामित्व पर अंकुश हटा और ईज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस बेहतर हुआ. आर्थिक उदारीकरण के अलावा देश में कुछ सामाजिक उदारीकरण भी हुआ. शराब, दंड, सहवास, शादी के बाहर के संबंध, विवाह के बाहर पैदा हुए बच्चों को लेकर क़ानून में ढील दी गई.

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शेख़ मोहम्मद बिन ज़ायद खुले तौर पर इस्लामी, मुस्लिम ब्रदरहुड, ईरान और ईरानी समर्थित समूहों का विरोध करते हैं. उनके राज में UAE ने आतंकी समूह ISIS के ख़िलाफ़ जंग में हिस्सा लिया. UAE का नेतृत्व मध्य-पूर्व में उग्रवादी इस्लामिज़्म को ख़तरा मानता है.

2019 में न्यूयॉर्क टाइम्स ने उन्हें ‘सबसे ताक़तवर अरब शासक’ क़रार दिया और उसी साल टाइम पत्रिका ने उन्हें 100 सबसे प्रभावशाली लोगों में से एक बताया था.

पहला दौरा याद कर भावुक हुए

इधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी UAE के दो-दिवसीय दौरे पर हैं. प्रधानमंत्री बनने के बाद से ये उनका सातवां UAE दौरा है. वो द्विपक्षीय वार्ता को आगे बढ़ाने और पहले हिंदू मंदिर का उद्घाटन करने के लिए खाड़ी देश गए हैं. उन्होंने रवाना होने से पहले एक बयान में कहा था,

"पिछले नौ सालों में व्यापार, रक्षा-सुरक्षा, खाद्य, ऊर्जा और शिक्षा जैसे अलग-अलग क्षेत्रों में UAE के साथ हमारा सहयोग कई गुना बढ़ गया है. हमारा सांस्कृतिक और लोगों से जुड़ाव पहले से कहीं ज़्यादा मज़बूत है."

UAE के राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय वार्ता के बाद PM मोदी ने एक भव्य प्रवासी इवेंट में हिस्सा लिया, 'अल्हान मोदी' (अरबी में 'नमस्ते मोदी'). 'मोदी मोदी' के नारे, पारंपरिक कार्यक्रम, अरबी और भारतीय भाषाओं के मिश्रण का इवेंट. वहां उन्होंने प्रधानमंत्री के तौर पर अपनी पहली UAE यात्रा (2015) का ज़िक्र किया. कहा,

“मुझसे पहले 30 सालों में किसी और भारतीय प्रधान मंत्री ने संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा नहीं की थी. मुझे सरकार में आए बहुत समय नहीं हुआ था. कूटनीति की दुनिया भी मेरे लिए नई थी. तब के क्राउन प्रिंस और अब राष्ट्रपति अल नाहयान अपने पांच भाइयों के साथ हवाई अड्डे पर मुझे लेने आए थे. वो स्नेह और उनकी आंखों की चमक कुछ ऐसी थी, जिसे मैं कभी नहीं भूल सकता.”

आज, 14 फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी स्वामी नारायण का उद्धाटन करेंगे.